एक जंगल में एक मेंढ़क रहता था। वह बहुत ही समझदार था। उसके पास कभी-कभी अपने दोस्तों को बहुत ही अच्छे नुस्खे और सलाह देने की आदत थी। एक दिन, उसके दोस्तों में से एक का घर आग लग गया। उसने मेंढ़क से मदद की उम्मीद की।
मेंढ़क तुरंत उसके पास पहुँचा और उसे बचाने के लिए कुछ योजनाएँ बनाने लगा। उसने दूसरे मेंढ़कों को भी बुलाया और सब मिलकर मजबूती से काम किया।
उन्होंने एक लम्बा रेगिस्तान निर्मित किया ताकि आग के जलने का रास्ता रोका जा सके। वे सभी मिलकर उस घर को बचा लाए और सबको सुरक्षित रखा।
इसके बाद, उसके दोस्त बहुत प्रशंसा करते हुए बोले, “तुम बहुत ही समझदार हो। तुम्हारी मदद से हमारा घर बच गया।”
मेंढ़क हँसते हुए बोला, “दोस्तों, समझदारी हर किसी के पास होती है, बस हमें उसे पहचानना होता है।”
इसके बाद से, उनके दोस्त मेंढ़क की सलाह को हमेशा सुनते रहे और उसे समझने लगे।
मोरल: हर किसी के पास कुछ न कुछ सीखने योग्य होता है, बस हमें उसे पहचानना होता है और उससे गुण लेना होता है।
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