राजा राममोहन राय: भारतीय पुनर्जागरण के प्रणेता

राजा राममोहन राय: भारतीय पुनर्जागरण के प्रणेता

प्रस्तावना:

राजा राममोहन राय भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण नेता और समाजसेवी थे, जिन्होंने अपने जीवन के माध्यम से भारतीय समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया। उनका योगदान भारतीय समाज में सामाजिक, धार्मिक, और आर्थिक सुधारों के लिए अविस्मर्णीय है।

जन्म और शिक्षा:

राजा राममोहन राय का जन्म 22 मई, 1772 को बंगाल के राधनगर में हुआ था। उन्होंने कोलकाता और ब्रिटेन में अपनी शिक्षा पूरी की।

समाजिक सुधारक:

राममोहन राय ने भारतीय समाज के लिए कई महत्वपूर्ण समाजिक सुधार किए। उन्होंने सती प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ लड़ा और धर्म सुधार की दिशा में काम किया।

धार्मिक सुधारक:

राममोहन राय ने अनेक धार्मिक बुद्धिजीवियों के साथ मिलकर धार्मिक सुधार की दिशा में काम किया। उन्होंने वेदांत धर्म को प्रोत्साहित किया और धार्मिक समाज में सुधार किए।

विदेशी शिक्षा:

राममोहन राय ने ब्रिटेन में अपनी शिक्षा पूरी की और वहाँ सामाजिक और धार्मिक सुधार के लिए आग्रह किया।

साहित्यिक योगदान:

राममोहन राय ने अपने साहित्यिक कौशल के माध्यम से भी भारतीय समाज को प्रेरित किया। उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में कई प्रमुख ग्रंथों का अनुवाद किया।

अंतिम दिन:

राममोहन राय का अंतिम समय 27 सितंबर, 1833 को हुआ। उनके निधन से पहले, उन्होंने भारतीय समाज में समाजिक, धार्मिक, और आर्थिक सुधार के लिए काम किया। उन्हें भारतीय समाज के पुनर्जागरण के प्रणेता के रूप में स्मृति में रखा जाता है।

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