प्रस्तावना:
सरोजिनी नायडू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शिखर पुरुषों के साथ ही एक महान महिला नेत्री थीं। उनका योगदान भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय है।
जन्म और बचपन:
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। उन्होंने अपने शिक्षा के दौरान समाजसेवा और राजनीतिक जागरूकता की ओर ध्यान दिया।
नारी सशक्तिकरण:
सरोजिनी नायडू ने नारी सशक्तिकरण के महत्व को समझते हुए अपने समाज में महिलाओं की उन्नति के लिए कई पहल की।
स्वतंत्रता संग्राम:
सरोजिनी नायडू ने स्वतंत्रता संग्राम के समय अपने नेतृत्व में कई आंदोलनों को आयोजित किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई।
साहित्य और संवाद:
सरोजिनी नायडू एक प्रमुख कवियत्री और लेखिका भी थीं। उनकी रचनाएँ भारतीय समाज को साहित्यिक और सामाजिक दृष्टिकोण से प्रभावित करती रही हैं।
अंतिम समय:
सरोजिनी नायडू का अंतिम समय 2 मार्च, 1949 को आया। उनका निधन एक बड़ी क्षति थी, लेकिन उनका समाजसेवा और स्वतंत्रता संग्राम में किया गया योगदान हमेशा याद किया जाएगा।