Hindi Grammar

Hindi विश्व की एक प्रमुख भाषा है और भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी है।

अव्यय(avyay)

अव्यय

अव्यय ऐसे शब्द होते हैं जो वाक्यों में जैसे के तैसे ही प्रयोग होते हैं, इन पर लिंग, वचन, पुरुष, कारक, संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। जैसे: जब, तब, कब, कहाँ, क्यों, कैसे, किसने, उधर, ऊपर, इधर, अरे, तथा, और, किन्तु, परंतु, लेकिन, क्योंकि, केवल, यहाँ, वहाँ आदि शब्द अव्यय […]

अव्यय Read More »

प्रत्यय

प्रत्यय (pratyay) प्रत्यय वे शब्द होते हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है प्रति अय। प्रति का अर्थ होता है ‘साथ में, पर बाद में’ और अय का अर्थ होता है ‘चलने वाला‘, अतः

प्रत्यय Read More »

उपसर्ग

उपसर्ग (upsarg) जो शब्दांश शब्दों के शुरुआत में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता या परिवर्तन लाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। उपसर्ग शब्द ‘उप‘ (समीप) तथा ‘सर्ग‘ (सृष्टि करना) शब्द के संयोग से बना है। हिंदी व्याकरण में प्रमुख उपसर्ग की संख्या 13 है, जबकि संस्कृत में प्रमुख उपसगों की संख्या 22 है। उपसर्ग

उपसर्ग Read More »

विराम चिन्ह

विराम चिन्ह किसे कहते हैं? Viram Chinh विराम चिन्ह: विराम का अर्थ है ‘रुकना’ या ‘ठहरना, अर्थात वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं थोड़ा-बहुत रुकना पड़ता है जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है। लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्नों का प्रयोग

विराम चिन्ह Read More »

अलंकार

अलंकार (Figure of Speech) : Alankar in Hindi परिभाषा: अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- ‘आभूषण; जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है- “अलम + कार“, यहाँ

अलंकार Read More »

विशेषण

विशेषण (Visheshan in Hindi) संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता (गुण, दोष, संख्या, परिमाण आदि) बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं। जैसे – बड़ा, काला, लंबा, दयालु, भारी, सुन्दर, कायर, टेढ़ा-मेढ़ा, एक, दो आदि। महत्वपूर्ण बिन्दु वाक्य में संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे काला कुत्ता। इस वाक्य

विशेषण Read More »

क्रिया

क्रिया की परिभाषा जिस शब्द अथवा शब्द-समूह के द्वारा किसी कार्य के होने अथवा किये जाने का बोध हो उसे Kriya कहते हैं। जैसे- सीता ‘नाच रही है। बच्चा दूध पी रहा है। सुरेश कॉलेज ‘जा रहा है। शिवा जी बहुत ‘वीर‘ थे। इनमें ‘नाच रही है, “पी रहा है, ‘जा रहा है‘ शब्दों से

क्रिया Read More »

सर्वनाम

Sarvanam: वह शब्द जो संज्ञा के बदले में आए उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तुम, हम, वह, आप, उसका, उसकी आदि। इस पोस्ट में सर्वनाम किसे कहते हैं? सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम के भेद और उनके उदाहरण आदि विस्तार से वर्कशीट सहित सरल हिन्दी भाषा में दिए गए हैं। सर्वनाम किसे कहते हैं? सर्वनाम

सर्वनाम Read More »

वर्तनी

वर्तनी हिंदी में शब्दों के शुद्ध रूप को Vertani कहा जाता है। हिंदी में लिखे गए शुद्ध शब्द की मात्राओं को वर्तनी कहा जाता है। वह शब्द किस प्रकार लिखा गया है और उसे लिखने में कौन सी मात्राओं का प्रयोग किया गया है उसे वर्तनी का नाम दिया गया है। शब्दों में वर्तनी की

वर्तनी Read More »

गद्यांश

गद्य क्या होता है? मनुष्य की बोलने या लिखने पढ़ने की छंदरहित साधारण व्यवहार की भाषा को गद्य (prose) कहा जाता है। हिन्दी साहित्य की रचनाएँ और रचनाकार उनके कालक्रम की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस पृष्ठ में हिन्दी के साहित्य, काव्य, रचनाएं, रचनाकार, कवि, साहित्यकार या लेखक दिये हुए हैं। हिन्दी की प्रमुख

गद्यांश Read More »