कम्प्यूटर एक स्वचालित तथा निर्देशों के अनुसार कार्य करने वाला 3 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो डेटा ग्रहण करता है तथा सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के अनुसार, किसी परिणाम के लिए डेटा को प्रोसेस, संग्रहीत अथवा प्रदर्शित करता है।
‘कम्प्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Computare‘ शब्द से हुई है। क परन्तु कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ‘कम्प्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति ‘Compute‘ शब्द से हुई है। सामान्यतः दोनों का ही अर्थ ‘गणना करना’ है।
अतः ‘कम्प्यूटर’ का तात्पर्य एक ऐसे यन्त्र से हैं; जिसका उपयोग गणना, प्रक्रिया, यान्त्रिकी, अनुसन्धान, शोध आदि कार्यों में किया जाता है। कम्प्यूटर, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संयोजन है, जो डेटा (Data) को सूचना (Information) में बदलता है।
कम्प्यूटर प्रणाली की कार्यपद्धति (Functioning of a Computer System)
कम्प्यूटर के द्वारा निम्न चार कार्य किए जा सकते हैं
1. इनपुट (Input) कम्प्यूटर में डेटा या सूचना को भेजना, इनपुट कहा जाता है। यह सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (Central Processing Unit) के लिए डेटा और निर्देश भेजता है।
2. प्रोसेसिंग (Processing) सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट कम्प्यूटर के निर्देशों को एक्जिक्यूट करता है।
3. आउटपुट (Output) यह उपयोगकर्ता को संसाधित डेटा उपलब्ध करता है।
4. स्टोरेज (Storage) यह डेटा और प्रोग्राम को स्थायी रूप से स्टोर करते हैं।
कम्प्यूटर की विशेषताएँ (Features of Computer)
कम्प्यूटर की मुख्य विशेषताएँ निम्न हैं
1. गति (Speed) कम्प्यूटर एक सेकण्ड में लाखों गणनाएँ करता है। वर्तमान समय में, कम्प्यूटर नैनो सेकण्ड (10 सेकण्ड) में भी गणनाएँ कर सकता है।
2. त्रुटि रहित कार्य (Accuracy) कम्प्यूटर कठिन से कठिन प्रश्न का बिना किसी त्रुटि (Error) के परिणाम निकाल देता है। गणना के दौरान अगर कोई त्रुटि पाई भी जाती है तो वह प्रोग्राम या डेटा में मानवीय गलतियों के कारण होती है।
3. भण्डारण क्षमता (Storage Capacity) कम्प्यूटर अपनी मैमोरी में सूचनाओं का विशाल भण्डार संचित कर सकता है। इसमें अथाह आँकड़ों एवं प्रोग्रामों के भण्डारण की क्षमता होती है। कम्प्यूटर के बाह्य (External) तथा आंतरिक (Internal) संग्रहण माध्यमों (हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम) में असीमित डेटा और
सूचनाओं का संग्रहण किया जा सकता है।
4. बहुउद्देशीय (Versatile) कम्प्यूटर की सहायता से विभिन्न प्रकार के कार्य संपन्न किए जा सकते हैं। आधुनिक कम्प्यूटरों में, अलग-अलग प्रकार के कार्य एक साथ करने की क्षमता है।
5. गोपनीयता (Secrecy) पासवर्ड (Password) के प्रयोग द्वारा कम्प्यूटर के कार्य को गोपनीय बनाया जा सकता है।
6. सक्षमता (Diligence) एक मशीन होने के कारण कम्प्यूटर पर बाहरी वातावरण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वह किसी भी कार्य को बिना रुके लाखों-करोड़ो बार कर सकता है।
7. स्वचालित (Automatic) कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है जिसमें गणना के दौरान मानवीय हस्तक्षेप की संभावना नगण्य रहती है। हालाँकि कम्प्यूटर को कार्य करने के लिए निर्देश मनुष्य द्वारा ही दिए जाते हैं।
कम्प्यूटर से सम्बन्धित शब्द (Terms Related to Computer)
हार्डवेयर (Hardware) कम्प्यूटर के सभी भाग (Parts), जिन्हें हम हाथों से छू सकते हैं एवं देख भी सकते हैं, उन्हें हार्डवेयर कहते हैं। यान्त्रिक, विद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक भाग कम्प्यूटर हार्डवेयर के नाम से जाने जाते हैं। आधुनिक कम्प्यूटर के हार्डवेयर मदर बोर्ड, मॉनीटर, की-बोर्ड, माउस, प्रिण्टर आदि होते हैं।
सॉफ्टवेयर (Software) एक निश्चित कार्य को सम्पन्न करने के लिए निर्देशों का समूह प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कहलाता है। प्रोग्राम कम्प्यूटर को इनपुट क्रियाओं, डेटा की प्रक्रिया और परिणामों को दर्शाने का निर्देश देता है; जैसे- नोटपैड, एम एस ऑफिस, गेम आदि।
डेटा (Data) डेटा तथ्यों और अव्यवस्थित ऑकड़ों का समूह है। डेटा को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है।
1. संख्यात्मक डेटा (Numerical Data) -इसमें 0 से 9 तक के अंको का प्रयोग किया जाता है; जैसे-परीक्षा में प्राप्त अंक, रोल नम्बर आदि।
2. चिह्नात्मक डेटा (Alphanumeric Data) -इसमें अंको, अक्षरों तथा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है; जैसे-कर्मचारियों का पता, पैन कार्ड नम्बर आदि।
3. प्रोसेसिंग (Processing) -डेटा पर की जाने वाली उन क्रियाओं को जिनसे सूचना प्राप्त होती है, प्रोसेसिंग कहा जाता है। डेटा प्रोसेसिंग (Data Processing) का मुख्य लक्ष्य अव्यवस्थित डेटा (Raw Data) से व्यवस्थित डेटा (Information) प्राप्त करना है, जिसका उपयोग निर्णय लेने के लिए होता है।
4. सूचना (Information) -जब डेटा को उपयोगी बनाने के लिए इसे संसाधित (व्यवस्थित), संगठित तथा संरचित किया जाता है, तो प्राप्त डेटा सूचना कहलाता है।
कम्प्यूटर विकास का इतिहास (History of Computer Evolution)
आधुनिक कम्प्यूटरों को अस्तित्व में आए हुए मुश्किल से 50 वर्ष ही हुए हैं, लेकिन उनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है। कम्प्यूटर हमारे जीवन के हर – पहलू में किसी-न-किसी तरह से सम्मिलित है। पिछल लगभग चार दशक में न कम्प्यटर ने हमारे समाज के रहन-सहन व काम करने के तरीके को बदल दिया है।
कम्प्यूटर के विकास का इतिहास निम्नलिखित सारणी में संक्षेप में बताया गया –
इन्हें भी जानें
- चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर का जनक कहा जाता है।
- 2 दिसम्बर प्रतिवर्ष विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस (Computer Literacy Day) के रूप में मनाया जाता है।
- आधुनिक कम्प्यूटर का जनक एलन ट्यूरिंग को कहा जाता है।
- पहला कम्प्यूटर आर्किटेक्चर जॉन वॉन न्यूमैन द्वारा 1948 में प्रस्तुत किया गया।
- सिद्धार्थ भारत में निर्मित पहला पर्सनल कम्प्यूटर है।
- एडसैक वह प्रारम्भिक ब्रिटिश कम्प्यूटर था, जो डिजिटल संग्रहीत प्रोग्राम पर आधारित था।
- पैकमेन नामक प्रसिद्ध कम्प्यूटर खेल के लिए निर्मित हुआ था।
कम्प्यूटर का वर्गीकरण (Classification of Computer)
कम्प्यूटरों को उनकी रूपरेखा, कामकाज, उद्देश्यों तथा प्रयोजनों इत्यादि के आधारों पर विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है।
1. आकार के आधार पर (On the Basis of Size)
2. उद्देश्य के आधार पर (On the Basis of Purpose)
3. अनुप्रयोग के आधार पर (On the Basis of Applications)
आकार के आधार पर कम्प्यूटर पाँच प्रकार के होते हैं, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है
1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computers)
वर्ष 1970 में तकनीकी क्षेत्र में इण्टेल द्वारा माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) का आविष्कार हुआ, जिसके प्रयोग से कम्प्यूटर प्रणाली काफी सस्ती हो गई। ये कम्प्यूटर इतने छोटे होते थे कि इन्हें डेस्क (Desk) पर सरलतापूर्वक रखा जा सकता था। इन्हें कम्प्यूटर ऑन ए चिप भी कहा जाता है। आधुनिक युग में माइक्रो कम्प्यूटर फोन के आकार, पुस्तक के आकार तथा घड़ी के आकार तक में उपलब्ध है। इनकी क्षमता लगभग 1 लाखसंक्रियाएँ प्रति सेकण्ड होती हैं। इन कम्प्यूटरों का उपयोग मुख्यतया व्यवसाय तथा चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। आजकल ये सभी PC की श्रेणी में आते हैं। PCs को नेटवर्क के रूप में कनेक्ट किया जा सकता है। इसके उदाहरण हैं- IMAC, IBM, PS/2, APPLE MAC इत्यादि।
माइक्रो कम्प्यूटर्स कई प्रकार के होते है।
(i) डेस्कटॉप कम्प्यूटर (Desktop Computer)
यह पर्सनल कम्प्यूटर का सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला रूप (form) है। इस तथ्य के बावजूद कि PCs को छोटा करके आज लैपटॉप और पामटॉप का आकार दे दिया है, फिर भी अधिकांश घरों और व्यापारिक स्थानों पर आपको डेस्कटॉप ही मिलेंगें, क्योंकि ये सस्ते, टिकाऊ और ज्यादा चलने वाले होते हैं।
(ii) लैपटॉप (Laptop)
विगत कुछ वर्षों मे हुए तकनीकी विकास ने माइक्रो कम्प्यूटरों का आकार इतना सूक्ष्म कर दिया है कि उन्हें सरलतापूर्वक इधर-उधर ले जाया जा सकता है और साधारण व्यक्ति भी उनको खरीदकर उपयोग में ला सकता है। ऐसे कम्प्यूटरों को लैपटॉप कहा जाता है। लैपटॉप को कभी-कभी नोटबुक (Notebook) भी कहा जाता है।
(iii) पामटॉप (Palmtop)
यह लैपटॉप की तरह पोर्टेबल पर्सनल कम्प्यूटर है। यह लैपटॉप से भी हल्का और छोटा होता है। यह हैण्डहेल्ड ऑपरेटिंग प्रणाली का इस्तेमाल करता है।
(iv) टैबलेट पर्सनल कम्प्यूटर (Tablet Personal Computer)
टैबलेट और लैपटॉप एक तरह से समान हैं परन्तु टैबलेट PC नोटबुक कम्प्यूटर से ज्यादा सुविधाजनक है। ये दोनों ही पोर्टेबल हैं। परन्तु प्रयुक्त सॉफ्टवेयर, स्क्रीन आदि की विभिन्नता से दोनों में अन्तर है। टैबलेट PC की स्क्रीन पर आप बिना की-बोर्ड की सहायता से लिख सकते हैं। परन्तु नोटबुक पर नहीं।
v) पर्सनल डिजिटल असिस्टैन्ट
(Personal Digital Assistant) ( PDA या डिजिटल डायरी भी एक पोर्टेबल कम्प्यूटर ही है लेकिन यह सभी काम नहीं कर सकता। मुख्यतः इसका उपयोग छोटे ऑकड़ों और सूचनाओं; जैसे-फोन नम्बर, ई-मेल, पता, आदि के भण्डारण में किया जाता है।
(vi) वर्कस्टेशन (Workstation)
यह अभियान्त्रिकी, तकनीकी और ग्राफिक्स के कार्यों के साथ-साथ कम्प्यूटर के एकल व्यक्ति के साथ पारस्परिक व्यवहार में भी प्रयोग होता है।
2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computers)
मध्यम आकार के इन कम्प्यूटरों की कार्यक्षमता तथा कीमत दोनों ही माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में अधिक होती है; जिस कारण ये व्यक्तिगत प्रयोग में नहीं लाए जाते है।
इस प्रकार के कम्प्यूटरों पर एक या एक से अधिक व्यक्ति एक समय में एक से अधिक कार्य कर सकते हैं। इनका उपयोग प्रायः छोटी या मध्यम स्तर की कम्पनियाँ करती है। मिनी कम्प्यूटर की गति 10 से 30 MIPS (Mega Instructions Per Second) होती है। इसके उदाहरण हैं- HP 9000, RISC 6000, BULL HN-DPX2 और AS 400 आदि।
3. मेनफ्रेम यूटर (Mainframe Computers)
आकार में अत्यधिक बड़े ये कम्प्यूटर कार्यक्षमता और कीमत में भी मिनी तथा माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होते हैं। अतः बड़ी कम्पनियों तथा बैंक या सरकारी विभागों में एक केन्द्रीय कम्प्यूटर के रूप में इनका प्रयोग होता है। मेनफ्रेम कम्प्यूटर को ऐक्सेस करने के लिए उपयोगकर्ता प्रायः नोड का इस्तेमाल करते है। अधिकत्तर कम्पनियों में मेनफ्रेम कम्प्यूटरों का उपयोग भुगतानों का ब्यौरा रखने, बिलों को भेजने, कर्मचारियों का भुगतान करने, उपभोक्ताओं द्वारा खरीदी वस्तुओं का ब्यौरा रखने इत्यादि कार्यों में किया जाता है। इसके उदाहरण हैं- CRAY-1, CDS- CYBER, IBM 4381, ICL 39, UNIVAC-1110 आदि।
4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computers)
सुपर कम्प्यूटर सर्वाधिक गति, संग्रह क्षमता एवं उच्च विस्तार वाले होते हैं। इनका आकार एक सामान्य कमरे के बराबर होता है। विश्व का प्रथम सुपर कम्प्यूटर ‘क्रे रिसर्च कम्पनी’ द्वारा 1976 में विकसित क्रे-1 (Cray-1) था। भारत के पास भी एक सुपर कम्प्यूटर है, जिसका नाम परम (PARAM) है, इसका विकास C-DAC ने किया है। इसका विकसित रूप ‘परम-10000‘ भी तैयार कर लिया गया है। सुपर कम्प्यूटर का मुख्य उपयोग मौसम की भविष्यवाणी करने, एनीमेशन तथा चलचित्र का निर्माण करने, अन्तरिक्ष यात्रा के लिए अन्तरिक्ष यात्रियों को अन्तरिक्ष में भेजने, बड़ी वैज्ञानिक और शोध प्रयोगशालाओं में शोध व खोज करने इत्यादि कार्यों में किया जाता है। इसके उदाहरण हैं- PARAM, PARAM-10000, CRAY-1, CRAY-2, NEC-500 आदि।
उद्देश्य के आधार पर
उद्देश्य के आधार पर कम्प्यूटर दो प्रकार के होतें हैं, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है।
सामान्य उद्देश्यीय कम्प्यूटर (General Purpose Computer)
सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इन कम्प्यूटरों का प्रयोग किया जाता है। इनके द्वारा दस्तावेज तैयार करने, उन्हें छापने, डेटाबेस बनाने तथा शब्द प्रक्रिया द्वारा पत्र तैयार करने, इत्यादि सामान्य कार्य किए जाते हैं।
विशिष्ट उद्देश्यीय कम्प्यूटर (Special Purpose Computer)
विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इन कम्प्यूटरों का प्रयोग किया जाता है। इनका उपयोग अन्तरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान, उपग्रह संचालन, यातायात नियन्त्रण, कृषि-विज्ञान, इंजीनियरिंग, भौतिक तथा रासायनिक विज्ञान में शोध, उपग्रह संचालन इत्यादि क्षेत्रों में विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसमें प्रयोग किए गए CPU की क्षमता अधिक तीव्र होती है, जिस कारण विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति होती है।
अनुप्रयोग के आधार पर
अनुप्रयोग के आधार पर कम्प्यूटर तीन प्रकार के होते हैं, जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत् है
1. एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)
भौतिक मात्राओं; जैसे- दाब (Pressure), तापमान, लम्बाई, पारे इत्यादि को मापकर उनके परिणाम को अंको में प्रस्तुत करने के लिए एनालॉग कम्प्यूटर का उपोयग किया जाता है क्योंकि ये कम्प्यूटर मात्राओं को अंको में प्रस्तुत करते हैं, इसलिए इनका उपयोग विज्ञान और इन्जीनियरिंग क्षेत्रों में अधिक किया जाता है। इसके उदाहरण हैं- स्पीडोमीटर, भूकम्प-सूचक यन्त्र आदि।
2. डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
अंको की गणना करने के लिए डिजिटल कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। आधुनिक युग में प्रयुक्त अधिकतर कम्प्यूटर डिजिटल कम्प्यूटर की श्रेणी में ही आते हैं। ये इनपुट किए गए डेटा और प्रोग्राम्स को 0 और 1 में परिवर्तित करके इन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रयुक्त करते हैं। डिजिटल कम्प्यूटर का उपयोग व्यापार में, घर के बजट में एनीमेशन के क्षेत्र में विस्तृत रूप से किया जाता है। इसके उदाहरण हैं- डेस्कटॉप कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि।
3 . हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) हाइब्रिड कम्प्यूटर
उन कम्प्यूटरों को कहा जाता है, जिनमें एनालॉग तथा डिजिटल दोनों ही कम्प्यूटरों के गुण सम्मिलित हों अर्थात् एनालॉग तथा डिजिटल के मिश्रित रूप को हाइब्रिड कम्प्यूटर कहा जाता है। इसके द्वारा भौतिक मात्राओं को अंको में परिवर्तित करके उसे डिजिटल रूप में ले आते है। चिकित्सा के क्षेत्र में इसका सर्वाधिक उपयोग होता है। इसके उदाहरण हैं- ECG और DIALYSIS मशीन।
कम्प्यूटर के अनुप्रयोग (Applications of Computer)
आधुनिक युग में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो, जहाँ कम्प्यूटर का प्रयोग न होता हो, कुछ मुख्य क्षेत्रों में, कम्प्यूटर के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं।
1. शिक्षा (Education)
इन्टरनेट के माध्यम से हम किसी भी विषय की जानकारी कुछ ही क्षणों में प्राप्त कर सकते हैं। मल्टीमीडिया के विकास और इन्टरनेट की सुलभता ने कम्प्यूटर को विद्यार्थियों के लिए अत्यन्त उपयोगी बना दिया है।
2. बैंक (Banks)
बैंकिंग क्षेत्र में तो कम्प्यूटर के अनुप्रयोग ने क्रान्ति ही ला दी है। आज बैंकों के अधिकांश समयसाध्य कार्य; जैसे ऑनलाइन बैंकिंग, एटीएम द्वारा पैसे निकालना, चेक का भुगतान, रुपया गिनना इत्यादि, कम्प्यूटर के द्वारा सहज ही सम्भव हैं।
3. संचार (Communication)
कम्प्यूटर के प्रयोग ने संचार के क्षेत्र में इन्टरनेट के प्रयोग को सम्भव बनाया है। आधुनिक संचार व्यवस्था की तो कम्प्यूटर के अभाव में कल्पना भी नहीं की जा सकती। टेलीफोन और इंटरनेट में चार क्रांति को जन्म दिया है। तंतु प्रकाशिकी संचरण (Fiberoptics Communication) में भी कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है।
4. चिकित्स (Medicine)
चिकित्सा के क्षेत्र में कम्प्यूटर का अनुप्रयोग विभिन्न शारीरिक रोगों का पता लगाने के लिए किया जाता है। रोगों का विश्लेषण तथा निदान भी कम्प्यूटर द्वारा सम्भव है। आधुनिक युग में एक्स-रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउण्ड इत्यादि विभिन्न जाँचों में कम्प्यूटर का प्रयोग विस्तृत रूप से हो रहा है।
5. वायुयान तथा रेलवे आरक्षण (Air-lines and Railway Reservation)
एक स्थान-से-दूसरे स्थान पर वायुयान तथा रेल द्वारा जाने के लिए आरक्षण कम्प्यूटर द्वारा ही किए जाते हैं तथा कम्प्यूटर द्वारा ही हम घर बैठे निर्धारित समय की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
6.मनोरंजन (Recreation)
मनोरंजन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का उपयोग प्रायः सिनेमा, टेलीविजन कार्यक्रमों, वीडियो गेम इत्यादि रूपों में किया जाता है। मल्टीमीडिया के प्रयोग ने तो कम्प्यूटर को बहुआयामी बना दिया है।
7. प्रशासन (Administration)
हर एक संस्थान में अपना एक आन्तरिक प्रशासन होता है और प्रशासनिक कार्य कम्प्यूटर्स से ही किए जाते हैं।
8. सुरक्षा (Security)
आज बिना कम्प्यूटर के हमारी सुरक्षा-व्यवस्था बिल्कुल कमजोर हो जाएगी। एयरक्राफ्ट को ट्रैक करने, हवाई हमले आदि में कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है।
9. वाणिज्य (Commerce)
दुकान, बैंक, बीमा क्रेडिट कम्पनी आदि में कम्प्यूटर का अधिकतम उपयोग करते हैं। कम्प्यूटर के बिना काम करना वित्तीय (Financial) दुनिया के लिए असम्भव हो गया है।
10. विज्ञान और इन्जीनियरिंग (Science and Engineering)
कम्प्यूटर का उपयोग कठिन गणितीय और वैज्ञानिक गणनाओं को करने में किया जाता है। इनके अतिरिक्त, कम्प्यूटर कई तरह के रिकॉर्ड का संग्रहण करने, अकाउण्ट्स, पुस्तकालय में किताबों या पत्रिकाओं को सहेजने में भी सहायता करता है।
11. उद्योग (Industry)
बहुत सारे औद्योगिक संस्थान; जैसे स्टील, कैमिकल, तेल कम्पनी आदि कम्प्यूटर पर निर्भर हैं। संयन्त्र प्रक्रियाओं के वास्तविक नियन्त्रण के लिए भी कम्प्यूटर का उपयोग करते हैं।
12. ई-कॉमर्स (E-Commerce)
ई-कॉमर्स इन्टरनेट की एक उपयोगिता है. जिसकी राहायेता से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से व्यापार किया जाता है। Commerce शब्द का अर्थ लेन-देन अर्थात् व्यापार है और यदि लेन-देन Computer तथा उसके नेटवर्क तथा संचार प्रणाली की सहायता से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में किया जाए तो इसे ई-कॉमर्स कहते हैं।
इन्हें भी जानें
- डिजिटल घड़ी में माइक्रो कम्प्यूटर पाया जाता है।
- सर्वप्रथम पंच कार्ड का प्रयोग जोसेफ मेरी ने किया था।
- इण्टीग्रेटेड सर्किट अर्द्धचालक पदार्थ सिलिकॉन (Si) या जर्मेनियम (Ge) के बने होते हैं।
- विश्व का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर IBM का ब्लू जीन (Blue Gene) है।
- भारत का सचसे तेज कम्प्यूटर एका (EKA) है।
- एक छोटे सिलिकॉन चिप पर ट्रांजिस्टरों और अन्य इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ पूर्ण इलैक्ट्रॉनिक सर्किट को इण्टीग्रेटेड सर्किट कहते हैं।