कम्प्यूटर, डेटा के निरूपण के लिए बाइनरी भाषा का प्रयोग करता है। ये बाइनरी भाषा 0 और 1 से मिलकर बनी होती है। उपयोगकर्ता कम्प्यूटर को जो भी डेटा या निर्देश इनपुट के रूप में देता है या कम्प्यूटर से जो भी आउटपुट प्राप्त करता है, वह अक्षर, संख्या, संकेत, ध्वनि या वीडियो के रूप में होता है। इन सभी डेटा या निर्देशों को पहले बाइनरी भाषा में बदलना पड़ता है अर्थात् डेटा को 0 और 1 के रूप में प्रस्तुत करना पड़ता है। इस प्रक्रिया को ‘डेटा निरूपण’ कहते हैं।
संख्या पद्धति (Number System)
संख्या पद्धति के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की संख्याओं का समूह होता है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में किसी डेटा/निर्देश को व्यक्त करने के लिए करते हैं। कम्प्यूटर को डेटा या निर्देश अलग-अगल संख्या पद्धति में दिया जाता है और कम्प्यूटर अलग-अलग संख्या पद्धति में डेटा को निरूपित करता है, किन्तु आन्तरिक रूप से किसी कार्य को करने के लिए कम्प्यूटर बाइनरी भाषा का ही प्रयोग करता है।
संख्या पद्धति के प्रकार (Types of Number System)
कम्प्यूटर सिस्टम द्वारा प्रयोग की जाने वाली संख्या पद्धतियाँ मुख्यतः चार प्रकार की होती हैं
(1) बाइनरी संख्या पद्धति
(2) दशमलव संख्या प्रणाली
(3) ऑक्टल संख्या पद्धति
(4) हेक्साडेसीमल संख्या पद्धति
1. बाइनरी या द्वि-आधारी संख्या प्रणाली (Binary Number System)
इस संख्या प्रणाली में केवल दो अंक होते हैं- 0 (शून्य) और 1 (एक)। जिस कारण इसका आधार 2 होता है। इसलिए इसे द्वि-आधारी या बाइनरी संख्या प्रणाली कहा जाता है। जिस प्रणाली में कम्प्यूटर की मुख्य पद्धति बनती है, वह स्विच की तरह कार्य करती है। स्विच की केवल दो स्थितियाँ होती हैं- ऑन (ON) तथा ऑफ (OFF)। इसके अलावा कोई तीसरी स्थिति सम्भव नहीं है। इस आधार पर कम्प्यूटर संख्या प्रणाली में 0 (शून्य) का अर्थ ऑफ से तथा 1 (एक) का अर्थ ऑन से लगाया जाता है। बाइनरी प्रणाली का आधार 2 होने के कारण उसके स्थानीय मान दाई ओर से बाईं ओर क्रमशः दोगुने होते जाते हैं अर्थात् 1, 2, 4, 8, 16, 32, 64 आदि।
ये संख्याएँ द्वि-आधार के घातों में क्रमशः 20,21,22,23,24,25,26 आदि के रूप में लिखी जा सकती हैं। इसी प्रकार बाइनरी बिन्दु (Binary Point) के बाईं ओर स्थानीय मान 2 की घातों के रूप में ही घटते हैं; जैसे- 2-1,2-2,2-3, आदि।
2. दशमलव या दशमिक संख्या प्रणाली (Decimal Number System)
दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाली संख्या पद्धति को दशमिक या दशमलव संख्या प्रणाली कहा जाता है। इस संख्या प्रणाली में 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, और 9 ये दस संकेत मान (Symbol Value) होते है। जिस कारण इस संख्या प्रणाली का आधार 10 होता है। दशमलव प्रणाली का स्थानीय मान (Positional Value) संख्या के दाई से बाई दिशा में आधार (Base) 10 की घात की वृद्धि के क्रम के रूप में होता है। दशमलव प्रणाली के स्थानीय मानों को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है।
इससे स्पष्ट है कि दशमलव संख्या प्रणाली में स्थानीय मान दाईं ओर से बाईं ओर 10 की घात के रूप में बढ़ते जाते हैं। इसी तरह दशमलव बिन्दु (Decimal Point) के दाईं ओर स्थानीय मान 10 की घातों के रूप में ही घटते जाते हैं; जैसे 101, 102, 103, 10-4.. आदि किसी संख्या के वास्तविक मान का पता करने के लिए उसके प्रत्येक अंक के मुख्य मान को उसके स्थानीय मान से गुणा करते हैं और उन्हें जोड़ लेते हैं।
उदाहरण के लिए दशमलव संख्या 3437 का अर्थ है
3. ऑक्टल एक आठ-आधार संख्या प्रणाली है
ऑक्टल संख्या प्रणाली में 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6 और 7 इन आठ अंको का प्रयोग किया जाता है। जिस कारण इसका आधार 8 होता है। इन अंकों के मुख्य मान दशमलव संख्या प्रणाली की तरह ही होते हैं। ऑक्टल संख्या प्रणाली इसलिए सुविधाजनक है, क्योंकि इसमें किसी भी बाइनरी संख्या को छोटे रूप में लिख सकते हैं।
उदाहरण के लिए
इस प्रणाली का प्रयोग मुख्यतः माइक्रो कम्प्यूटरों में किया जाता है। आधार 8 होने का कारण अष्टमिक संख्या प्रणाली में अंकों के स्थानीय मान दाईं ओर से बाईं ओर क्रमशः आठ गुने होते जाते हैं। अर्थात् 80,81,82, 83, 8-1.8-2.8-3. आदि तथा ऑक्टल बिन्दु दाईं ओर क्रमशः आदि होते हैं।
उदाहरण के लिए ऑक्टल संख्या (144) का अर्थ है
नोट किसी भी संख्या को प्रदर्शित करते समय संख्या को कोष्ठकों में बन्द करके दाईं ओर नीचे उसका आधार (Base) लिख दिया जाता है, जिससे हमें पता चलता है कि दी गई संख्या किस प्रणाली की है।
4. हेक्सा-डेसीमल या षट्दशमिक संख्या प्रणाली
हेक्सा-डेसीमल शब्द दो अक्षरों से मिलकर बना है हेक्सा डेसीमल। हेक्सा से तात्पर्य छः तथा डेसीमल से तात्पर्य दस से होता है। अतः इस संख्या प्रणाली में कुल सोलह [16] (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, A, B, C, D, E, F) अंक होते हैं। इसके मुख्य मान क्रमशः 0 से 15 तक होते हैं, परन्तु 10, 11, 12, आदि को दो अलग-अलग अंक न समझ लिया जाए, इसलिए हम अंकों 10, 11, 12, 13, 14 और 15 के स्थान पर क्रमशः A, B, C, D, E, तथा F अक्षर लिखते हैं। इस प्रकार इस प्रणाली में दस अंक तथा छः वर्णों का प्रयोग किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, ए, बी, सी, डी, ई, एफ
हेक्सा-डेसीमल संख्या प्रणाली में अंको के स्थानीय मान दाईं ओर से बाईं ओर 16 के गणकों में बढ़ते हैं;
जैसे- 160, 161, 162, 163, आदि इसी प्रकार हेक्सा-डेसीमल बिन्दु के बाद इसके स्थानीय। मान 16 के गुणकों में घटते हैं; जैसे- 161, 162,163,164, आदि।
उदाहरण के लिए हेक्सा-डेसीमल (F6A4) 16 का अर्थ है
हम किसी भी संख्या को किसी भी संख्या प्रणाली में लिख सकते हैं।
उदाहरण के लिए, पहली 16 संख्याओं को दशमलव, ऑक्टल, बाइनरी तथा हेक्सा-डेसीमल में निम्न प्रकार लिखा जाता है-
संख्या पद्धतियों का आपस में परिवर्तन (Conversion between Number System)
एक पद्धति से दूसरी संख्या पद्धतियों में परिवर्तन आवश्यक होता है, क्योंकि उपयोगकर्ता (User) द्वारा इनपुट किया गया डेटा दशमलव संख्या पद्धति में होता है। जिसके बाद कम्प्यूटर इस इनपुट किए गए डेटा को उस संख्या पद्धति में बदल देता है, जिसमें उसे सुविधा हो। एक डिजिटल कम्प्यूटर सिस्टम में एक समय में तीन या चार संख्या पद्धतियों का प्रयोग किया जाता है। इसी कारण से संख्या पद्धतियों को आपस में परिवर्तित कराया जाता है।
विभिन्न संख्या पद्धतियों को आपस में परिवर्तित करने की चर्चा आगे की गई हैं
1. दशमलव का अन्य संख्या पद्धतियों में परिवर्तन
दशमलव (पूर्णांक) को बाइनरी में बदलने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का अनुसरण करना चाहिए
- स्टेप 1 दशमलव को बाइनरी संख्या में परिवर्तित करने के लिए बाइनरी संख्या के आधार 2 से दशमलव संख्या को भाग देते हैं।
- स्टेप 2 इसमें जो शेषफल आता है, उसे दाएँ लिख लेते हैं तथा जो भागफल आता है, उसे फिर से 2 से भाग देते हैं। तत्पश्चात् यही क्रिया दोहराते हैं।
- स्टेप 3 यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक कि भागफल शून्य न हो जाए।
- स्टेप 4 प्राप्त शेषफलों को नीचे से ऊपर के क्रम में लिखा जाता है। यही शेषफल दिए गए दशमलव संख्या के तुल्य बाइनरी संख्या है।
(ii) दशमलव (भिन्नांक) का बाइनरी में परिवर्तन (Conversion of Decimal Fraction into Binary)
दशमलव (भिन्नांक) को बाइनरी में बदलने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का अनुसरण करना चाहिए
- स्टेप 1 दशमलव बिन्दु वाली दशमलव संख्या को बाइनरी संख्या में बदलने के लिए हम दशमलव संख्या को बाइनरी के आधार चिन्ह 2 से गुणा करते हैं।
- स्टेप 2 प्राप्त पूर्णांक (1 या 0) को दाईं ओर लिखते हैं तथा प्राप्त भिन्नांक को फिर से 2 से गुणा करते हैं। तत्पश्चात् यही क्रिया दोहराते हैं।
- स्टेप 3 यही प्रक्रिया तब तक चलती हैं, जब तक या तो भिन्नांक 0 रह जाता है या इच्छित स्थानों तक बिट भर जाते हैं।
- स्टेप 4 ये पूर्णांक बाइनरी बिन्दु के पश्चात् ऊपर से नीचे के क्रम में लिखे जाते हैं।
उदाहरण के लिए
दशमलव संख्या (53.6875) 10 को बाइनरी में बदलना।
(iii) दशमलव (पूर्णांक) का ऑक्टल में परिवर्तन (Conversion of Decimal Interger to Octal)
दशमलव संख्या को ऑक्टल में बदलने की विधि ठीक उसी प्रकार होती है, जिस प्रकार दशमलव संख्या को बाइनरी में बदलने की होती है। अन्तर केवल यही होता है कि जहाँ दशमलव संख्या को बाइनरी में बदलने के लिए 2 से बार-बार भाग देते हैं, वहीं ऑक्टल में बदलने के लिए 8 से बार-बार भाग देते हैं।
(iv) दशमलव (भिन्नांक) का ऑक्टल में परिवर्तन (Conversion of Decimal Fraction to Octal)
दशमलव भिन्नांक को ऑक्टल में बदलने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का अनुसरण करना चाहिए
- स्टेप 1 दशमलव बिन्दु वाली दशमलव संख्या को ऑक्टल संख्या में बदलने के लिए हम दशमलव संख्या को ऑक्टल के आधार चिन्ह 8 से गुणा करते हैं।
- स्टेप 2 प्राप्त पूर्णांक (1 या 0) को दाईं ओर लिखते हैं तथा भिन्नांक को फिर से 8 से भाग देते हैं। तत्पश्चात् यही क्रिया दोहराते हैं।
- स्टेप 3 यही प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक या तो भिन्नांक ० रह जाता है या इच्छित स्थानों तक बिट भर जाते हैं।
- स्टेप 4 ये पूर्णांक ऑक्टल बिन्दु के पश्चात् ऊपर से नीचे के क्रम में लिखे जाते हैं।
- उदाहरण के लिए
(v) दशमलव (पूर्णांक) का हेक्सा-डेसीमल में परिवर्तन
दशमलव संख्या को हेक्सा-डेसीमल में बदलने की विधि ठीक उसी प्रकार होती है, जिस प्रकार दशमलव संख्या को बाइनरी में बदलने की होती है।
अन्तर केवल यही होता है कि इसमें 2 की जगह 16 से बार-बार भाग देते हैं।
(vi) दशमलव (भिन्नांक) का हेक्सा-डेसीमल में परिवर्तन
- दशमलव (भिन्नांक) को हेक्सा-डेसीमल में बदलने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का अनुसरण करना चाहिए
स्टेप 1 दशमलव बिन्दु वाली दशमलव संख्या को हेक्सा-डेसीमल संख्या में बदलने के लिए हम दशमलव संख्या को हेक्सा- डेसीमल के आधार चिन्ह 16 से गुणा करते हैं। - स्टेप 2 प्राप्त पूर्णांक (1 या 0) को दाईं ओर लिखते हैं और भिन्नांक को फिर से 16 से भाग देते हैं। तत्पश्चात् यही क्रिया दोहराते
- स्टेप 3 यही प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक या तो भिन्नांक 0 रह जाता है या इच्छित स्थानों तक बिट भर जाते हैं।
- स्टेप 4 ये पूर्णांक हेक्सा-डेसीमल बिन्दु के पश्चात् ऊपर से नीचे के क्रम में लिखे जाते हैं।
उदाहरण के लिए
2. बाइनरी का अन्य संख्या पद्धतियों में परिवर्तन
(i) बाइनरी (पूर्णांक) का दशमलव में परिवर्तन (Conversion of Binary Integer into Decimal)
किसी बाइनरी संख्या को दशमलव प्रणाली में परिवर्तित करने के लिए हम प्रत्येक बिट को उनके स्थानीय मान से गुणा करके जोड़ देते हैं। प्राप्त संख्या ही बाइनरी का दशमलव में परिवर्तन होता है।
(ii) बाइनरी (भिन्नांक) का दशमलव में परिवर्तन
बाइनरी बिन्दु से पहले अर्थात् पूर्णांक (Integer) के स्थानीय मान दाईं पक्ष से दशमलव में क्रमशः 1, 2, 4, 8, 16, 32, 64 आदि हैं और बाइनरी बिंदु से दाईं ओर अंश के बिट्स के स्थानीय मान 2-1,2-2 हैं, क्रमशः 2-3...आदि हैं
अर्थात् 0.5, 0.25, 0.125, 0.0625 आदि।
उदाहरण के लिए
(iii) बाइनरी (पूर्णांक) का ऑक्टल में परिवर्तन
चूँकि, बाइनरी संख्या का आधार 2 तथा ऑक्टल संख्या का आधार 8 होता है और हम जानते हैं, 8=2×2×2=23
इसलिए, प्रक ऑक्टल अंक को तीन बाइनरी अंको अर्थात् बिटों में बदल सकते हैं और लगातार 3 बिटों के प्रत्येक समूह को एक ऑक्टल संख्या में बदला जा सकता है। बाइनरी का ऑक्टल में परिवर्तन के लिए निम्नलिखित सूची का प्रयोग किया जाता है।
इस सूची की सहायता से किसी भी बाइनरी संख्या को सरलता से ऑक्टल में परिवर्तित किया जाता है। इसके लिए निम्नलिखित स्टेप्स का अनुसरण करना चाहिए
- स्टेप 1 दी गई बाइनरी संख्या के दाई ओर से तीन-तीन बिटों के समूह बनाते हैं।
- स्टेप 2 आवश्यकता पड़ने पर सबसे बाईं ओर तीन बिट का समूह पूरा करने के लिए शून्य अंक बढ़ाए जा सकते हैं।
- स्टेप 3 तत्पश्चात् प्रत्येक समूह के अनुसार ऑक्टल अंक का मान रखते हैं।
(iv) बाइनरी (भिन्नांक) का ऑक्टल में परिवर्तन (Conversion of Binary Fraction into Octal)
बाइनरी (भिन्नांक) को ऑक्टल में परिवर्तित करने के लिए ऊपर दी गई सारणी का ही प्रयोग किया जाता है। इसके लिए निम्नलिखित स्टेप्स का अनुसरण करे
- स्टेप 1 दी गई संख्या में बाइनरी बिन्दु के बाईं ओर से तीन-तीन बिटों के समूह बनाते हैं।
- स्टेप 2 आवश्यकता पड़ने पर सबसे दाईं ओर शून्य अंक बढ़ाए जा सकते हैं।
- स्टेप 3 तत्पश्चात् प्रत्येक समूह के अनुसार ऑक्टल अंक का मान रखते हैं।
(V) बाइनरी (पूर्णांक) का हेक्सा-डेसीमल में परिवर्तन (Conversions Hexadecimal) of Binary Integer to
चूँकि, बाइनरी संख्या का आधार 2 होता है तथा हेक्सा-डेसीमल संख्या का आधार 16 होता है और हम जानते हैं 16=2×2×2×2=24 अतः प्रत्येक हेक्सा-डेसीमल अंक को चार बाइनरी अंको अर्थात् बिटों में बदल सकते हैं और लगातार चार बिटों के प्रत्येक समूह को एक हेक्सा- डेसीमल संख्या में बदला जा सकता है। बाइनरी हेक्सा-डेसीमल में परिवर्तन के लिए निम्नलिखित सूची का प्रयोग किया जाता है, जिसमें सभी हेक्सा-डेसीमल संख्या के बराबर 4 बाइनरी अंक दिए गए हैं
इस सूची की सहायता से किसी भी बाइनरी संख्या को सरलता से हेक्सा- डेसीमल में परिवर्तित किया जाता है। इसके लिए निम्नलिखित स्टेप्स का अनुसरण करें
- स्टेप 1 दी गई बाइनरी संख्या के दाईं ओर से चार-चार बिटों के समूह बनाते हैं।
- स्टेप 2 आवशयकता पड़ने पर सबसे बाईं ओर शून्य अंक बढ़ाए जा सकते हैं।
- स्टेप 3 तत्पश्चात् प्रत्येक समूह के अनुसार हेक्सा-डेसीमल का मान रखते हैं।
(vi) बाइनरी (भिन्नांक) का हेक्सा-डेसीमल में परिवर्तन (Conversion Hexadecimal) of Binary Fraction to
बाइनरी (भिन्नांक) को हेक्सा-डेसीमल में परिवर्तन करने के लिए ऊपर दी गई सारणी-2 का ही प्रयोग किया जाता है। इसके लिए निम्नलिखित स्टेप्स का अनुसरण करें
- स्टेप 1 दी गई संख्या के बाई ओर से (बाइनरी बिन्दु के तुरन्त बाद) चार-चार बिटों के समूह बनाते हैं।
- स्टेप 2 आबश्यकता पड़ने पर सबसे दाईं ओर शून्य अंक बढ़ाए जा सकते हैं।
- स्टेप 3 तत्पश्चात् प्रत्येक समूह के अनुसार हेक्सा-डेसीमल का मान रखते हैं।
उदहारण के लिए
बाइनरी संख्या (110011011101.10110011), का हेक्सा-डेसीमल में परिवर्तन
1100 1101 1101. 1011 0011
12सी 13डी 13डी 11-बी 3.. (110011011101.10110011)2=(सीडीडीबी3)16
नोट बाइनरी संख्या को हेक्सा-डेसीमल या ऑक्टल में बदलने के लिए पहले इन्हें डेसीमल संख्या में बदलकर फिर हेक्सा-डेसीमल या ऑक्टल संख्या में बदला जा सकता है।
3. ऑक्टल का अन्य संख्या पद्धतियों में परिवर्तन
(मैं) ऑक्टल (पूर्णांक) का दशमलव में परिवर्तन (Conversion of Octal Integer to Decimal)
ये विधि भी ठीक उसी प्रकार होती है, जिस प्रकार बाइनरी का दशमलव में परिवर्तन। इसमें 2 की जगह 8 के अंक के बढ़ते हुए क्रम में गुणा करते हैं।
(ii) ऑक्टल (भिन्नांक) का दशमलव में परिवर्तन (Conversion of Octal Fraction to Decimal)
अष्टक बिंदु से पहले पूर्णांक के स्थानीय मान दायीं ओर से दशमलव में 1, 8, 64, 512, 4096 आदि हैं और दाहिनी ओर भिन्न के अंकों के स्थानीय मान 8-1,8 हैं -1 2,8-3,……….. आदि यानी 0.125, 0.015625, 0.0019531 आदि।
उदाहरण के लिए
(iii) ऑक्टल (पूर्णांक) और (भिन्नांक) का बाइनरी में परिवर्तन (Conversion of Octal (Integer) and (fraction) into Binary) ऑक्टल का बाइनरी में परिवर्तन अत्यधिक सरल प्रत्येक ऑक्टल अंक के स्थान पर उसके बराबर तीन लिख देते हैं। हैं। इसमें केवल बिटों का समूह
उदहारण के लिए
नोट ऑक्टल को बाइनरी में बदलने के लिए दी गई संख्या को पहले दशमलव संख्या में बदलते हैं, जिसके बाद उसे बाइनरी में बदल सकते हैं।
(iv) ऑक्टल संख्या का हेक्सा-डेसीमल संख्या में परिवर्तन (Conversion of Octal to Hexa-Decimal)
ऑक्टल संख्या को हेक्सा-डेसीमल संख्या में बदलने के लिए निम्नलिखित विधि का प्रयोग करते हैं
1. दी गई ऑक्टल संख्या के प्रत्येक अंक को बाइनरी नम्बर में बदलते हैं।
2. पुनः प्राप्त बाइनरी संख्या को हेक्सा-डेसीमल संख्या में बदलते हैं। उदाहरण के लिए
Photo aayega
नोट ऑक्टल को हेक्सा-डेसीमल में बदलने के लिए एक और विधि का प्रयोग किया जा सकता है, जिसमें ऑक्टल को पहले दशमलव में फिर दशमलव से हेक्सा-डेसीमल मे परिवर्तित किया जाता है।
. हेक्सा-डेसीमल का अन्य संख्या पद्धतियों में परिवर्तन (Conversion of Hexadecimal to Other Number Systems)
(i) हेक्सा-डेसीमल का दशमलव में परिवर्तन (Conversion of Hexa-Decimal into Decimal)
यह विधि भी ठीक उसी प्रकार होती है, जिस प्रकार बाइनरी का दशमलव में परिवर्तन। इसमें 2 की जगह 16 के अंक के बढ़ते हुए क्रम मे गुणा करते हैं। उदाहरण के लिए
इसी प्रकार हेक्साडेसीमल भिन्नांक का परिवर्तन भी उसी प्रकार कर सकते हैं जिस प्रकार बाइनरी भिन्नांक का दशमलव में परिवर्तन करते हैं। परन्तु इसमें 2 की जगह 16 का प्रयोग करते हैं।
(ii) हेक्सा-डेसीमल (पूर्णांक तथा भिन्नांक) का बाइनरी में परिवर्तन (Conversion of Hexa-decimal (Integer and Fraction) into Binary)
हेक्सा-डेसीमल का बाइनरी में परिवर्तन अत्यधिक सरल है। इसमें केवल प्रत्येक हेक्सा-डेसीमल के स्थान पर उसके बराबर चार बिटों के समूह लिख देते हैं।
उदाहरण के लिए हेक्सा-डेसीमल D7A का बाइनरी में परिवर्तन
(डी7ए)16(1101011111010)2
या (D7A)16(110101111010)2
इसी प्रकार, हेक्सा-डेसीमल (भिन्नांक) को भी बाइनरी में बदला जा सकता है।
(iii) हेक्सा-डेसीमल संख्या का ऑक्टल संख्या में परिवर्तन (Hexa-decimal to Octal)
हेक्सा-डेसीमल संख्या को ऑक्टल संख्या में बदलने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का प्रयोग करते हैं।
- स्टेप 1 दी हुई हेक्सा-डेसीमल संख्या के प्रत्येक अंक को बाइनरी संख्या में बदलो।
- स्टेप 2 प्राप्त बाइनरी संख्या को ऑक्टल संख्या में बदलो।
नोट हेक्सा-डेसीमल को ऑक्टल में बदलने के लिए एक और विधि का प्रयोग किया जा सकता है। जिसमें हेक्सा-डेसीमल को पहले दशमलव में फिर दशमलव को ऑक्टल में परिवर्तित किया जाता है।
कम्प्यूटर कोड्स (Computer Codes)
कम्प्यूटर प्रत्येक प्रकार के केरेक्टर जैसे कि अल्फाबेट संख्या या कोई चिन्ह स्टोर कर सकता है। इन सभी कैरेक्टरों के निरूपण (Representation) के लिए बाइनरी संख्या पद्धति पर आधारित एक विशेष प्रकार के कोड की आवश्यकता होती है, जिसे कम्प्यूटर कोड कहा जाता है।
कम्प्यूटर कोड्स विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं
1. बाइनरी कोडेड डेसीमल (Binary Coded Decimal BCD)
BCD कोड में प्रत्येक अंक को प्रस्तुत करने के लिए चार बिट्स के समूह का प्रयोग करते हैं। इसका प्रयोग 0 से 9 तक की संख्या को चार बिट्स के बाइनरी संख्या में निरूपित करने के लिए करते हैं।
BCD सिस्टम में किसी संख्या के आकार की कोई सीमा नहीं होती हैं अर्थात् संख्या चाहे कितनी ही बड़ी क्यों न हो, प्रत्येक अंक को चार बिट्स के समूह में कम्प्यूटर में प्रदर्शित करते हैं।
2. अमेरिकन स्टैण्डर्ड कोड फॉर इन्फॉर्मेशन इण्टरचेन्ज (ASCII) (American Standard Information Interchange) Code for
स्टैण्डर्ड कैरेक्टर कोड का प्रयोग किसी प्रोग्राम द्वारा डेटा को स्टोर करने तथा उसका प्रयोग करने के लिए किया जाता है। ASCII कोड दो प्रकार के होते हैं।
(i) ASCII-7 यह एक 7-बिट स्टैण्डर्ड कोड है। जिसके कारण कुल 27 = 128 कैरेक्टर को निरूपित किया जा सकता है।
(ii) ASCII-8 यह एक 8-बिट स्टैण्डर्ड कोड है। इसमें 28 = 256 प्रकार के कैरेक्टर को निरूपित किया जा सकता है। यह ASCII-7 का बदला हुआ प्रारूप हैं।
3. एक्सटैण्डेड बाइनरी कोडेड डेसीमल इण्टरचेंज कोड (EBCDIC-Extended Binary Coded Decimal Interchange Code)
EBCDIC में, कैरेक्टर 8 बिट्स के समूह से निरूपित होते हैं। इसका प्रयोग किसी भी प्रकार के कम्प्यूटर में सूचनाओं को स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमें 28 = 256 प्रकार के कैरेक्टर को निरूपित किया जा सकता है।
इन्हें भी जानें
BCD सिस्टम IBM कॉपेरिशन द्वारा विकसित किया गया था। UNICODE में डेटा में किसी संकेत (Symbol) को प्रस्तुत करने के लिए 16 बिट्स का प्रयोग होता है। ये अंग्रेजी के अक्षरों के अलावा किसी भी प्रकार का वैज्ञानिक संकेत, अनेक प्रकार की भाषा जैसे कि चाइनीज (Chinese), जैपेनीज (Japanese) आदि को भी निरूपित करता है।
साइन बिट (Sign bit) का प्रयोग किसी संख्या के धनात्मक (Positive) या ऋणात्मक (Negative) होने का संकेत है। यह बिट Most Significant Bit (MSB) बिट कहलाती है तथा संख्या के बाइनरी निरूपण में सबसे पहली बिट होती है। यदि बिट 0 है तो संख्या धनात्मक है। यदि बिट 1 है तो संख्या ऋणात्मक है।