माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस

माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का आविष्कार वर्ष 1988 में माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी (अमेरिका) ने किया था। मुख्य रूप से यह एक पैकेज है, जो विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर के संगठन से बना है। ये सॉफ्टवेयर किसी कार्यालय या किसी स्कूल आदि में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। इसीलिए इसका नाम MS- OFFICE है।

MS-OFFICE

प्रथम संस्करण (1990) में मुख्य रूप से तीन सॉफ्टवेयर जोड़े गए थे। जो क्रमशः MS-Word, MS-Power Point और MS-Execl थे। बाद में इसमें सुधार करके कुछ अन्य सॉफ्टवेयर; जैसे MS- Access Database, MS-Picture Manager, Spell Checker, VBA Scripting Language, MS-Outlook आदि जोड़े गए। आजकल सभी कम्प्यूटरों में इन साफ्टवेयरों का प्रयोग बहुत ज्यादा हो रहा है। आजकल एन्ड्रॉयड (Android) फोन, आइफोन (iphone), विण्डो फोन आदि पर भी MS-OFFICE का एक संस्करण MS-OFFICE Mobile नाम से उपलब्ध है।

MS-OFFICE के पाँच प्रमुख सॉफ्टवेयर निम्नलिखित हैं

1. एमएस-वर्ड (वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर)

2. MS-Execl (सारणीबद्ध डेटा फ़ॉर्मेटिंग सॉफ़्टवेयर)

3. एमएस-पावरप्वाइंट (प्रस्तुति सॉफ्टवेयर)

4. एमएस-एक्सेस (डेटाबेस प्रबंधन सॉफ्टवेयर)

5. एमएस-आउटलुक (ई-मेल क्लाइंट)

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (Microsoft Word)

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड एक प्रकार का वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर है जिसका प्रयोग किसी डॉक्यूमेन्ट को बनाने, उसमें कुछ सुधार करने के लिए किया जाता है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है, जो लगभग सभी कम्प्यूटर में MS- OFFICE पैकेज के अन्दर पाया जाता है। इसमें अनेक प्रकार के टूल्स पाए जाते हैं जो 45kb से कम साइज के डॉक्यूमेन्ट को बनाने, उसमें बदलाव करने, डॉक्यूमेन्ट की प्रिन्टिंग करने, उसमें एडिटिंग करने आदि कार्यों के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

इस सॉफ्टवेयर के प्रयोग से विभिन्न प्रकार के टेक्स स्टाइल डॉक्यूमेन्ट डॉक्यूमेन्ट में चित्र आदि लगाकर एक आकर्षक डॉक्यूमेन्ट तैयार किया जाता है। वर्ष 1983 में MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए प्रथम Word Processing Software तैयार किया गया था। 1985 में Mac ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का एक ग्राफिकल संस्करण तैयार किया गया। और वर्ष 1990 में MS ऑफिस के प्रथम संस्करण में यह सॉफ्टवेयर जोड़ा गया।

MS Word को प्रारम्भ करना (To Start MS Word)

MS Word खोलने या प्रारम्भ करने की तीन विधियाँ हैं

1. टास्कबार में स्टार्ट (Start) बटन पर क्लिक करते हैं उसके बाद रन विकल्प पर क्लिक करते हैं। क्लिक करने के बाद एक टेक्स्ट बॉक्स आता है। उस टेक्स्ट बाक्स में Winword टाइप करके Enter Key दबाते हैं।

2. डेस्कटॉप पर उपलब्ध माइक्रोसाफ्ट आइकन पर Double क्लिक करते हैं।

3. स्टार्ट पर क्लिक करते हैं। स्टार्ट मेन्यू खुलने पर प्रोग्राम विकल्प का चयन करते हैं। तत्ण्ण्चात् प्राप्त मेन्यू से MS-OFFICE का चयन करने के बाद MS-Word शो चयन कर क्लिक करते हैं।

अर्थात् Start All Programs MS-Office MS-Word माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के अवयव (Components of Microsoft Word) मॉइक्रोसॉफ्ट वर्ड के निम्नलिखित अवयव होते हैं

1. टाइटल बार (Title bar)

यह माइक्रोसॉफ्ट वर्ड डॉक्यूमेन्ट में सबसे ऊपर एक रिबन (पट्टी) होती है, जो फाइल का नाम और जिस सॉफ्टवेयर में फाइल खुली है। उस सॉफ्टवेयर का नाम दिखाती है।

टाइटल बार में तीन बटन होते हैं।

(i) मिनिमाइज (Minimize)

इस बटन पर छोटी रेखा या डेश (-) छपा होता है। इस बटन को क्लिक करने से विण्डो अस्थाई रूप से बन्द होकर टास्क बार में एक बटन के रूप मे बदल जाती है। आप इस बटन को क्लिक करके विण्डो को उसके पूर्व आकार में ला सकतें है। कोई वर्ड डॉक्यूमेन्ट टास्क बार में बटन बार में बटन के रूम मे आ जाने पर भी बन्द नहीं होता अर्थात वर्ड एक्टिव रहता है।

(ii) मैक्सिमाइज/रीस्टोर (Maximize/Restore)

मैक्सिमाइज बटन पर एक छोटा वर्ग () छपा होता है। इस बटन को क्लिक करने से विण्डो पूरी स्क्रीन बदल जाती है। और मैक्सिमाइज बटन रीस्टोर बटन में बदल जाता है। जिस पर छोटे आयतों) का एक जोड़ा छपा होता है। यदि आप रीस्टोर बटन को क्लिक करते है, तो विण्डो अपने पुराने आकार में आ जाती है वह बटन फिर से मैक्सिमाइज बन जाता है।

(iii) क्लोज (Close)

इसका प्रयोग किसी खुली हुई फाइल को बन्द करने के लिए करते हैं।

2. स्टैण्डर्ड टूल बार (Standard Toolbar)

इसमें फाइल और टेक्स्ट सम्बन्धी कार्यों के लिए टूल रहते हैं, जैसे- नई फाइल खोलना, पुरानी फाइल खोलना, फाइलों को सुरक्षित रखना।

3. रिबन (Ribbon)

यह स्क्रीन के TOP पर टाइटल बार के नीचे पट्टी (Ribbon) होती है, इसमें किसी कार्य को करने के लिए आदेशों का एक पैनल होता है। इन आदेशों के पैनल को किसी टैब में संगठित कर दिया जाता है। जब हम टैब पर क्लिक करते हैं। तो ये पैनल इसी रिबन पर दिखाई देते हैं। इस रिबन को मिनिमाइज भी किया जा सकता है।

4. टैब (Tab)

रिबन पर मेन्यू बार में कुछ बटन लगे होते हैं। इन बटन को टैब कहते हैं। इसका प्रयोग कैरेक्टर को सम्पादित करने, डॉक्यूमेन्ट का ले आउट बदलने, पेज के अनेक प्रकार के प्रीव्यू (Preview) देखने, पेज में कोई नया चित्र, ग्राफ आदि जोड़ने के लिए करते हैं।

Tabs के अन्तर्गत निम्नलिखित बटन आते हैं

  • होम टैब (Home Tab) इस टैब में क्लिपबोर्ड, फॉन्ट, पैराग्राफ, स्टाइल्स और एडिटिंग नाम के विकल्प होते हैं।
  • क्लिपबोर्ड में किसी टेक्स्ट को कट, कॉपी और पेस्ट करने के विकल्प होते हैं। कट या कॉपी किया हुआ डेटा क्लिप बोर्ड में स्टोर हो जाता है जिसे आगे हम कही भी पेस्ट कर सकतें हैं।
  • फॉन्ट का प्रयोग किसी फॉन्ट के साइज, स्टाइल, कलर, फॉन्ट को बोल्ड करना, तिरछा (Italic) करना या उसके नीचे अण्डरलाइन लगान आदि कार्यों के लिए करते हैं।
  • पैराग्राफ का प्रयोग किसी पंक्ति (line) में बुलेट या नम्बरिंग लगाना, उसे इन्डेन्ट करना आदि कार्यों के लिए किया जाता है। इस टूलबार को फॉर्मेटिंग टूलबार (Formatting Toolbar) भी कहते हैं।
  • स्टाइल्स के प्रयोग से किसी टेक्स्ट के स्टाइल को बदलते हैं।
  • एडिटिंग के प्रयोग से किसी कैरेक्टर या शब्द को ढूँढ सकते हैं तथा उसे दूसरे कैरेक्टर या शब्द से बदल सकते हैं।
  • पेजेज विकल्प का प्रयोग विभिन्न प्रकार के पेज कवर लगाने के लिए, पेज को बीच में ब्रेक करने के लिए, ब्लैंक पेज इनसर्ट करने के लिए करते हैं।
  • टेबल्स विकल्प का प्रयोग, विभिन्न प्रकार के टेबल बनाने तथा टेबल इनसर्ट करने के लिए करते हैं।
  • इलस्ट्रेशन (Illustration) का प्रयोग विभिन्न प्रकार के पिक्चर, क्लिप आर्ट, शेप्स (Shapes), स्मार्ट आर्ट (Smartart), चार्ट आदि को पेज में इनसर्ट करने के लिए करते हैं।
  • लिंक्स का प्रयोग, हाइपरलिंक बनाना, बुकमार्क लगाना, और क्रॉस-रेफरेंस (Cross-reference) बनाने के लिए करते हैं।
  • हेडर और फुटर का प्रयोग किसी पेज में ऊपर या नीचे हेडर (शीर्षक) डालने और फूटर डालने के लिए करते हैं।
  • टेक्स्ट विकल्प का प्रयोग टेक्सबॉक्स डालना, वर्डआर्ट डालना, डेट और टाइम डालना और विभिन्न प्रकार की वस्तु (Object) डालने के लिए करते हैं।
  • सिम्बल का प्रयोग डॉक्यूमेन्ट में विभिन्न प्रकार के चिह्न डालने के लिए करते हैं।
(iii) पेज लेआउट टैब (Page Layout Tab)

इस टैब का प्रयोग विभिन्न प्रकार के थीम्स (Themes) डालने के लिए करते हैं। इस विकल्प से पेज का बैकग्राउन्ड (Back Ground) और पैराग्राफ सेट किया जाता है।

(iv) रिव्यू टैब (Review Tab)

इस टैब का प्रयोग स्पेलिंग और ग्रामर (Spelling and Grammar) चेक करने, शब्द कोश (Dictionary) देखने, अनुवाद (Tanslate) करने, और डॉक्यूमेन्ट को सुरक्षित रखने के लिए करते हैं।

(v) व्यू टैब (View Tab)

यह प्रिन्ट लेआउट, फुलस्क्रीन लेआउट, मैकरोज (Macros), स्पिलिट आदि से मिलकर बना होता है। इसका प्रयोग पेज की बनावट देखने के लिए करते हैं।

5. रूलर (Ruler)

यह डॉक्यूमेन्ट विन्डो के टॉप पर और उसके बाएँ तरफ दिखाई देता है। इसका प्रयोग किसी डॉक्यूमेन्ट में टैक्स्ट के क्षैतिज और उर्ध्वाधर (Horizontal and Vertical) हाशिये (Alignment) को देखने व सेट करन के लिए करते हैं रूलर्स (Rulers) दो प्रकार के होते हैं

(i) क्षैतिज रूलर (Horizontal Ruler)

यह डॉक्यूमेन्ट की चौड़ाई (Width) को सूचित करता है। अर्थात् टेक्स्ट और पेज के किनारे के बीच के अन्तर को बताता है। इसका प्रयोग लेफ्ट और राइट मार्जिन को सेट करने के लिए करते हैं। मार्जिन का तात्पर्य पेज बार्डर और टेक्स्ट के बीच में अन्तर से हैं।

(ii) उर्ध्वाधर रूलर (Vertical Ruler)

यह डॉक्यूमेन्ट की ऊँचाई (Height) को सूचित करता है। अर्थात् टेक्स्ट और टॉप पेज बार्डर के बीच के अन्तर को प्रदर्शित करता है। इसका प्रयोग टॉप ओर बॉटम मार्जिन के सेट करने के लिए करते हैं।

6. स्टेटस बार (Status Bar)

यह डॉक्यूमेन्ट से सम्बन्धित कुछ सूचनाएँः जैसे कि पेज नम्बर, करेन्ट पेज, करेन्ट ऐम्पलेट, कॉलम नम्बर और लाइन नम्बर आदि को दिखाता

है।

7. कार्य क्षेत्र (Work Area)

यह डॉक्यूमेन्ट विन्डो का आयताकार क्षेत्र होता है जिसमें आप कुछ टेक्स्ट टाइप करते हो या कोई चित्र या वस्तु जोड़ते हो। इसे वर्कप्लेस (Workplace) नाम से भी जाना जाता है।

8. कर्सर (Cursor)

इसे इनसर्शन (Insertion) प्वाइन्टर भी कहते हैं। ये किसी टेक्स्ट के प्रारम्भिक बिन्दु को दर्शाता है। यह जिस स्थान पर होता है उसी स्थान पर कोई टेक्स्ट टाइप होती है। यदि कोई ऑब्जेक्ट या पिक्चर जोड़ते हैं। तो वह भी कर्सर प्वाइन्ट के स्थान पर ही जुड़ता है।

माइकोसॉफ्ट वर्ड की विशेषताएँ (Features of Microsoft Word)

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड एक लोकप्रिय (Popular) वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर है, जिसे एक अनभिज्ञ व्यक्ति भी आसानी से चला सकता है, और इस सॉफ्टवेयर पर कार्य कर सकता है-

MS-Word की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं

1. टेक्स्ट एडिटिंग (Text Editing)

MS-Word में किसी टेक्स्ट को लिखना, लिखे हुए टेक्स्ट को एडिट करना, डिलीट करना, टेक्स्ट के कम्पोनेन्ट को मोडीफाई करना आदि कार्य बहुत ही आसानी से होता है। यदि किसी टेक्स्ट को कट कर दिया है तो कट किया हुआ टेक्स्ट क्लिप बोर्ड में अस्थाई रूप से स्टोर रहता है। जब उसे पेस्ट कर देते हैं तो बोर्ड से कट किया हुआ टेक्स्ट हट जाता है।

2. फॉर्मेट टेक्स्ट (Format Text)

MS-Word में किसी टेक्स्ट या शब्द को अनेक प्रकार की शब्द डिजाइन से मोडीफाई (Modify) कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार की स्टाइल का प्रयोग करके टेक्स्ट के एपीरियंस (Apperance) को बदल सकते हैं।

3. इन्डेन्टेशन (Indentation)

इन्डेन्टेशन का तात्पर्य पेज की बाउंड्री और टेक्स्ट के बीच के अन्तर से है। इसके प्रयोग से टेक्स्ट और पेज बाऊंड्री के बीच में चारों तरफ से गैप को कम या ज्यादा कर सकते हैं।

4. पेज ओरिएंटेशन (Page Orientation)

MS-Word में दो प्रकार के पेज ओरिएंटेशन होते हैं- क्षैतिज ओरिएंटेशन (Horizontal Orientation), ऊर्ध्वाधर ओरिएंटेशन (Vertical Orientation) इसका प्रयोग किसी टाइप किए हुई टेक्स्ट को एक क्षैतिज पेज में या उर्ध्वाधर पेज में प्रिन्ट करने के लिए किया जाता है।

5. फाइन्ड एण्ड रिप्लेश (Find and Replace)

MS-Word में टाइप किए गए टेक्स्ट में से किसी विशेष कैरेक्टर या शब्द को आसानी से फाइन्ड किया जा सकता है। इसमें फाइन्ड किए गए कैरेक्टर या शब्द को किसी दूसरे कैरेक्टर या टेक्स्ट से बदला जा सकता है।

6. स्पेल चेक (Spell Check)

इसमें स्पेलिंग और ग्रामर को चेक करने की सुविधा होती है। यह ऑटोमेटिकली (Automatically) स्पेलिंग और ग्रामर (Grammar) की गलतियों को ढूँढता है तथा उसे सही भी करता है।

7. शब्दकोष (Thesaurus)

इस सॉफ्टवेयर में एक कॉम्प्रेहेन्सिव डिक्शनरी (Comprehensive Dictionary) और शब्दकोष होता है जो एक शब्द के कई पर्यायवाची (Synonyms) देता है।

8. बुलेट्स एण्ड नम्बरिंग (Bullets and Numbering)

इस सॉफ्टवेयर में अनेक प्रकार के बुलेट्स (विशेष प्रकार के चिन्ह) और नम्बर (गिनती के अंक, रोमन अंक, और अंग्रेजी के अक्षर) होते हैं। जिसका प्रयोग करके पेज में एक लिस्ट बना सकते हैं और पेट में लिखे हुए डेटा को एक क्रम में भी रख सकते हैं।

9. मेल-मर्ज (Mail-Merge)

मेल-मर्ज MS-Word की वह सुविधा है जिसके द्वारा एक पत्र अनेक व्यक्तियों को भेज सकते हैं अथवा कुछ सूचनाएँ बदलते हुए किसी दस्तावेज की अनेक प्रतियाँ निकाल सकते हैं। इससे दो फाइलों से सूचनाएँ लेकर उन्हें आपस में मिलाकर या विलय (Merge) करके वास्तविक दस्तावेज तैयार किया जाता है।

जिसमें एक फाइल को डेटा फाइल या डेटा स्रोत तथा दूसरी फाइल को फॉर्म लेटर या मुख्य दस्तावेज (Main Document) कहा जाता है। इस विधि से आप लिफाफों पर चिपकाए जाने वाले पतों की पर्चियाँ (Address Labels) भी छाप सकते हैं।

10. ग्राफिक्स (Graphics)

यह MS-Word में ड्राइंग बनाने की अच्छी सुविधा होती है। इसके द्वारा विभिन्न प्रकार की आकृति, जैसे कि वृत, आयत, रेखाएँ, त्रिभुज आदि अनेक प्रकार की ड्राइंग आसानी से बना सकते हैं। इसमें ड्राइंग बनाने का ड्राइंग टूलबार उपलब्ध होता है जिसमें अनेक प्रकार की ड्राइंग होती है।

11. आब्जेक्ट लिंकिंग एण्ट एम्बेडिंग (Object Linking and Embedding)

यह एक प्रकार की प्रोग्राम इन्टीग्रेशन टेक्नॉलोजी है। जिसका प्रयोग करके वस्तुओं (Objects) के द्वारा सूचनाओं को प्रोग्राम के मध्य साझा (Share) किया जाता है तथा प्रदर्शित किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के ऑब्जेक्ट; जैसे चार्ट्स (Charts), समीकरण (Equations), वीडियोक्लिप, पिक्चर आदि पाए जाते हैं जो सूचनाओं को साझा करने तथा प्रदर्शित करने में प्रयोग किए जाते हैं।

12. क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर स्क्रोलबार (Horizontal and Vertical Scroll Bar)

इस सॉफ्टवेयर में दो स्कोल बार होते हैं जो पेज को डॉक्यूमेन्ट विन्डो में ऊपर नीचे या दाएँ बाएँ मूब कराते हैं। इसमें क्षैतिज स्क्रोलबार होता है जो स्टैंटस बार के ऊपर स्थित होता है। यह स्क्रोलबार पेज को दायीं तरफ या बायीं तरफ मूव करा सकता है। दूसरा ऊर्ध्वाधर स्क्रोल बार होता है जो स्क्रीन के दाईं तरफ होता है। यह स्क्रोलबार पेज को डॉक्यूमेन्ट विन्डों में ऊपर नीचे मूव कराता है।

इन्हें भी जानें

  • MS-Word वर्ष 1983 में Xenix System के लिए Multi-Tool word नाम से रिलीज्ड (Released) हुआ था।
  • MS-Word के नए डाक्यूमेन्ट का डिफाल्ट (Default) नाम Document1 होता है।
  • MS-Word का फाइल फार्मेट doc और.docx होता है।
  • MS-Word में किसी पैराग्राफ के लिए डिफाल्ट एलाइनमेन्ट (Default alignment) सेन्टर्ड (Centred) होता है।
  • ऑफिस लोगों बटन (The Office Logo Button) यह (MS-
  • Office) के प्रत्येक सॉफ्टवेयर की विन्डो में सबसे ऊपर बाँयें किनारे पर
  • एक बटन होता है जो MS-Office Logo Button के नाम से जाना
  • जाता है। इस बटन के ऊपर (MS-Office) की लोगों चित्र (Logo
  • Image) लगी रहती है। इस बटन का प्रयोग डाक्यूमेन्ट को खोलने, बन्द
  • करने, पुरानी डॉक्यूमेन्ट को खोलने, सुरक्षित करने और प्रिन्ट करन के
  • लिए करते हैं।
  • MS-Word में, Ctrl+Home के प्रयोग से कर्सर डॉक्यूमेन्ट के आरम्भ में पहुँच जाता है।
पावर पॉइण्ट एमएस-ऑफिस

पावर पॉइण्ट एमएस-ऑफिस

पावर पॉइण्ट एमएस-ऑफिस पैकेज के अन्तर्गत एक प्रस्तुतीकरण (Presentation) सॉफ्टवेयर है जिसे माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी ने विकसित किया था। पावर पॉइन्ट प्रोग्राम, विभिन्न प्रकार के प्रजेन्टेशन को सरलता और शीघ्रता से तैयार करने, उन्हें सुधारने, छाँटने तथा प्रजेन्टेशन का अभ्यास करने में हमारी सहायता करता है।

पावर पॉइण्ट एक पूर्ण प्रेजेन्टेशन ग्राफिक प्रोग्राम है जो आपको प्रोफेशन तरीके से प्रेजेन्टेशन की सुविधा देता है। पावर पॉइण्ट आपको लचीलापन (Flexbibility) प्रदान करता है जिससे आप चाहें तो अपने प्रेजेन्टेशन को पूरी तरह पारदर्शिता (Transparancy) अपनाकर अनौपचारिक (Informal) बना लें या पर्सनल कम्प्यूटर से जोड़कर उसे इलेक्ट्रॉनिक बना लें।
माइक्रोसॉफ्ट पावर पॉइण्ट में आप आसानी से प्रेजेन्टेशन को डायनामिक (Dynamic) बना सकते हैं जिसमें मल्टीमीडिया फीचर, जैसे कि मूवी और पिक्चर शामिल रहते हैं।

एमएस पावर पॉइण्ट को प्रारम्भ करना (स्टार्ट एम एमएस पावर प्वाइंट शुरू करने के लिए) एमएस पावर प्वाइन्ट को निम्नलिखित दो तरीके से प्रारम्भ कर सकतें हैं।

1. डेस्कटॉप पर उपलब्ध एमएस पावर पॉइण्ट की आइकन पर डबल क्लिक करके इसे खोला जा सकता है।

2.स्टार्ट मीनू पर क्लिक करें। स्टार्ट मीनू की विण्डों में ऑल प्रोग्राम्स पर क्लिक करें। ऑल प्रोग्राम्स में माइक्रोसॉफ्ट पावर पॉइण्ट को चुनकर उस पर क्लिक करें।

माइक्रोसॉफ्ट62

पावर पॉइण्ट के अवयव (पावर प्वाइंट के घटक)

1. स्लाइड (Slide)

प्रेजेन्टेशन के प्रत्येक पेज को स्लाइड कहते हैं। प्रजेन्टेशन में आप स्लाइड बनाते हैं या उसमें सुधार करते हैं। प्रत्येक स्लाइड किसी विशेष बात को प्रस्तुत करने के लिए बनाई जाती है।

2. वक्ता नोट (Speaker’s Notes)

ये ऐसी सूचनाएँ हैं जो वक्ता (Speaker) को प्रेजेन्टेशन के समय कुछ बातें याद दिलाने के लिए दी जाती है। यें सामान्यतः कागज पर छपे हुए साधारण वाक्य या सूचनाएँ होती हैं। प्रेजेन्टेशन के समय ये बातें स्लाइड पर दिखाई नहीं देती है।

3. प्रजेन्टेशन फाइल (Presentation file)

किसी विशेष विषय पर प्रजेन्टेशन की सभी स्लाइडों को एक विशेष फाइल में रखा जाता है, जिसे प्रेजेन्टेशन फाइल कहते हैं। प्रजेन्टेशन की इन फाइलों का एक्स्टेन्शन सामान्यतः PPT होता है;

जैसे कि Proj 1. PPT

4. मास्टर स्लाइड (Master Slide)

यह ऐसी स्लाइड होती है, जिसमें ऐसी सूचनाएँ या सामग्री दी जाती है, जो प्रजेन्टेशन की प्रत्येक स्लाइड में शामिल की जाती है।

पॉवर पॉइण्ट की विशेषताएँ (Features Of Power Point)

पॉवर पॉइण्ट की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं।

1. स्लाइड ट्रॉजिशन (Slide Transition)

जब प्रजेन्टेशन देते समय एक स्लाइड के बाद दूसरी स्लाइड आती है, तो उसके प्रकट होने के तरीके को स्लाइड ट्रांजिशन कहते हैं।

2. एनीमेशन प्रभाव (Animation Effects)

किसी स्लाइड के विभिन्न तत्त्वों का उस स्लाइड पर प्रकट होना या कोई हलचल या ध्वनि करना एनीमेशन प्रभाव कहलाता है।

3. स्लाइड टाइटल (Slide Title)

किसी स्लाइड को पहचानने के लिए उस स्लाइड का एक अपना नाम होता है जिसे स्लाइड टाइटल कहते हैं।

4. सब टाइटल (Sub Title)

किसी टाइटल के अन्दर प्रयोग किए जाने वाले टाइटल जो किसी स्लाइड डेटा का संक्षेप में वर्णन करें, सब-टाइटल कहलाता है। सब टाइटल, किसी स्लाइड डेटा के केन्द्र बिन्दु पर प्रकाश डालता है अर्थात् केन्द्र बिन्दु के बारे में बताता है।

5. नोट्स पेजेज (Notes Pages)

यह View मेन्यू में उपलब्ध होता है। इसका प्रयोग किसी प्रस्तुतकर्ता के लिए स्पीकर को नोट के डालने और उसे सम्पादित (Edit) करने के लिए करते हैं।

6. स्लाइड पेन (Slide Pan)

कार्य क्षेत्र जिसमें स्लाइड में सब कुछ लिखा जाता है और उसें आवश्यकता अनुसार सम्पादित किया जाता है। वह स्लाइड पेन कहलाता है।

पावर प्वाइण्ट व्यूज (Power Point Views)

पावर पॉइण्ड में स्लाइडों में सूचनाएँ भरने, सम्पादित करने तथा उन्हें देखने की कई विधियाँ होती है, जिन्हें व्यू कहा जाता है। इनके द्वारा स्लाइडो में टेक्स्ट भरने, सम्पादित करने तथा उनको सही क्रम देने में बहुत सहायता मिलती है। पावर पॉइण्ट में निम्नलिखित व्यू होते हैं।

1. सामान्य व्यू (Normal View)

इस व्यू में आप पॉइण्ट की स्लाइडों पर लगभग सभी क्रियाएँ कर सकते हैं। इसमें पॉवर पॉइण्ट की विण्डो को तीन भागों में बाँटकर दिखाया जाता है, जिन्हें पेन (Pane) कहते हैं। इसके बाएँ भाग को स्लाइड पेन (Slide pane) कहा जाता है। इसमें दो टैब होते हैं। Outline और Slides

(i) आउटलाइन (Outline)

टैबशीट में आप प्रत्येक स्लाइड की Outline देख सकते हैं, जिसमें स्लाइड का शीर्षक और मुख्य बिन्दु शामिल होते हैं। इस टैबशीट में टेक्स्ट पर कार्य करना अर्थात् टेक्स्ट टाइप करना, सुधारना, पंक्तियों को व्यवस्थित आदि सरल होता है।

(ii) स्लाइड्स (Slides)

टैबशीट में सभी स्लाइड छोटे आकार में दिखाई देती है। इसमें क्लिक करके आप किसी स्लाइड को बड़े आकार में देख सकते हैं। इस व्यू के दाएँ ऊपरी भाग में कोई चुनी हुई स्लाइड या वर्तमान स्लाइड अपनी सभी विशेषताओं के साथ बड़े आकार में दिखाई देती है। स्लाइड के इस भाग में चित्रों, रंगों आदि पर कार्य किया जाता है।

2. स्लाइड सॉर्टर व्यू (Slide Sorter View)

इस व्यू में आप प्रेजेन्टेशन की सभी स्लाइडों को एक साथ छोटे रूप में देख सकते हैं; जिसमें सभी टेक्स्ट तथा चित्र (Graphics) भी दिखाए जाते हैं। स्लाइड सॉर्टर व्यू में आप अपनी स्लाइडों को अपनी इच्छानुसार किसी भी क्रम में लगा सकते हैं।

3. स्लाइड शो व्यू (Slide Show View)

इस व्यू में पावर पॉइण्ट के अन्य सभी तत्वों को गायब करके एक बार में केवल एक स्लाइड को पूरी स्क्रीन में उसके पूर्ण रूप में दिखाया जाता है। इस व्यू में स्लाइडों को एक करके निर्धारित क्रम में उनके लिए तय किए गए सभी प्रभावों के साथ देखा जा सकता है।

इन्हें भी जानें

  • एमएस पॉवर पॉइण्ट में प्रेजेन्टेशन फाइल का फॉर्मेट PPT या.PPtx होता है।
  • ट्रिगर को एक ऑब्जेक्ट या आइटम की तरह पारिभाषित करते हैं जो
  • अपना कार्य स्लाइड पर माउस को क्लिक करने पर करते हैं।
  • एमएस पावर पॉइण्ट को अधिकतम 400% तक जूम (Zoom) किया जा सकता है।
  • एमएस पावर पॉइण्ट में हम विभिन्न प्रकार के और साउण्ड जोड़ सकते हैं। जिसका फॉर्मेट .gif, .bmp, .png, .giv, .wav, mid होता है।
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस (Microsoft Access)

माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस या माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस एक्सेस एक प्रकार का डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम है। इसे माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में रिलेशनल माइक्रोसॉफ्ट जेट डेटा बेस इंजन को ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस और साफ्टवेयर डेवलेपमेन्ट टूल्स के साथ कम्बाइन (Combine) करके बनाया है।

सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस का प्रयोग एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) को डेवलप करने के लिए करते हैं। यह ऑफिस के अन्य अनुप्रयोगों (Applications) की तरह बेसिक फॉर एप्लीकेशन ऑब्जेक्ट ओरियन्टेड प्रोग्रामिंग, एक्टिवएक्स (Activex) डेटा ऑब्जेक्ट और अन्य – एक्टिवएक्स कम्पोनेन्ट्स को सपोर्ट करता है।
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस के अवयव (Component Of MS

एम एस-एक्सेस के अन्दर चार मुख्य अवयव होते हैं
1. सारणी (Table)

टेबल में कॉलमों और पक्तियों के प्रतिच्छेद (Intersection) से सेल बनता है। टेबल बहुत सारी सेलों का संगठन होता है। इसका प्रयोग डेटा को व्यवस्थित रूप मे स्टोर करने के लिए करते हैं। इसमें प्रत्येक रिकार्ड एक पंक्ति होती है तथा प्रत्येक फील्ड एक कॉलम होता है।

2. क्वैरीज (Queries)

किसी सारणी या डेटाबेस से कुछ शर्तों को पूरा करने वाला डेटा निकालने के लिए जो आदेश दिया जाता है उसे क्वैरी कहा जाता है। किसी क्वैरी के उत्तर में जो सूचनाएँ या रिकार्ड प्राप्त होता है उसे डायनासेट (Dynaset) कहा जाता है। एम एस-एक्सेस में मुख्यतः पाँच प्रकार की क्वैरी होती हैं

(i) सेलेक्ट क्वैरी (Select Query) किसी दिए हुए शर्त के अनुसार डेटा ढूँढने या चुनने के लिए सेलेक्ट क्वैरी का प्रयोग करते हैं।

(ii) पैरामीटर क्वैरी (Parameter Query) पैरामीटर क्वैरी में पहले कुछ पैरामीटर दिया जाता है तथा उस पैरामीटर के आधार पर यह क्वैरी डेटा सर्च करता है। पैरामीटर देने के लिए इसमें एक डायलॉग बाक्स होता है।

(iii) क्रॉस टैब (Cross Tab) इस क्वैरी का प्रयोग सूचनाओं का सारांश कॉलमों तथा पंक्तियों में प्राप्त करने के लिए होता है।

(iv) एक्शन क्वैरी (Action Query) इसके द्वारा आप दी हुई शर्तों के अधीन कार्य करते हैं, जैसे कुछ शर्तों के पूरा होने पर रिकार्ड को बदलना या हटाना आदि।

(v) SQL क्वैरी (SQL Query) यह एक प्रकार की एडवांस क्वैरी होती है जो SQL Statement के प्रयोग से तैयार की जाती है।

3. रिपोर्ट (Reports)

सरल शब्दों में कोई रिपोर्ट एक ऐसा डायनासेट होता है जिसे कागज पर छापा जा सकता है। आप किसी डायनासेट की सूचनाओं को किन्ही आधारों पर समूह बद्ध कर सकते हैं और विभिन्न योगों और अनुयोंगों के साथ भी छाप सकते हैं। 4. फार्म (Forms)

फार्म स्क्रीन पर एक ऐसी विण्डो होती है जिसकी सहायता से आप किसी सारणी में भरे गए डेटा को देख सकते हैं और नया डेटा जोड़ सकते हैं।

एम एस एक्सेस को प्रारम्भ करना (एमएस-एक्सेस शुरू करने के लिए)

एम एस एक्सेस को प्रारम्भ करने के दो तरीके हैं

1. डेस्कटॉप पर उपलब्ध एम एस एक्सेस के शॉर्टकट पर दो बार क्लिक करके खोल सकते हैं।
2. स्टार्ट मेन्यू पर क्लिक करें। उसके बाद ऑल प्रोग्राम्स (All Programs) पर क्लिक करें। ऑल प्रोग्राम्स में से एम एस ऑफिस चुनें। उसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस एक्सेस 2007 को चुनकर उस पर क्लिक करें।

सभी प्रोग्राम एमएस ऑफिस माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस प्रारंभ करें

एक्सेस 2007

एम एस एक्रोप टेम्पलेट्स (MS Access Templates)

यह एक पहले से परिभाषित सारणियों, फार्मों, रिपोर्टों, मैक्रोज (Macros) और रिलेशनशिप का एक पूर्ण रूप से ट्रैकिंग एप्लीकेशन (Complete tracking application) है। एम एस एक्सेस निम्नलिखित प्रकार के डेटा बेस टेम्प्लेट का संगठन होता है; जो निम्न हैं

1. एसेट्स (Assets)

इसका प्रयोग एक एसेट्स डेटा बेस बनाने के लिए करते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के एसेट्स की डिटेल्स, उनके मालिक (Owner), आदि के बारे में सूचना की जाती है तथा उन सूचनाओं की देख-रेख की जाती है।

2. कॉन्टैक्ट्स (Contacts)

इसका प्रयोग एक कॉन्टैक्ट डेटाबेस बनाने के लिए करते हैं, जिसमें लोगों की सूचनाओं को स्टोर किया जाता है तथा उसे मैनेज (Manage) किया जाता है।

3. ईवेन्ट्स (Events)

इसका प्रयोग एक इवेन्ट्स डेटा बेस बनाने के लिए करते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के होने वाले इवेन्ट्स को स्टोर किया जाता है, तथा उसे ट्रैक किया जाता है।

4. फैकल्टी (Faculty)

इसका प्रयोग एक फैकल्टी डेटा बेस बनाने के लिए करते हैं। इसमें एक फैकल्टी से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ जैसे कि फैकल्टी का नाम, कॉन्टैक्ट और एजुकेशन आदि को स्टोर किया जाता है।

5. मार्केटिंग प्रोजेक्ट्स (Marketing Projects)

इसका प्रयोग मार्केटिंग प्रोजेक्ट्स डेटा बेस बनाने के लिए किया जाता है। इसमें मार्केटिंग प्रोजेक्ट से सम्बन्धित सूचनाएँ, जैसे कि प्रोजेक्ट कब स्टार्ट करना है, कब समाप्त करना है तथा उसकी डिलेवरी कब करनी है आदि को स्टोर किया जाता है।

– 6. स्टूडेन्ट्स (Students)

इसका प्रयोग एक स्टूडेन्ट डेटा बेस बनाने के लिए करते हैं। इसमें एक स्टूडेन्ट्स से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ जैसे कि उसका नाम, पिता का नाम, का कान्टैक्ट नम्बर आदि को स्टोर किया जाता है। इसी प्रकार एम एस एक्सेस डेटाबेस में कुछ अन्य प्रकार के टेम्पलेट्स जैसे कि इस्यूड (Issued), प्रोजेक्टस (Projects) सेल्स पाइपलाइन (Sales Pipeline) और टॉस्कस (Tasks) उपलब्ध हैं।

एम एस-एक्सेस के तत्त्व (Elements of MS Access)

एम एस-एक्सेस में प्रत्येक कार्य के लिए निम्नलिखित तत्त्व होते हैं।

1. फील्ड नेम (Field Name)

यह एक लेबल होता है जो किसी विशेष फील्ड के बारे में बताता है कि इस फील्ड में किस प्रकार की सूचनाएँ या डेटा स्टोर कर सकते हैं। किसी टेबल में फील्ड का नाम अद्वितीय (Unique) होना चाहिए। इसे फील्ड आइडेन्टिटी (Field Identity) भी कह सकते हैं।

2. फील्ड टाइप डेटा टाइप (Field Type/Data Type)

ये बताता है कि फील्ड में किस प्रकार का डेटा स्टोर किया जा सकता है।

डेटा केवल टेक्स्ट भी हो सकता है और केवल नम्बर भी हो सकता है या इन दोनों के संयोग (Combination) से भी डेटा बन सकता है। एम एस-एक्सेस में किसी डेटा टाइप की डिफॉल्ट साइज (Default Size) 50 होती हैं इसमें विभिन्न प्रकार के डेटा टाइप होते हैं

3.फील्ड लेन्थ (Field length)

फील्ड लेन्थ (Field length) का तात्पर्य है कि किसी फील्ड में अधिक- से अधिक कितने कैरेक्टर स्टोर किए जा सकते हैं।

4. प्राइमरी की (Primary Key)

यह विशेष प्रकार की की (Key) होती है, जिसका प्रयोग किसी रिकार्ड

को अद्वितीय रूप से पहचानने के लिए करते हैं। यदि किसी फील्ड को

प्राइमरी की बना दिया गया है तो उस फील्ड को खाली नहीं छोड़ सकते

हैं।

5. वेलिडेशन रूल (Validation Rule)

यह एक प्रकार की वैलिडिटी चेकिंग है। इसमें डेटा को फील्ड में भरने से पहले उसकी वैधता की जाँच होती है यदि डेटा की वैधता सही है तो डेटा फील्ड मे भर जाता है अन्यथा त्रुटिसन्देश प्रिन्ट करता है।

6. एम एस एक्सेस व्यू (MS-Access View)

एम एस-एक्सेस व्यू में दो प्रकार के व्यू होते हैं जिनका प्रयोग टेबल बनाने तथा उसके फील्ड (कॉलम) को सेट करने के लिए करते हैं।

(i) डेटा शीट व्यू (Data Sheet View) इसका प्रयोग डेटा बेस में डेटा को दिखाने के लिए करते हैं यह डेटा बेस में डेटा को एण्टर करने तथा उसे एडिट (Edit) करने की अनुमति प्रदान करता है किन्तु इस व्यू में डेटा बेस को बदला नहीं जा सकता है। इस व्यू में कॉलम का नाम भी सेट कर सकते हैं और नए कॉलम को जोड़ भी सकते हैं।
(ii) डिजाइन व्यू (Design View) इस व्यू का प्रयोग किसी टेबल को डिजाइन करने तथा डिजाइन की गयी टेबल में परिवर्तन करने के लिए होता है। टेबल डिजाइन करने का तात्पर्य यह है कि टेबल में फील्ड का नाम तथा उसका डेटा टाइप सेट करना। इसके द्वारा हम टेबल में अनेक प्रकार की कीज (Keys) जैसे कि प्राइमरी की, कैन्डिडेट की आदि सेट करते हैं।

7. डेटा फ़िल्टर करना

यह किसी विशेष फिल्टर क्राइटेरिया (Criteria) के आधार पर किसी टेबल से सिर्फ उन रिकार्डों को दिखाता है जो दी हुई क्राइटेरिया के अन्तर्गत आते हैं।

8. रिलेशनशिप (Relationship)

यह दो या दो से अधिक टेबल के बीच में अन्तर सम्बन्धों को बताता है। रिलेशनशिप को तीन भागों में बाँटा गया है वन टू वन (One to One), टू मेनी (One to Many) और मेनी टू मेनी (Many to Many)।

9. एट्रीब्यूट्स (Attributes)

किसी रिकॉर्ड की प्रोपर्टीज को एट्रीब्यूट्स (Attributes) कहते हैं। जिसके प्रयोग से हम किसी रिकार्ड को व्यवस्थित तरीके से पहचानते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक (Microsoft Outlook)

माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक एक प्रकार का पर्सनल इनफॉर्मेशन मैनेजर और ई-मेल कम्प्युनिकेशन सॉफ्टवेयर है। इसे माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी ने बनाया था और यह एमएस-ऑफिस का एक सॉफ्टवेयर है। इसका मुख्य प्रयोग किसी को मेल भेजने के लिए करते हैं।

इसे ई-मेल क्लाइन्ट (Email Client) के नाम से भी जानते हैं। इसमें कैलेण्डर, टास्क मैनेजर, कॉन्टैक्ट मैनेजर, नोट मेकिंग (Note making), जर्नल (Journal) और वेब ब्राउजिंग (Web Browsing) की सुविधा भी उपलब्ध हैं। इसे स्टैण्ड अलोन एप्लीकेशन (Stand Alone Application) की तरह प्रयोग किया जा सकता है। यदि किसी संगठन (Organization) में एक से अधिक उपयोगकर्ता हो माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज सर्वर (Microsoft Exchange Server) और माइक्रोसॉफ्ट शेयरपॉइण्ट सर्वर (Microsoft Sharepoint Server) का प्रयोग करना अत्यन्त लाभदायी होता है।

इन्हें भी जानें

  • एम एस-एक्सेस का फाइल फॉर्मेट (.accdb) होता है। मेमो का प्रयोग बहुत बड़ी संख्या के टेक्स्ट को स्टोर कराने के लिए होता है लेकिन इसमें सिर्फ टेक्सचुअल (Textual) डेटा ही स्टोर कराते हैं।
  • OLE आब्जेक्ट, का पूर्ण रूप आब्जेक्ट लिकिंग एण्ड एम्बेडिंग (Object Linking and Embedding) है। इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के आब्जेक्ट; जैसे कि वीडियो क्लिप, पिक्चर, वर्ड डॉक्यूमेन्ट आदि को स्टोर कराने के लिए करते हैं।
  • एक कैरेक्टर को स्टोर करने के लिए एक बाइट की आवश्यकता होती है।
  • यदि वेलिडेशन रूल सन्तुष्ट नहीं हुआ तो फलस्वरूप वेलिडेशन टेक्स्ट दिखाई देता है।

माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल

माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल एक पावरफूल स्प्रेडशीट प्रोग्राम है जो आपके डेटा को व्यवस्थित करने, कैलकुलेशन पूरी करने, निर्णय तक पहुँचने, ग्राफ, डेटा प्रोफेशन दिखाने वाली रिपोर्ट तैयार करने, व्यवस्थित डेटा को वेब पर पब्लिश करने तथा रीयल टाइम डेटा को एक्सेस करने की सुविधा देता है। माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी ने वर्ष 1985 में Mac OS के लिए, MS-Excel का प्रथम संस्करण बनाया था। वर्ष 1990 में यह MS-OFFICE पैकेज के साथ कम्बाइन्ड हो गया।

इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक स्प्रेडशीट होती है, जिसका प्रयोग एकाउंटिंग उद्देशय (Accounting Purpose) के लिए, गणितीय कार्यों में बजट बनाने तथा बिल बनाने में करते हैं। इसे वर्कशीट भी कहते हैं। इसके अलावा आप स्प्रेडशीट में दूसरे प्रोग्रामों द्वारा बनाए अथवा आयात (Import) किए गए फोटोग्राफ, ड्राइंग, क्लिपआर्ट, लोगो (Logo) आदि भी जोड़ सकते हैं। MS-Excel में स्प्रेडशीट – या वर्क शीट बहुत से खानों या सैलों (Cells) का एक समूह होता है जिन्हें पंक्तियों (Lines) तथा कॉलमों (Columns) में व्यवस्थित किया जाता है। पंक्तियाँ दाएँ से बाएँ अर्थात् क्षैतिज (Horizontal) होती हैं, जबकि ऊपर से नीचे अर्थात् ऊर्ध्वाधर (Vertical) होते हैं।

– पंक्तियों को क्रम सख्याओं से पहचानते हैं तथा कॉलमों को A, B, C, अक्षर से पहचानते हैं। MS-एक्सेल के अलावा कुछ अन्य स्प्रेडशीट, जैसे कि स्नोबाल (Snowball), Lotus 1-2-3, एप्पल नम्बर्स (Apple Numbers) आदि हैं। इसे डेटा बेस की तरह प्रयोग कर सकते हैं जो सम्बन्धित डेटा को स्टोर करता है।

– इसके द्वारा किसी विशेष डेटा को एक पैटर्न के आधार पर ढूँढा जा सकता हैं। MS-Excel को प्रारम्भ करना (To Start MS-Excel)

आप MS-Excel को प्रारम्भ करने के लिए निम्न में से कोई भी एक विधि प्रयोग कर सकते हैं।

  1. डेस्कटॉप पर उपलब्ध MS-Excel के शार्टकट पर डबल क्लिक करके MS-Excel को प्रारम्भ कर सकते हैं।
  2. सभी प्रोग्राम MSOFFICE Microsoft प्रारंभ करें OFFICE Excel 2007 पर क्लिक करके भी MS-Excel को प्रारम्भ कर सकते हैं।
  3. स्टार्ट बटन पर क्लिक करने के बाद रन कमान्ड पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद रन विन्डो में Excel टाइप करके एण्टर की दबाने से भी MS-Excel की विन्डो खुल जाती है।

 माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल के अवयव (Components of Microsoft Excel)

-1. टाइटल बार (Title Bar)

यह माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल की विण्डो में सबसे ऊपर एक रिबन (पट्टी) होती हैं, जो फाइल के नाम तथा जिस सॉफ्टवेयर में फाइल खुली है उस सॉफ्टवेयर का नाम दिखाती है।

2. रिबन (Ribbon)

यह स्क्रीन के TOP पर टाइटल बार के नीचे एक पट्टी होती है। इसमें किसी कार्य को करने के लिए आदेशों का एक पैनल (Pannel Commands) होता है। इन आदेशों के पैनल को एक टैब के साथ जोड़ दिया जाता है। जब हम टैब पर क्लिक करते हैं। तो ये पैनल इसी रिबन पर दिखाई देते हैं। इस रिबन को छिपाया भी जा सकता है।

3. टैब (Tab)

MS-Excel में टाइटल बार के नीचे, मेन्यू बार होता है। इस मेन्यू बार मे लगे हुए बटन को टैब कहते हैं; जैसे होम टैब, इनसर्ट टैब, पेज ले आउट टैब, फार्मूला टैब, डेटा टैब, रिव्यू और व्यू टैब आदि। इन टैब्स के साथ कुछ सहायक कमाण्ड भी होती है। जिनका प्रयोग कार्य के दौरान कभी-कभी करना पड़ता है।

कुछ कमाण्डों का विवरण निम्नलिखित हैं
(i) क्लिप बोर्ड (Clip Board)

क्लिप बोर्ड में किसी सैल को डेटा या टेक्स्ट को कट, कॉपी तथा पेस्ट करने के लिए कमाण्ड रहता है। कट या कॉपी किया हुआ डेटा क्लिप बोर्ड में स्टोर हो जाता है। जिसे आगे हम कहीं भी पेस्ट कर सकते हैं।

(ii) एलाइनमेन्ट (Alignment)

इसका प्रयोग किसी सेल में टेक्स्ट के एलाइनमेन्ट को बदलने के लिए करते हैं। इसमें दो प्रकार के एलाइनमेन्ट होते हैं। उर्ध्वाधर एलाइनमेन्ट और क्षैतिज एलाइनमेन्ट। इनमें टेक्स्ट को इन्डेन्ट करने, तथा यदि टेक्स्ट सेल में भर जाए तो Cell में अगली लाइन से लिखने के लिए (Wrap Text) की सुविधा होती है। इसमें दो सैलों को मर्ज (Merge) करने तथा किसी टेक्स्ट को एक सेल में फिट करने की सुविधा भी होती है।

(iii) टेबल (Table)

इसका प्रयोग, सेलों के समूह को टेबल की तरह परिभाषित करने के लिए होता है। ये टेबल डेटा को फिल्टर करने तथा उसे एक क्रम में रखने में उपयोगी होते हैं। इसके द्वारा पाइवोट टेबल (Pivote Table) या चार्ट भी बनाया जाता है। जो डेटा को व्यवस्थित करने तथा उसका सारांश प्रस्तुत करने में उपयोगी सिद्ध होता है।

(iv) फंक्शन लाइब्रेरी (Function Library)

इनमें अनेक प्रकार के फंक्शन जैसे कि मैथमेटिकल फंक्शन, लॉजिकल फंक्शन तथा त्रिकोणमितीय फंक्शन होते हैं जो गणनाओं में प्रयोंग किए जाते हैं। उदाहरण के लिए SUM(), AND, IF, LOOKUP, AVG, DATE आदि लाइब्रेरी फंक्शन हैं।

(v) मैक्रोस (Macros)

इसका प्रयोग कार्यों के क्रम (Sequence of Actions) को परिवभाषित करने के लिए किया जाता है। जब कार्यों का क्रम परिभाषित हो जाता है तो इसे एक डॉक्यूमेन्ट या एक से अधिक डॉक्यूमेन्ट पर बार-बार प्रयोग करके किसी विशेष कार्य को सम्पन्न करा सकते हैं।

4. स्टेटस बार (Status Bar)

विन्डो टास्क बार के ठीक ऊपर और स्क्रीन के बॉटम में जो बार होती है। उसे टेक्न बार कहते हैं। यह जो वर्कशीट करेन्ट टाइम में खुली रहती है। उसकी सूचना दिखाता है; जैसे कि पेज नम्बर, व्यू शॉर्टकट, जूम स्लाइडर आदि।

5. फॉर्मूला बार (Formula Bar)

यह रिबन के नीचे होता है। इसके दो भाग होते हैं। पहला नेम बॉक्स (Name Box) जो किसी सेल के रिफरेंस को दिखाता है तथा दूसरा फार्मूला, जिसमें कुछ टाइप करते हैं। इसमें पहले से परिभाषित फॉर्मूला होता है जिसका प्रयोग कैलकुलेशन में किया जाता है। तथा एक्टिव सेल के कन्टेन्ट्स भी इसी में डिस्प्ले होते हैं।

स्प्रेडशीट से संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य (Important Facts Related to Spreadsheet)

MS-Excel में स्प्रेडशीट बनाए जाते हैं जिसमें डेटा को टाइप किया जाता है। MS-Excel से सम्बन्धित कुछ मुख्य तथ्य (Terms) निम्नलिखित हैं

स्प्रेडशीट एक सॉफ्टवेयर टूल होता है जिसका प्रयोग संख्याओं के समूह को एन्टर (Enter) करने, कैलुकुलेट करने, मैनीपुलेट करने और एनालाइज (Analyze) करने के लिए होता है। इसमें पंक्तियों और कॉलमों के प्रतिच्छेद (Intersection) से बहुत सारे सैल्स (Cell) बनते हैं। सेल एक प्रकार का कन्टेनर होता है जो संख्याओं (Numbers), सूत्रों (Formulae) और टेक्स्ट (लेबल्स) को होल्ड (Hold) करता है। सेलों के समूह (Array) को शीट या वर्कशीट (Worksheet) कहते हैं।

  • वर्कशीट के अन्दर सारणी में सूचनाएँ पंक्तियों और कॉलमों में प्रदर्शित होती हैं।
  • वर्क बुक एक डॉक्यूमेन्ट होता है, जिसमें एक या एक से अधिक वर्कशीट होती है।
  • पंक्तियों की पहचान संख्याएँ 1, 2, 3……… से होती है।
  • कॉलमों की पहचान अक्षरों के समूह A, B, C……….AA, AB, ……….Z आदि से होती है।
  • सेल पॉइंटर एक सेल की बाउन्ड्री होती है जो ये बताती है कि करेन्ट टाइम में कौन-सा सेल एक्टिव है।

• फार्मूला (Formula) एक समीकरण (Equation) होता है, जिसका प्रयोग किसी सेल की वैल्यू को कैलकुलेट करने के लिए करते हैं। कोई भी फार्मूला = के बाद लिखते हैं।

• सैल एड्रेस, पंक्तियों और कॉलमों के अक्षर और संख्याओं के प्रतिच्छेद (Intersection) को दर्शाता है, जैसे C5 का अर्थ कॉलम C और पंक्ति 5 है।

चार्ट्स (Charts)

एमएस एक्सेल में किसी वर्कशीट के डेटा के ग्राफिकल (Graphical) एवं पिक्टोरियल (Pictorial) प्रजेन्टेशन (Presentation) के लिए चार्ट का प्रयोग करते हैं।

एक्सेल चार्टों की यह विशेषता होती है कि जब भी आप उस डेटा में कोई परिवर्तन करते हैं। जिस पर चार्ट आधारित है, तो सम्बन्धित चार्ट में वह परिवर्तन तत्काल कर दिया जाता है या ऐसा करने के लिए पूछा जाता है। चार्ट छः प्रकार के होते हैं

1. कॉलम चार्ट

3. लाइन चार्ट

5. पाई चार्ट

4. एरिया चार्ट

6. XY या स्कैंटर चार्ट

चार्ट के तत्त्व (Elements of Chart)

1. चार्ट एरिया (Chart Area) किसी चार्ट को बनाने में प्रयोग किया गया कुल क्षेत्र चार्ट एरिया होता है। चार्ट एरिया से चार्ट को घेरने के लिए एक आयताकार बॉक्स का प्रयोग करते हैं। इस आयताकार बॉक्स का

एरिया, चार्ट एरिया कहलाता है। प्लाट एरिया (Plot Area) वह क्षेत्रफल जिसमें डेटा को चार्ट के रूप में प्रदर्शित करते हैं। प्लाट एरिया कहलाता है।

2. प्लाट एरिया 2D-Chart में अक्षों से घिरा होता है जबकि 3D chart में वॉल्स (Walls) और फ्लोर (Floor) से घिरा होता है।

3. चार्टशीर्षक (Chart Title) ये चार्ट और दोनों अक्षों (X और Y) के शीर्षक होते हैं। इससे हमें पता चलता है कि चार्ट हमें क्या दिखाना चाहता है और उसके अक्षों के मानों का क्या अर्थ है। अक्ष (Axes) सामान्यतः किसी चार्ट में दो अक्ष होते हैं, जिन्हें क्रमशः X और Y अक्ष कहा जाता है।
X-अक्ष क्षैतिज अक्ष होता है जिसे कैटेगरी (Category) अक्ष भी कहते हैं।

Y-अक्ष उर्ध्वाधर अक्ष होता है, जिसे वैल्यू अक्ष भी कहते है।

अक्ष शीर्षक (Axis Title) X, Y और Z अक्षों के मानों को जिस शीर्षक से प्रस्तुत करते हैं। उसे अक्ष शीर्षक कहते हैं। ये बताते हैं कि अक्षों के मन (Values) का क्या अर्थ है।

डेटा श्रेणियाँ (Data Series) डेटा श्रेणियाँ उन सभी मानों की सूची है, जिनको हम चार्ट में दिखाना चाहते हैं। चित्र में खरीद और बिक्री दो डेटा श्रेणियाँ हैं जो भिन्न-भिन्न रंगों के कॉलमों द्वारा दिखाई गई हैं।

ग्रिड लाइनें (Grid Lines) ये कुछ बैकग्राउण्ड लाइनें होती हैं। इनमें हमें प्रत्येक डेटा श्रेणी के मानों का स्तर पता चलता है। ग्रिड लाइनें दो प्रकार की होती हैं- मुख्य (Major) और गौण (Minor)। मुख्य ग्रिड लाइनें मुख्य स्तरों को दिखाती है। जबकि गौण ग्रिड लाइनें छोटे स्तरों को दिखाती है। एक्स-अक्ष की ग्रिड लाइनें उध्र्ध्वाधर (Vertical) होती हैं जबकि वाई (Y) अक्ष की ग्रिड लाइनें क्षैतिज (Horizontal) होती है।

6. संकेत (Legends) ये हमें चार्ट में उपयोग किए गए विभिन्न प्रकार के कॉलमों, रेखाओं, बिन्दुओं और रंगों का अर्थ बताते हैं। सामान्यतः प्रत्येक डेटा श्रेणी के लिए एक संकेत होता है, जो चार्ट में दिखाया जाता है। संकेतों को दाएँ, बाएँ, ऊपर या नीचे या किसी कोने में कहीं भी दिखाया जा सकता है। चित्र में संकेत नीचे दिखाए गए हैं।

7. डेटा लेबल (Data Lebel) ये डेटा श्रेणी के वास्तविक मान होते हैं, जो चार्ट में उस मान को व्यक्त करने वाले कॉलम, रेखा या चिन्ह के पास ही दिखाए जाते हैं।

8. डेटा सारणी (Data Table) यह एक साधारण सारणी होती है, जिसमें सभी डेटा श्रेणियों के मान दिखाए जाते हैं। यह सारणी चार्ट में किसी कोने पर दिखायी जा सकती है।

इन्हें भी जानें

एक ही एक्सल डॉक्यूमेन्ट के एक्सल व एक ही एक्सल डाक्यूमेन्ट के वर्कशीट दो एक्सल फाइलों के बीच में मूव करन च ने हुए सेलों (Cells) के सभी डेटा व ए चुने हुए सेल के डेटा को करेन्टली चुन कोमा (Comma) फॉर्मेट में नम्बर को करेन्सी (Currency) फॉर्मेट में नम्बर डेट फॉर्मेट में नम्बर को फॉर्मेट करने के टाइम फॉर्मेट में संख्याओं को फॉर्मेट व सम्पूर्ण कॉलम चुनने के लिए सम्पूर्ण पंक्तियाँ चुनने के लिए प्रतिशत फार्मेंट में नम्बर को फॉर्मेट कर एक्सेल में उत्पन्न की गयी नयी वर्क बुक में बाइ डिफाल्ट (By Default) तीन वर्कशीट होती है। एक्टिव सेल वह सेल होता है, जिसमें आप करेन्टली काम कर रहे हो। एमएस एक्सेल का फाइल फॉर्मेट या एक्सटेंशन .xls होता है। इलस्ट्रेशन ग्रुप (Illustration Group) के द्वारा पिक्चर्स, क्लिप आर्ट, शेप और स्मार्ट आर्ट इनसर्ट कराते हैं। $ चिन्ह के द्वारा किसी सेल के लोकेशन को एक फिक्स्ड पोजीशन पर लॉक करते हैं।

  • स्टैक्ड बार कॉलम (Stacked Bar Colum) किसी अद्वितीय वस्तु का सभी वस्तुओं से सम्बन्ध को बताता है।
  • स्कैटर मानों (Values) के युग्म की तुलना करता है।
  • चार्ट विजार्ड (Chart wizard) का प्रयोग एम एस एक्सल में चार्ट
  • बनाने के लिए करते हैं।
  • एम्बेडेड (Embedded) चार्ट एक प्रकार का चार्ट होता है जो पहले से
  • बनी हुई शीट पर खींचा जाता है।

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