‘दर्रा‘ किसे कहते हैं?
पहाड़ों के बीच की जगह को दर्रा (Pass) कहा जाता है। या कहें कि पर्वतों एवं पहाड़ों के मध्य पाए जाने वाले आवागमन के प्राकृतिक मार्गों को दर्रा कहा जाता है। ये वे प्राकृतिक मार्ग हैं जिनसे होकर पहाड़ों को पार किया जाता है।
मुख्यतः भारत के 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में स्थित दरों का विवरण निम्नवत है-
भारत में पाये जाने वाले दरों को दो भागों में बाँटा जा सकता है-
हिमालय के पर्वतीय राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश में पाये जाने वाले दरें –
- केंद्र शासित – प्रदेश जम्मू कश्मीर
- राज्य – हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर।
प्रायद्वीप भारत के राज्यों में पाये जाने वाले दरें –
- राज्य – महाराष्ट्र, केरल।
जम्मू कश्मीर
यहां पर पांच महत्वपूर्ण दरें हैं-
काराकोरम दर्श
- भारत का सबसे ऊँचा वर्रा है।
- समुद्र तल से ऊंचाई 5654 मी० है।
- काराकोरम पर्वत श्रेणी में आता है।
- ये पाक के कब्जे ठाले कश्मीर और चीन को जोड़ता है।
जोजिला दर्रा
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 3528 मी० है।
- कश्मीर घाटी को लेह से जोड़ता है।
- जासकर (जास्कर) पर्वत श्रेणी में आता है।
पीरपंजाल दर्श (पीर पंजाल र्ट्स)
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 3490 मी० है।
- पीरपंजाल पर्वत श्रेणी में आता है।
- पुलगाँव से कोठी जाने का रास्ता इसी पर है।
बनिहाल दर्श
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 2832 मी० है।
- पीरपंजाल पर्वत श्रेणी में आता है।
- जम्मू और श्रीनगर को जोड़ता है।
- जवाहर सुरंग इसी दरें में बनी है।
- जम्मू से श्रीनगर जाने वाला NH-1A है।
बुर्जिला दर्रा
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4100 मी० है।
- श्रीनगर को गिलगित से जोड़ता है।
हिमाचल प्रदेश
यहां पर तीन महत्वपूर्ण दरें स्थित हैं-
बारालाचा दर्रा (बरलाचा ला दर्रा)
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4843 मी० है।
- जासकर पर्वत श्रेणी में स्थित है।
- मंडी और लेह को जोड़ता है।
शिपकीला दर्रा (शिपकी ला या शिपकी दरी)
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4300 मी० है।
- जासकर श्रेणी में स्थित है।
- शिमला को तिब्बत से जोड़ता है।
- सतलुज नदी भारत में इसी के पास से प्रवेश करती है।
रोहतांग दर्रा
- हिमाचल की पीरपंजाल श्रेणी में स्थित है।
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4620 मी० है।
- ये मनाली और लेह को आपस में जोड़ता है।
उत्तराखण्ड
पहां पर तीन महत्वपूर्ण दरें हैं-
लिपुलेख दर्रा
- उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जनपद में 5334 मी० की ऊंचाई पर स्थित है।
- ये पिथौरागढ़ को तिब्बत के तकलाकोट से जोड़ता है।
- यह वर्रा कैलाश मानसरोठर की यात्रा के लिए विशेष महत्व रखता है। यह दर्रा भारत से कैलाश पर्वत व मानसरोवर जाने वाले पात्रियों द्वारा विशेष रूप से इस्तेमाल होता है।
माना दर्रा (माणा दरी)
- उत्तराखण्ड के अंतिम गाँव माना (माणा) में स्थित ये दर्रा 5545 मी० की ऊंचाई पर स्थित है।
- उत्तराखण्ड के माना गाँव को तिब्बत से जोड़ता है।
नीति दर्श
- ये दर्रा 5068 मी० की ऊंचाई पर उत्तराखण्ड की महा हिमालय श्रेणियों में स्थित है।
- ये उत्तराखण्ड को तिब्बत से जोड़ता है।
सिक्किम
यहां दो प्रमुख दरें हैं। यहाँ दरें को “ला” भी कहा जाता है।
नाथू ला (दर्रा) (नाथूला दर्रा)
- ये दर्रा सिक्किम राज्य में डोगेक्या श्रेणियों में 4310 मी० की ऊंचाई पर स्थित है।
- पे दर्श सिक्किम को चुम्भी घाटी से जोड़ता है।
- भारत-चीन की सीमा पर होने के कारण इसका सामरिक महत्व अधिक है।
- 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इसे बन्द कर दिया गया था। वर्ष 2006 में इसे व्यापार के
लिए पुनः खोल दिया गया। - भारत चीन व्यापार का कुल 80% व्यापार इसी दरें से किया जाता है
जेलेप ला (दर्श)
- ये सिक्किम और भूटान को आपस में जोड़ता है।
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 4270 मी० है।
- इसका निर्माण तीसता (तीस्ता) नदी द्वारा किया गया है।
अरुणाचल प्रदेश
पहां पर तीन प्रमुख दरें हैं-
बोमडिला दर्रा
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 2217 मी० है।
- अरुणाचल प्रदेश के तवांग और तिब्बत को जोड़ता है।
- तठांग में एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ स्थित है।
यांग्याप दर्रा
- यह दर्रा भारत एवं तिब्बत की सीमा पर स्थित है।
- ब्रह्मपुत्र नदी भारत में इसी के पास से प्रतेश करती है।
दीफू दर्रा
- अरुणाचल प्रदेश व म्यांमार के बॉर्डर पर है।
मणीपुर
तुजू दर्रा
- इम्फाल को म्यांमार से जोड़ता है।
केरल
पालघाट दर्रा (पालक्काड़ दरी
- इसकी समुद्र तल से ऊंचाई ३०० मी० है।
- कोझिकोड (केरल) व कोयंबटूर (तमिलनाडु) को आपस में जोड़ता है।
- अन्नामलाई व नीलगिरी की पहाड़ियों के बीच में है।
शेनकोट्टा
- ये इलायची पहाड़ियों (कार्डमम पा कार्यामोम हिल्स) में 210 मी० की ऊंचाई पर स्थित है।
- तिरुवनंतपुरम (केरल) और मदुरै (तमिलनाडु) को आपस में जोड़ता है।
महाराष्ट्र
थाल घाट दर्रा
मुंबई एवं नासिक को जोड़ता है।
भौर घाट दर्श
ये समुद्र तल से 548 मी० की ऊंचाई पर स्थित है।
ये मुम्बई को पुणें तथा चेन्नई से जोड़ता है।
NH48 मुम्बई-चेन्नई इसी दर्रे से होकर जाता है।