दक्षिण भारत की नदियों को दो भागों में बाँटा गया है-
- पहली वो नदियां जो बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं
- दूसरी वो नदियां जो अरब सागर में गिरती हैं।
1. दक्षिण भारत की बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां
हुगली नदी
- पश्चिम बंगाल में गंगा नदी से टूटती है। कलकत्ता इसी के तट पर बसा हुआ है।
दामोदर नदी
- छोटा नागपुर पठार से निकलती है।
- झारखण्ड के चन्दवा जिले से निकलती है तथा पश्चिम बंगाल में प्रवेश करके हुगली नदी से मिल जाती है।
- अंततः बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। सीधे बंगाल की खाड़ी में नही गिरती है।
- इस नदी को बंगाल का शोक भी कहा जाता है।
स्वर्ण रेखा नदी
- झारखण्ड की राजधानी राँची के पास से निकलती है।
- तीन राज्यों में बहती है।
- झारखण्ड
- पश्चिम बंगाल
- उड़ीसा
- उड़ीसा के तट से बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
वेतरणी नदी
- उड़ीसा से ही निकलती है और उड़ीसा से बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
- उड़ीसा में क्योंझर पठार से निकलती है।
ब्राह्मणी नदी
- झारखण्ड से आने वाली शंख और दक्षिणी कोयल नदी जब मिलती है तब ब्राह्मणी नदी कहलाती है।
- उडीसा से राउरकेला में मिलती है।
- शंख नदी- झारखण्ड में गुमला से निकलती है।
- दक्षिणी कोपल- झारखण्ड में राँची के पास से निकलती है।
- आखिर में वैतरणी नदी के पास ही बंगाल की घाटी में गिर जाती है।
महानदी
- छत्तीसगढ़ के सिहावा जिले से निकलती है।
- उड़ीसा में प्रवेश करती है। एक डेल्टा का निर्माण करती है और बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
- कटक शहर के पास डेल्टा बनाती है।
- हीराकुण्ड बांध इसी नदी के ऊपर बना है। भारत का सबसे लम्बा बांध है।
- सहायक नदियां- शिवनाथ, हंसदेव, मंड, जॉक।
गोदावरी नदी
- महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्रिम्बकेश्वर के निकट से निकलती है।
- दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी है।
- महाराष्ट्र से तेलंगाना से छत्तीसगढ़ से अंततः आंध्र प्रदेश में प्रवेश करती है।
- राजमुद्री के पास डेल्टा बनाती है।
- इसे दक्षिण की गंगा कहा जाता है।
- गोदावरी की सहायक नदियां-
- पुर्णा
- प्राणहिता (प्रन्हिता नदी)
- पैनगंगा
- वर्धा
- वेन गंगा
- इन्द्रावती
- मंजीरा
- पखरा
कृष्णा नदी
- महाराष्ट्र में महाबलेश्वर के निकट पश्चिमी घाट से निकलती है।
- प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सबसे लम्बी नदी है।
- महाराष्ट्र से कर्नाटक से तेलंगाना से अंततः आंध्र प्रदेश में प्रवेश करती है।
- आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा के पास डेल्टा बनाती है।
- कृष्णा की सहायक नदियां-
- तुंगभद्रा (सबसे लम्बी सहायक नदी)
- भीमा
- कोयना
- मूसा (हैदराबाद इसी के किनारे बसा है)
- घाट प्रभा
- माल प्रभा
- दूध गंगा
- पंच गंगा
पेन्त्रार नदी
- कर्नाटक से आती है और आंध्र प्रदेश में बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
- कर्नाटक के कोलार जिले से आती है।
पालर नदी
- कर्नाटक से निकलती है।
- कर्नाटक से आंध्र प्रदेश से अंततः तमिलनाडु में प्रवेश करती है।
कावेरी नदी
- कर्नाटक के कुर्ग जिले में ब्रह्मगिरी/पुष्प गिरी पहाड़ियों से निकलती है।
- पे नदी कावेरीपट्टम के पास बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
- कावेरी की सहायक नदियां-
- सिमसा
- हेमवती
- अमरावती
- काबिनी
- भठानी
- लक्ष्मण तीर्थ
- लोकपावनी
- तमिलनाडु का त्रिचरापल्ली शहर कावेरी नदी के किनारे बसा है।
वैगई नदी
- तमिलनाडु से निकलती है और वही बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
- तमिलनाडू में मदुरै से निकलती है।
ताम्रपाणी नदी
- तमिलनाडु से निकलती है।
- तमिलनाडु में ही मन्नार की खाड़ी में गिर जाती है।
2. दक्षिण भारत की अरव सागर में गिरने वाली नदियां
लूनी नदी
- राजस्थान में अजमेर के निकट अरावली पर्वत श्रृंखला में निकलती है।
- इसको लवण नदी भी कहा जाता है। सांभर झील से होकर गुजरती है।
- गुजराल के रण ऑफ कच्छ में विलुप्त हो जाती है।
साबरमती नदी
- राजस्थान के उदयपुर जिले के मेवाड़ की पहाडियों से निकलती है।
- गुजरात का अहमदाबाद व गाँधीनगर शहर साबरमती नदी के किनारे ही बसे हुए है।
- आगे चलकर अरब सागर में खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है।
माही नदी
- मध्य प्रदेश में विंध्याचल पर्वत श्रेणी से आती है।
- तीन राज्यों में बहती मध्य प्रदेश से राजस्थान से अंततः गुजरात में प्रवेश करती है।
- भारत की ऐसी नदी जोकि कर्क रेखा को दो बार काटती है।
नर्मदा नदी
- प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लम्बी नदी जो अरब सागर में गिरती है।
- प्रायद्वीपीय भारत में लम्बाई के मामले में तीसरे स्थान पर आती है।
- मध्य प्रदेश में अमर कंटक चोटी से निकलती है।
- अमरकंटक से दो नदियां नर्मदा एवं सोन निकलती है।
- नर्मदा एवं सोन नदियां ऐसी नदियां है जोकि एक ही स्थान से निकलने वाली
- दो नदियां जो विपरीत दिशा में बहती है।
- नर्मदा सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में बहती है।
- भंश घाटी में होकर बहती है।
- मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र से अंततः गुजरात में प्रवेश करती है।
- भठौच के पास अरब सागर में गिर जाती है।
- मध्य प्रदेश का जबलपुर इसी नदी के किनारे बसा हुआ है।
- हुँआधार जलप्रपात नर्मदा नदी पर जबलपुर में बनता है।
ताप्ती नदी
- मध्य प्रदेश में महादेव पहाड़ियों से निकलती है।
- बैतूल पठार का क्षेत्र है।
- मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र से अंततः गुजरात में प्रवेश करती है।
- सूरत शहर ताप्पी नदी के किनारे ही बसा हुआ है।
माण्डवी नदी
- माण्डवी नदी कर्नाटक से आती है।
- गोवा में आकर अरब सागर में गिर जाती है।
- गोवा की राजधानी पणजी माण्डवी नदी के तट पर बसा हुआ है।
जुवारी नदी
- गोवा से निकलती है एवं गोवा में ही अरब सागर में मिल जाती है।
शरावती नदी
- कर्नाटक से निकलती है और कर्नाटक में ही अरब सागर में गिर जाती है।
- कर्नाटक का जोग जलप्रपात इसी नदी के तट पर बनता है।
- महात्मा गाँधी या गरसोप्या जलप्रपात नाम से भी जाना जाता है।
गंगावेली नदी
- कर्नाटक से निकलकर कर्नाटक में ही अरब सागर में मिल जाती है।
पेरियार नदी
- केरल से निकलकर केरल में ही अरब सागर में गिर जाती है।
भरत पूजा नदी
- तमिलनाडु से आकर केरल में अरब सागर में गिर जाती है।