गंगा नदी

गंगा नदी

  • भागीरथी नदी गंगोत्री हिमनद से गोमुख नाम के स्थान से निकलती है।
  • अलकनंदा नदी बद्रीनाथ के पास सतोपंथ ग्लेशियर से निकलती है।
  • देव प्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नदी मिलती है और वहां से गंगा नदी के नाम से जानी जाती है।
  • देव प्रयाग से पहले अलकनंदा नदी में पंचप्रयागों (सभी उत्तराखण्ड में) में अलग-अलग नदियां मिलती हैं।
  • विष्णु प्रयाग में – अलकनंदा + धौलीगंगा
  • नन्द प्रयाग में – अलकनंदा + नंदाकिनी
  • कर्ण प्रयाग में – अलकनंदा + पिण्डर
  • रूद्र प्रयाग में – अलकनंदा + मंदाकिनी
  • देव प्रयाग में – अलकनंदा + भागीरथी
  • यमुनोत्री हिमनद से गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी यमुना निकलती है। जोकि इलाहाबाद में प्रयाग में जाकर गंगा में मिलती है।
  • गंगा भारत की सबसे लम्बी नदी है।
  • कानपुर, बनारस, पटना तथा हरिद्वार गंगा नदी के किनारे बसे हैं।
  • गंगा नदी सबसे पहले हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में आती है।
  • पश्चिम बंगाल में गंगा नदी 2 भागों में बट जाती है। एक भाग को हुगली नदी के नाम से जाना जाता है। हुगली नदी आगे बढ़ कर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। इसी नदी के किनारे कलकत्ता शहर बसा है।
  • दुसरा भाग बांग्लादेश में प्रवेश कर जाता है और वहां इसे पद्मा के नाम से जाना जाता है।
  • वहीं दूसरी तरफ से ब्रह्मपुत्र नदी भी बांग्लादेश में प्रवेश करती है और यहां इसे जमुना नाम से जाना जाता है।
  • ये दोनों बड़ी नदियां पद्मा (गंगा) एवं जमुना (ब्रह्मपुत्र का बांग्लादेश में नाम) बांग्लादेश में मिल जाती है और मिलने के बाद इसे पद्मा नदी ही कहा जाता है।
  • बांग्लादेश में ही मेघना नदी पद्मा नदी में चांदपुर जिला (बांग्लादेश) में मिलती है और इसके आगे इस नदी को मेघना नदी के नाम से जाना जाता है। अंततः ये बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है। यहीं पर ये विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा बनाती है जिसे सुंदरवन डेल्टा कहा जाता है।

गंगा नदी भारत में 5 राज्यों से होकर गुजरती है –

  • उत्तराखण्ड (उद्गम स्थल)
  • उत्तर प्रदेश (सबसे अधिक लम्बाई)
  • बिहार
  • झारखण्ड (सबसे कम लम्बाई)
  • पश्चिम बंगाल

बायीं ओर से गंगा में मिलने वाली सहायक नदियाँ

गंगा की सहायक नदियों को दो भागों में बाटा जा सकता है।

  • दांयी ओर से मिलने वाली सहायक नदियां ।
  • बांयी ओर से मिलने वाली सहायक नदियां ।

दांयी ओर से गंगा में मिलने वाली सहायक नदियां

  • यमुना, चम्बल, बेतवा, केन, टोंस एवं सोन नदी गंगा की दांयी ओर से मिलने वाली सहायक नदियाँ हैं।
  • दांयी ओर से मिलने वाली सहायक नदियों में केवल यमुना ही एक ऐसी नदी है जोकि हिमालय से आती है। बाकी सभी सहायक नदियां प्रायद्वीप पठार से आती हैं।
  • यमुना ही सबसे बड़ी सहायक नदी भी है।
  • दिल्ली तथा आगरा यमुना नदी के किनारे बसे हैं।
  • चम्बल, बेतवा एवं केन सीधे गंगा में न मिलकर पहले यमुना में मिलती है और फिर यमुना गंगा नदी में मिल जाती है।
  • इटावा (उत्तर प्रदेश) – यमुना + चम्बल
  • हमीरपुर (उत्तर प्रदेश) – यमुना + बेतवा
  • बाँदा (उत्तर प्रदेश) – यमुना + केन
  • प्रयागराज (संगम) (पूर्व नाम इलाहाबाद) – यमुना + गंगा
  • टॉस एवं सोन नदी सीधे गंगा नदी में मिल जाती हैं।

बांयी ओर से गंगा में मिलने वाली सहायक नदियां

  • रामगंगा, गोमती, घाघरा, गंडक, कोसी तथा महानन्दा सभी गंगा में बांयी ओर से मिलने वाली सहायक नदियां हैं।
  • गोमती नदी – लखनऊ (उत्तर प्रदेश) गोमती नदी के किनारे बसा हुआ है। जौनपुर (उत्तर प्रदेश) भी गोमती नदी के किनारे बसा है। बनारस के आगे गंगा में मिल जाती है
  • महानन्दा नदी- ये सबसे पूर्वी सहायक नदी है। दार्जिलिंग की पहाड़ियों से होकर आती है।

नेपाल से आने वाली नदियाँ।

  • घाघरा नदी-पटना से थोड़ा पहले गंगा में मिल जाती है।
  • गंडक नदी- उद्गम नेपाल में होता है। ये नदी त्रिशूल गंगा तथा काली गंडक के मिलन से बनती है। इसे नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में शालिग्राम कहते है और जब ये नेपाल के मैदानी क्षेत्र में आ जाती है तब इसे नारायणी नदी कहा जाता है।
  • कोसी- इस नदी को बिहार का शोक भी कहा जाता है। क्योंकि ये हर वर्ष बिहार में बाड़ का मुख्य कारण बनती है।

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