भारत का राष्ट्रीय सड़क परिवहन तंत्र भारत का राष्ट्रीय सड़क परिवहन तंत्र विश्व का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा सड़क परिवहन तंत्र है। सड़क परिवहन किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा होता है।
भारत में सड़क यातायात देश की कुल यातायात का 87.4% है।
- भारत में कुल 66 लाख कि०मी० का सड़क नेटवर्क है।
- सड़क परिवहन में विश्व में पहला स्थान यू०एस०ए० का है।
- दूसरा स्थान पर भारत है।
- तीसरा स्थान बीन का है।
भारत में मुख्य रूप से निम्न प्रकार की सड़कें है-
- राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-National Highway)
- राज्य राजमार्ग (SH-State Highway)
- सीमांत सड़कें (Border Road)
- जिला सड़कें
- ग्रामीण सड़कें
भारत का औसत सड़क घनत्व- 142.6 कि०मी० / 100 वर्ग कि॰मी॰ है।
- भारत का अधिकतम सड़क घनत्व वाला राज्य केरल हैं- 517 कि०मी० / 100 वर्ग कि०मी०
- देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए 1998-1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय
- राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP-National Highway Development Project) शुरू की गई।
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway)
- भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) की कुल लम्बाई 1,42,126 कि०मी०
- इन राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण एवं रखरखाव हेतु NHAI, CPWD कार्य करती है।
- NHAI की स्थापना 1988 में हुई थी। मुख्यालय दिल्ली में है।
- CPWD की स्थापना 1854 में हुई थी। मुख्यालय दिल्ली में है। राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) की अधिकतम लम्बाई 15,436 कि०मी० महाराष्ट्र में है।
- राज्य राजमार्ग (State Highway) की अधिकतम लम्बाई 33.705 कि०मी० भी महाराष्ट्र में ही है।
स्थान |
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) |
राज्य राजमार्ग (State Highway) |
प्रथम | महाराष्ट्र- 15,436 कि०मी० | महाराष्ट्र- 33.705 कि०मी० |
द्वितीय | उत्तर प्रदेश-8711 कि०मी० | तमिलनाडू- 26,985 कि०मी० |
तृतीय | राजस्थान – 7985 कि०मी० | कर्नाटक-20758 कि०मी० |
चतुर्थ | मध्य प्रदेश-7854 कि०मी० | गुजरात- 19,761 कि०मी० |
- अन्य मागों की तुलना में राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) मात्र 2% ही है। परन्तु इन पर पातायात का कुल 40% हिस्सा निर्भर करता है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) का वर्गीकरण –
- Single Lane National Highway-22%
- Double Lane National Highway-54%
- Multilane National Highway(4lane, 6 lane & 8 lane)-2.4%
राष्ट्रीय राजमार्ग की नंबरिंग की प्रक्रिया
जानें भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग की नंबरिंग की प्रक्रिया कैसे की जाती है।
- सभी उत्तर से दक्षिण उन्नमुख (Vertical पा लम्बवत) राजमार्गों को सम (even) संख्या दी जाती है।
- ये संख्या पूर्व से पश्चिम की ओर को बढ़ते हुए क्रम में आवंटित किया जाता है। इन सभी राजमार्गों को नक्शे में नीले रंग से दर्शाया जाता है।
- सभी पूर्व से पश्चिम उन्नमुख (Horizontal पा क्षैतिज) राजमार्गों को विषम (odd) संख्या दी जाती है। ये संख्या उत्तर से दक्षिण की ओर को बढ़ते हुए क्रम में आवंटित किया जाता है।
- इन सभी राजमार्गों को नक्शे में लाल रंग से दर्शाया जाता है।
- सभी प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) की संख्या एकल पा दो अंक ही होते है।
- तीन अंकों वाले राजमार्ग (National Highway) मुख्य राजमार्ग की एक उप-शाखा होंगे। उदाहरण के लिए- NH144- NH44 की एक उप शाखा है।
- अंग्रेजी के A,B,C,D आदि प्रत्यप तीन अंकों वाले उप राजमार्गों की भी उपशाखा होंगे। उदाहरण के लिए- NH144A, इसमें मुख्य
- राजमार्ग NH44 है तथा NH144 उसकी उपशाखा है तथा NH144A उसकी भी उपशाखा है।
- उपरोक्त नंबरिंग के अनुसार भारत के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का विवरण निस्रवत है- NH1- जम्मू कश्मीर (उरी-लेह)
- NH2- असम (डिब्रूगढ़) से नागालैंड-मणिपुर-मिज़ोरम (तुपांग) तक।
- NH4- अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में स्थित है।
- भारत का अंतिम सम संख्या (even) ठाला राष्ट्रीय राजमार्ग (लम्बवत / vertical, नीले रंग का) NH68 है। जोकि राजस्थान के जैसलमेर को गुजरात के प्रांतिज से जोड़ता है। अतः भारत में NH70 नहीं है।
- भारत में अंतिम विषम संख्या (odd) वाला राष्ट्रीय राजमार्ग (क्षेतिज/Horizontal, लाल रंग का) NH87 है। जोकि तमिलनाडु में स्थित है। अतः भारत में NHS नहीं है
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना वर्ष 1999 में शुरू हुई थी लेकिन निर्माण कार्य आधिकारिक तौर पर 2001 में शुरू हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सबसे बड़े राजमार्ग की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत की थी
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना देश के चार महानगरों को राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) से जोड़ने वाली परियोजना है।
दिल्ली-मुम्बई-चेन्नई-कोलकाता इसकी कुल लम्बाई 5846 कि०मी० है। स्वर्णिम चतुर्भुज (Golden Quadrilateral) कुल 19 राज्यों से होकर गुजराता है
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) का नाम | महानगरों के नाम | कुल लम्बाई | राष्ट्रीय राजमार्ग के मध्य में पड़ने वाले प्रमुख शहर |
NH-48 | दिल्ली – मुम्बई | 1419 कि०मी० | दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान (जयपुर, उदयपुर), गुजरात (अहमदाबाद, सूरत), महाराष्ट्र (मुम्बई) |
NH-48 | मुम्बई- चेन्नई | 1290 कि०मी० | महाराष्ट्र (मुम्बई, धाने पुणे), कर्नाटक (बेंगलुरू), तमिलनाडु (चेन्नई) |
NH-16 | चेतई- कोलकाता | 1684 कि०मी० | आंध्र प्रदेश (नेल्लूर, गुंटूर, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम), ओडिशा (भुवनेश्वर), पश्चिम बंगाल (खड़गपुर, कोलकाता |
NH-16 | कोलकाता – दिल्ली | 1435 कि०मी० | पश्चिम बंगाल (आसनसोल) झारखंड, बिहार (मोहनिया), उत्तर प्रदेश (मधुरा, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, बनारस, हरियाणा दिल्ली) |
उत्तर-दक्षिण तथा पूर्व-पश्चिम गलियारा
- भारत के उत्तरी तथा दक्षिणी बिन्दु को एवं पूर्वी तथा पश्चिमी बिन्दु को आपस में जोड़ने वाले राज्य मार्ग इसके अंतर्गत आते है।
- उत्तर-दक्षिण तथा पूर्व-पश्चिम गलियारा परियोजना के अन्तर्गत NH-44 तथा NH-27 आते
- ये दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तर प्रदेश में झांसी में एक दूसरे से मिलते है।
उत्तर दक्षिण गलियारा (North-South Corridor)
- NH-44 जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी को आपस में जोड़ता है। भारत का सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग है।
- NH-44 जम्मू कश्मीर से हिमाचल प्रदेश-पंजाब-हरियाणा-दिल्ली-उत्तर प्रदेश- राजस्थान-मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश-
- महाराष्ट्र-तेलंगाना-आंध्र प्रदेश- कर्नाटक-तमिलनाडु तक जाता है।
- इसकी कुल लम्बाई 3806 कि०मी० की है।
पूर्व-पश्चिम गलियारा (East-West Corridor)
- NH-27 असम के सिलचर से गुजरात के पोरबंदर को आपस में जोड़ता है।
- NH-27 असम से पश्चिम बंगाल-बिहार उत्तर प्रदेश-राजस्थान-गुजरात तक जाता है।
- इसकी कुल लम्बाई 3507 कि०मी० की है।