अनेकार्थक शब्द की परिभाषाएँ।
”अनेकार्थक‘ कहलते हैं। जैसे ‘पक्ष‘ के Anekarthi Shabd शब्दपंख, ओर, बल, पन्द्रह दिन का समय।
8 शब्दों के अनेकार्थी रूप से मेल न खा ने वाले शब्द को जादुई
(i) पत्र –
(क) पत्ता
(ख) अक्षर
(जी) पंख
(घ) पन्ना।
उत्तर :
(जी) पंख
(अ, आ)
- आपत्ति- विपत्ति,एतराज।
- अपेक्षा- इच्छा, आवश्यकता, आशा, इत्यादि।
- अंबर- आकाश, अमृत, वस्त्र।
- अनंत- आकाश, ईश्वर, विष्णु, अंतहीन, शेष नाग।
- अवकाश- छुटटी, अवसर, अंतराल
- अन्तर- शेष, दूरी, हृदय, भेद।
- अर्क- इन्द्र, सूर्य, रस, अकबन।
- अंकुर- कोंपल, नोंक, सूजन, रोआँ।
- अंजन- काजल, रात, माया, लेप।
- अंश- हिस्सा, कोण का अंश, किरण।
- अंत- मरण, अवसान, सीमा।
- अनन्त- आकाश, अन्तहीन, विष्णु।
- अच्युत- कृष्ण, स्थिर, अविनाशी।
- अपर- दूसरा, इतर, पंखहीन।
- अपंग- अपाहिज, तिलक, नेत्रों के कोने।
(क)
- कर- हाथ, टैक्स, किरण, सूँड़ ।
- काल- समय, मृत्यु, यमराज।
- कर्ण- कर्ण (नाम), कान।
- कुशल- खैरियत, चतुर ।
- कर्ण- कर्ण (नाम), कान।
- काम- वासना, कामदेव, कार्य, पेशा, धंधा।
- कनक- सोना, धतूरा, पलाश, गेंहूँ।
- कुंद- भोंथरा, एक मूल।
- कुल- वंश, सब।
- कृष्ण- काला, कन्हैया, वेदव्यास।
- केतु- एक ग्रह, ध्वज, श्रेष्ठ, चमक।
- कोट- परिधान, किला।
- कोटि- श्रेणी, करोड़, गणना।
- कंक- यम, क्षत्रिय, युधिष्ठिर।
- कंकण- कंगन, मंगलसूत्र, विवाह-सूत्र।
- कंटक- घड़ियाल, काँटा, दोष।
- कक्ष- कमरा, काँख, लता, रनिवास, बाजू।
- कटाक्ष- आक्षेप, तिरछी निगाह, व्यंग्य।
- कर्क- केंकड़ा, आग, एक राशि, आईना, सफेद।
- काक- कौआ, लँगड़ा आदमी, अतिधृष्ट।
- कादम्ब- कदम्ब, ईख, बाण, खट्टी मदिरा।
- कृत्स्न- जल, कोख, पेट।
- कैरव- कुमुद, कमल, शत्रु, ठग।
- केवल- एकमात्र, विशुद्ध ज्ञान।
- कंद- शकरकन्द, बादल, मिश्री।
- कलत्र- स्त्री, कमर।
- केलि- परिहास, खेल, पृथ्वी।
- कमल- हिरण, पंकज, ताम्बा, आकाश।
- कल्प- सबेरा, शराब।
(ग, घ)
- गुरु- शिक्षक, ग्रहविशेष, श्रेष्ठ, बृहस्पति, भारी, बड़ा, भार।
- गति- पाल, हालत, चाल, दशा, मोक्ष, पहुँच।
- गदहा- गधा, मूर्ख, वैद्य।
- ग्रहण- लेना, चन्द्र, सूर्यग्रहण।
- गोविंद- कृष्ण, गोष्ठी का स्वामी।
- गोत्र- वंश, वज्र, पहाड़, नाम।
- गिरा- सरस्वती, गिरना, वाणी।
- गौर- गोरा, विचार।
(ज, ठ)
- जाल- फरेब, बुनावट, फंदा, किरण, जाला।
- जीवन- जल, प्राण, जीविका, जीवित।
- जलधर- बादल, समुद्र।
- जड़- मूल, मूर्ख।
- जौ- वेग, शरिक्त, अन्न विशेष।
(प, फ)
- पानी- जल, चमक, इज्जत ।
- पत्र- पत्ता, चिठ्ठी, पंख।
- पृष्ठ- पीठ, पत्रा, पीछे का भाग।
- प्रभाव- सामर्थ्य, असर, महिमा, दबाव।
- पतंग- सूर्य, पक्षी, टिड्डी, फतिंगा, गुड्डी।
- पय- दूध, अन्न, पानी।
- पर- पंख, ऊपर, बाद, किन्तु।
- पति- स्वामी, ईश्वर।
- पयोधर- स्तन, बादल।
- पीठ- पृष्ठभाग, पीढ़ा।
- पान- पेय, द्रव्य, तांबूल, शराब।
- पाश- बंधन, रस्सी, पशु।
- पोत- नाव, बच्चा, दाव।
- प्रतीक- चिह्न, प्रतिमा, उल्टा।
- प्रवाल- मूँगा, नया पत्ता, वीणादंड।
- पुष्कर- तालाब, कमल, आकाश, तलवार।
- पिशुन- चुगलखोर, केसर, नारद, नीच, क्रूर, मूर्ख।
(म)
- मयूख- कान्ति, किरण, ज्वाला।
- मन्यु- क्रोध, दीनता, यज्ञ, चिन्ता।
- मधु- शराब, शहद, बसंत, दूध, मीठा।
- मान- सम्मान, इज्जत, अभिमान, नाप-तौल, मानना।
- मित्र- दोस्त, सूर्य, प्रिय, साँप।
- मूल- जड़, पहला, वृक्ष की जटा।
- मूक- गूँगा, विवश, चुपचाप।
- मंडल- जिला, हल्का, बिम्ब, क्षितिज।
- मद- घमंड, हर्ष, शराब।
- मल- मैल, कफ, पाप, बुराई।
- मा- माता, मत, मान, लक्ष्मी।
- मात्रा- इन्द्रिय, धन, परिमाण।
निम्न शब्दों के अनेकार्थक शब्द लिखें
अर्क – अक, सूर्य, ताँबा, उतरा हुआ रस।
घन – बादल, हथौड़ा, भारी, घना।
द्विज – ब्राह्मण, पक्षी, दाँत, चन्द्रमा।
नायक – सेनापति, नेता, मार्गदर्शक, नाटक का मुख्य पात्र।
पत्र – पत्र, पत्ता, पन्ना।
भेद – प्रकार, रहस्य, फूट, भिन्नता।
रस – सार, आनंद, फलों का वर्गीकरण।
वंश – कुल, जाति, बांस।
वर – सुन्दर, अच्छा, पति, शोभा।
सारंग – सारंग, मोर, बादल, मृग।
अमृत - जल, दूध, अन्न, स्वर्ण।
नाग – सर्प, हाथी, बादल।
पतंग – सूर्य, पक्षी, टिड्डी।
हरि – बंदर, विष्णु, इंद्र।
कनक – सोना, धतूरा।
गुण – बैल, धनुराशि की डोरी।
जलज – कमल, मोती, मछली, सिंघाड़ा।
तत् – चिता, भाई, पूज्य, बड़ा।
अन्य अनेकार्थी शब्द
अन्य Anekarthi Shabd नीचे दिए गए हैं-
- अदृष्ट – जो देखा न जाए, भाग्य, गुप्त, रहस्य।
- अक्षर – अविनाशी, वर्ण, ईश्वर, आत्मा, आकाश, धर्म, तप।
- अब्धि – सागर, समुद्र।
- अंतर – हृदय, भेद, फर्क, व्यवधान, अवधि, अवसर।
- अमर – ईश्वर, देवता, शाश्वत, आकाश और धरती के मध्य में।
- अधर – होंठ, नीचे, पराजित।
- अर्क – सूर्य, रस, आका का पौधा।
- अनंत – आकाश, जिसका अंत न हो, ईश्वर, शेषनाग।
- आली – सखी, पंक्ति।
- उपचार – इलाज, उपाय।
- अरूण – हल्का लाल रंग, सूर्य का सारथी, प्रभात का सूर्य।
- अवकाश – छुट्टी, बीच के आराम का समय, मौका।
- अपवाद – निंदा, किसी नियम का विरोधी।
- अभिजात – पूज्य, उच्च कुल का, सुंदर।
- और – तथा, दूसरा, अधिक, योजक शब्द।
- कुल – वंश, सारा, सभी।
- घट – घड़ा, हृदय, कम, देह, पिंड।
- जवान – युवा, सैनिक, योद्धा।
- जीवन – जिंदगी, प्राण, जल, वृत्ति।
- तम – अँधेरा, कालिख, अज्ञान, क्रोध, राहु, पाप।
- तप – तपस्या, साधना, अग्नि।
- तार – धातु का तार, तारघर से संदेश भेजना, तारना।
- तारा – आँख की पुतली, सितारा, महाराजा हरिश्चंद्र की पत्नी।
- दक्षिण – दक्षिण दिशा, दाहिना, अनुकूल।
- धन – पूँजी, द्रव्य।
- धारणा – बुद्धि, विचार, विश्वास।
- नाग – सर्प, हाथी, नागकेसर।
- नग – नगीना, पर्वत।
- नायक – मुख्यपात्र, नेता, मार्गदर्शक।
- निशाचर – राक्षस, उल्लू, चोर।
- पट – कपड़ा, दरवाज़ा, तख्ता।
- पत्र – पत्ता, चिट्ठी, पृष्ठ, पंख।
- पद – पैर, शब्द, छंद, पदवी, अधिकार, स्थान, भाग, गीत।
- पय – पानी, दूध।
- बल – शक्ति, सेना।
- भूत – प्रेत, बीता हुआ समय, पंचभूत, प्राणी।
- भृति – मज़दूरी, मूल्य, वेतन।
- मधु – शहद, एक राक्षस, मधु ऋतु (वसंत)।
- मूल – जड़, आधार, असल धन।
- यति- योगी, जितेन्द्रिय, ब्रह्मा-पुत्र, विराम।
- रस – जड़, निचोड़, खट्टा-मीठा आनंद।
- वास – निवास, घर, सुगंध।
- वंश – गन्ना, बाँस, खानदान, समूह।
- सूर – सूर्य, सूरदास एक कवि, अंधा व्यक्ति, शूरवीर।
- स्कंध – कंधा, पेड़ का तना, ग्रंथ का भाग।
- हर – शिव, चुरा लेना।
- विहंग – पक्षी, वाण, बादल, विमान, सूर्य, चन्द्रमा, देवता।
- शर – सरकंडा, बाण, तीर, नरकट, जल, पाँच की संख्या, रूस।
- शरभ – ऊँट, एक मृग, टिड्डी, सिंह, हाथी का बच्चा, विष्णु।
- सरि – समता, माला, नदी, सरिता, बराबरी, सदृश।
- सारंग – हिरन, बादल, पानी, मोर, शंख, पपीहा, हाथी, सिंह, राजहंस, भ्रमर, कपूर, कामदेव, कोयल, धनुष, मधुमक्खी , कमल, भूषण।
- सार – रस, रक्षा, जुआ, लाभ, उत्तम, पत्नी का भाई, तलवार, तत्त्व।
- सूर – वीर, अन्धा, एक कवि, सूर्य, अर्क, मदार, आचार्य, पण्डित।
- सूत – बढ़ई, धागा, पौराणिक, सारथी, सूत्रकार, सूर्य, पारा।।
- सैन – सेना, संकेत, बाज पक्षी, इंगित, लक्षण, चिन्ह।
- हरि – विष्णु, इन्द्र, बन्दर, हवा, सर्प, सिंह, आग, कामदेव, हंस, मेंढक, चाँद, हरा रंगा
- हीन – नीचा, तुच्छ, कम, रहित, छोड़ा हुआ, अल्प, निष्कपट, बुरा, शून्य।
- हेम – सोना, तुषार, इज़्ज़त, पीला रंग।
- हंस – आत्मा, योगी, श्वेत, घोड़ा, सूर्य, सरोवर का पक्षी।
- क्षेत्र – शरीर, तीर्थ, गृह, प्रकृति, खेल, स्त्री।
- अमृत – जल, दूध, अमर, अन्न, सुधा, पारा, प्रिय, सुन्दर, आत्मा, शिव, घी, धन।
- अब्ज – कपूर, अरब की संख्या, कमल, चन्द्रमा, शंख।
- अब्द – बादल, वर्षा, मेघ, आकाश, साल।
- अपेक्षा – आशा, आवश्यकता, इच्छा, आकांक्षा, लालच, अनुरोध, भरोसा, तुलना।
- अनन्त – अन्तहीन, शेषनाग, लक्ष्मण, आकाश, विष्णु।
- अरस – आकाश, नीरस, आलस्य, महल, रसशून्य, अनाड़ी, सुस्ती, बेस्वाद।
- अरुण – सूर्य का सारथी, लाल, सूर्य, गरुड़, तड़का, सिन्दूर, केसर।
- अन्तर – फ़र्क, भीतर, अन्तरिक्ष, समय, व्यवधान।
- अपवाद – किसी नियम के विपरीत, कलंक, निन्दा, विरोध, आदेश, आज्ञा।
- अतिथि – मेहमान, अग्नि, अपरिचित, संन्यासी, आगन्तुक, अभ्यागत।
- अर्क – सूर्य, सत्त्व, ताँबा, बिजली की चमक, स्फटिक, मदार, क्वाथ (काढ़ा) रविवार।
- अर्थ – धन, प्रयोजन, तात्पर्य, कारण, लिए, अभिप्राय, निमित्त, फल, वस्तु, प्रकार।
- अलि – सखी, भ्रमर, कोयल, बिच्छू, मदिरा, कौआ, कोयल, सहेली, पंक्ति, बाँध, सेतु।
- अवि – सूर्य, पहाड़, पर्वत, आक, भेड़, मेष, वायु, कम्बल।
- अहि – दुष्ट, सूर्य, साँप, राहु, पृथ्वी, जल, बादल।
- आम – सामान्य, एक फल, मामूली, अपक्व, आँव, कच्चा, आम्र।
- आत्मज – पुत्र, कामदेव, बेटा।
- आन – दूसरा, क्षण, शपथ, टेक, सीमा, बनावट, लज्जा, प्रतिज्ञा, विचार।
- आतुर – उत्सुक, उतावला, रोगी, कमज़ोर, दुःखी, आहत, पीड़ित, व्यग्र, व्याकुल।
- आराम – विश्राम, वाटिका, एक प्रकार का दण्डक वृत्त, फुलवाड़ी।
- आसुग – मन, वायु, वाण।
- इतर – अन्य, नीच, चरस, अन्त्यज, अवशेष, बाकी, साधारण, दूसरा।
- गणित – में एक की संख्या, चन्द्रमा, कपूर।
- उरु – जाँघ, विशाल, श्रेष्ठ, विस्तीर्ण, अधिक मूल्यवान, जाँच।
- उर्मी लहर, पीड़ा, तरंग, प्रकाश, वेग, भंग, भ्रान्ति, भूल।
- ऐन कस्तूरी, घर, पूर्ण, आँख, उपयुक्त, ठीक।
- ओस गीला, गोद, धरोहर, बहाना, जिमीकन्द।
- कंज कमल, सिर के बाल, अमृत, ब्रह्म, केश।
- कनक सोना, धतूरा, गेहूँ, आटा, खजूर, नागकेसर, पलास।
- कर हाथ, टैक्स, लँड, किरण, ओला, विषय, छल, युक्ति, काम।
- कल मशीन, चैन, आने वाला कल, बीता हुआ कल, शान्ति, सुन्दर।
- कन्द जड़, मिश्री, बादल, समूह, सूरन, गाँठ, शोथ।
- कटाक्ष आक्षेप, तिरछी चितवन, व्यंग्य।
- कर्ण कान, कुन्ती का पुत्र, समकोण त्रिभुज के सामने की भुजा।
- काम कार्य, इच्छा, कामना, अनुराग, चार पुरुषार्थों में एक पुरुषार्थ काम।
- काल समय, शत्रु, यमराज, अवसर, अकाला कुशल चतुर।
10 अनेकार्थी शब्द उनके अर्थ और उदाहरण के साथ
1. चारु- सुंदर
उदाहरण– चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में
2. चंचल- अस्थिर
उदाहरण– चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में|
3.अवनि-पृथ्वी
उदाहरण– स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।
4.अम्बरतल- आकाश तले
उदाहरण- स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।
5.पुलक- आनंद
उदाहरण– पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से|
6.मन्द- हल्की
उदाहरण– मानों झीम रहे हैं तरु भी, मन्द पवन के झोंकों से
7.मनका- माला के दाने
उदाहरण– करका मनका डारि दैं मन का मनका फेर।
8 .मन – चित्त
उदाहरण– करका मनका डारि दैं मन का मनका फेर।
9.पानी- चमक (मोती के लिए)
उदाहरण– रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून
10. चंचला- लक्ष्मी, स्त्री, बिजली
उदाहरण– चली चंचला, चंचला के घर से, तभी चंचला चमक पड़ी।”