लिंग

ling

लिंग 

तात्पर्य भाषा के ऐसे प्रावधानों से है जो वाक्य को कर्ता के स्त्री पुरुष या निजीव होने के अनुसार बदल देता है। “लिंग’ संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है “चिन्ह” या निशान‘, अतः जिस संज्ञा शब्द से व्यक्ति की जाति का पता चलता है उसे लिंग  कहते हैं। विश्व की लगभग एक चौथाई भाषाओं में किसी न किसी प्रकार की लिंग व्यवस्था है। “यह शब्द जिससे किसी व्यक्ति बस्तु आदि में स्त्री पुरुष होने का ज्ञान हो उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में लिंग दो प्रकार के होते हैं. पुल्लिंग और स्त्रीलिंगा” हिन्दी में लिंग कर उदाहरण: मोहन पड़ता है। – इस वाक्य में पढ़ता का रूप पुल्लिंग है, इसका स्त्रीलिंग रूप पढ़ती होगा। – गीता गाती है। यहाँ, माती’ शब्द का लिंग स्वीलिंग है। लिंग की परिभाषा लिंग संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है चिन्ह या निशान, अत्ता शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति के होने का पता चलता है, उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में दो ही लिंग होते हैं- पुरुष (पुल्लिंग) और स्त्री (स्त्रीलिंग)। जैसे- पुरुष जाति में बैल, बकरा, मौर, मोहन, लड़का, हाथी, शेर, घोडा, दरवाजा, पंखा, कुत्ता, भवन, पिता, भाई आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है। स्त्री जाति में गाय, बकरी, मोरनी, मोहिनी, लड़की, हथनी, शेरनी, घोड़ी, खिड़की, कुतिया, माता, बहन आदि शब्दों का लिंग ‘स्त्रीलिंग हैं।

लिंग के भेद

संसार में तीन जातियों होती हैं- पुरुष, स्त्री, जड़ (नपुंसक)। इन्ही जातियों के आधार पर लिंग के भेद बनाए गये हैं। हिन्दी में लिंग के दो भेद होते हैं. पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग, जबकि संस्कृत में लिंग तीन होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंग, और अंग्रेजी में चार लिंग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, उभयलिंग तथा नपुंसक लिंग
हिन्दी में लिंग के भेद इस प्रकार है:
1. पुल्लिंगः जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराएं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं। जैसे- कुत्ता, हाथी, शेर पुल्लिंग आदि। 2. स्त्रीलिंग: जो शब्द स्त्री जाति का बौध कराएं, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं। जैसे- कुतिया, हथनी, शेरनी आदि।

लिंग निर्धारण या लिंग निर्णय

ब्याकरणाचायों ने लिंग निर्णय के कुछ नियम बताये हैं लेकिन उन सभी में अपवाद है। लेकिन फिर भी लिंग निर्णय के कुछ नियम इस प्रकार है:
जब प्राणीवाचक संज्ञा पुरुष जाति का बोध कराएं तो वे पुल्लिंग होते हैं और जब स्वीलिंग का बोध कराएं तो
स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- कुत्ता, हाथी शेर पुल्लिंग हैं और कुत्तिया हथनी, शेरनी स्त्रीलिंग हैं। कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों लिंगों का बोध करती है तो ये नित्य पुल्लिंग में शामिल हो
जाते हैं। जैसे:- खरगोश, खटमल, गैंडा, मालू, उल्लु आदि। कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों का बोध करे तो वे नित्य स्त्रीलिंग में शामिल हो जाते हैं। जैसे:- कोमल, चील, तितली, छिपकली आदि।

लिंग के निर्णय में आई कठिनाई और उसका हल

हिंदी में लिंग के निर्णय का आधार संस्कृत के नियम ही हैं। संस्कृत में हिंदी से अलग एक तीसरा लिंग भी है जिसे नपुंसकलिंग कहते हैं। नपुंसकलिंग में अप्राणीयाचक संज्ञाओं को रखा जाता है। हिंदी में अप्राणीवाचक संज्ञाओं के लिंग निर्णय में सबसे अधिक कठिनाई हिंदी न जानने वालों को होती है।
जिनकी मातृभाषा हिंदी होती है उन्हें सहज व्यवहार के कारण लिंग निर्णय में परेशानी नहीं होती। लेकिन इनमें भी एक समस्या है की कुछ पुल्लिंग शब्दों के पर्यायवाची स्त्रीलिंग हैं और कुछ स्त्रीलिंग के पुल्लिंग। जैसे:- पुस्तक को स्त्रीलिंग कहते हैं और इन्च को पुल्लिंग।

लिंग की पहचान

आपको जिस संज्ञा शब्द का लिंग पहचानना है पहले इसका बहुवचन में परिवर्तन कीजिए। बहुवचन में बदलने के बाद अगर शब्द के अंत में ऐ या आं’ आये तो शब्द का लिंग ‘स्त्रीलिंगा है और अगर पीछे ऐ और आं नहीं आता है तो
वह पुल्लिंग होगा। जैसे:-
पंखा – पंखे (अंत में है” या “आं” नहीं आया है तो यह शब्द पुल्लिंग है।। • चाबी – चालियों (अंत में “आं” आया है तो यह शब्द स्त्रीलिंग हैं।)

1. पुल्लिंग (Masculine Gender)

जिन संज्ञा के शब्दों से पुरुष जाति का पता चलता है उसे पुल्लिंग कहते हैं। जैसे:- पिता, राजा, घोडा, कुत्ता, बन्दर हंस, बकरा, आदमी, सेठ, मकान, लौहर, चश्मा, दुख, प्रेम, लगाव, खटमल, फूल, नाटक, पर्वत, पेड़ मुर्गा, बैल, भाई. शिव, हनुमान, शेर आदि।
अपवाद शब्दः जनवरी, मई, जुलाई, पृथ्वी, श्रीलंका, चौदी, इमली, ज्वार, मक्खी, ज्वार, अरहर, मूंग, लस्सी, चारा, काफी, चटनी, इ, ई, ऋक, गर्दन, जीभ, अंगुली, आँख, नाक, उंगलियौ, सभा, कक्षा, संतान, प्रथम, तिथि, रात, सायं, सन्था, दोपहर, छाया, खटास, मिठास, मणि, आदि शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।

पुल्लिंग की पहचान

1. जिन शब्दों के पीछे अ, त्ता, आ, आव, पा, पन, न’ आदि प्रत्यय आये वे पुल्लिग होते हैं। जैसे:- मन, तन, वन, शेर, राम, कृष्ण, सतीत्य देवत्य, मौटापा, चढ़ाव, बुढ़ापा, लड़कपन, बचपन, लेन-देन आदि।
2. पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- हिमालय, हिमाचल, विध्यांचल, सतपुड़ा, आल्लस, यूराल, कंचनजंगा, एवरेस्ट,
फूजियामा, कैलारा, मलयाचल, माउन्ट एवरेस्ट आदि।
3. दिनों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- सोमवार, मंगलवार, बुद्धवार, वीरवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार आदि।
4. देशों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे: भारत, चीन, ईरान, यूरान्, रूस, जापान, अमेरिका, पाकिस्तान, उत्तर प्रदेश हिमाचल, मध्य प्रदेश आदि।
5. घातु‌ओं के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- सोना, ताम्बा, पीतल, लोहा, चाँदी, पारा आदि।
6. नक्षत्रों के नाम पुल्लिंस होते हैं। जैसे- सूर्य, चन्द्र, राहू, आकाश, शनि, बुद्ध बृहस्पति, मंगल, शुक्र आदि।
7. महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:– फरवरी, मार्च, चैत, आषाढ़, फागुन आदि।
8. द्रों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- पानी, तेल, पेट्रोल, घी, शरबत, दहीं, दूध आदि।
9. पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- केला, पपीता, सौराम, सागौन, आमुन, बरगद, पीपल, नीम, आम, अमरूद, देवदार, अनार, अशोक, पलाश आदि।

10. सागर के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अरब महासागर आदि।
11. समय के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- घंटा, पन, क्षण, मिनट, सेकेंड आदि।
12. अनार्जी के नाम भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- गेहूं, बाजरा, चना, जौ आदि।
13. वर्णमाला के अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-म.ए. ओ. कखगघव छपर लवश आदि।
14. प्राणीवाचक शब्द हमेशा पुरुष जाति का ही बोध करते हैं। जैसे:- बालक, गीदड़, कौआ, कवि, साधु, खटमल, मेडिया, खरगोश, चीता, मच्छर, पक्षी आदि।
15. समूह वाचक संज्ञा भी पुल्लिंग होती है। जैसे:- मण्डल समाज, दल, समूह, सभा, वर्ग, पंचायत आदि।
16. भारी और बेडौल वस्तु भी पुल्लिंग होती हैं। जैसे:- जूता, रस्सा, पहाड़, लौटा आदि।
17. रतों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे: नीलम, पुखराज, मूंगा, माणिक्य, पक्षा मीती, हीरा आदि।
18. फूलों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- गैदा, मोतिया, कमल, गुलाब आदि।
19. द्वीप भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- अंडमान निकोबार, जावा, क्यूबा, न्यू फाउंलैंड आदि।
20. शरीर के अंग पुल्लिंग होते हैं। जैसे:-हाथ, पैर, गाला, अंगूठा, कान, सिर, मुंह, घुटना, हृदय, दांत, मस्तक आदि।
21. दान, खाना, वाला से खत्म होने वाले शब्द हमेशा पुल्लिंग होते हैं। जैसे: खानदान, पीकदान, दवाखाना,
जेलखाना, दूधवाला, दुकानवाला आदि।
22. आवारान्त संज्ञा पुल्लिंग होती है। जैसे:- गुस्सा, चश्मा, पैसा, छाता आदि।

पुल्लिंग शब्द और उनके वाक्य प्रयोग

अकाल राजस्थान में भीषण अकाल पड़ा था।
अपराधः उनका अपराध क्षमा के योग्य है।
अम्बार किताबों का अम्बार लगा हुआ है।
आँसू, मोहन के आँसू निकल पड़े।
आईना: आईना टूट गया।
आयोजनः पूजा का आयोजन हो रहा है।
इत्रः यह जैस्मिन का इत्र है।
ईधन: ईधन जला दिया गया।
उमंग: मन में उभंग बहुत अच्छी होती है।
कंबल: कंबल बहुत मोटा है।
कफन: कफन थोड़ा छोटा है।
कवचः यह सूअर की खाल का कवच है।
कीचड़ कीचड़ सुख गया।
कुआं: कुओं गहरा है।
कुहासाः कुहासा छाया हुआ है।
क्रोध क्रोध आदमी को पागल कर देता है।
खलिहानः रामू का खलियान जल गया है।
गिरगिटः गिरगिट रंग बदल सकता है
गीतः यह गीत अच्छा नहीं है।
गुनाहः उसका गुनाह क्या है।
घर: घर साफ बना है।
धावः घाव पक कर गहरा हो गया है।
घी: घी महंगा है।
चाबूकः तुम्हारा चाबूक गिर गया है।
चुनाक चुनाव आने वाला है।
छप्पर वह लकड़ी का छप्पर है।
जख्मः जख्म हर हो गया है।
जहाज: जहाज दूच गया है।

तकियाः यह रश्मी का तकिया है।
तीरः हाथ से अचानक तीर छूट गया।
तौलिया: यह स० डी० ओ का तौलिया है।
दंगा: दंगा अच्छा नहीं होता है।
दही: दही बहुत खट्टा होता है।
दाग: पान का दाग नहीं छूटता है।
नकदः उसने खरीद के नकद पैसे दिए हैं।
नीडः मेरा तो नोड़ उजड़ गया है।
नीलाम: जमीन को नीलाम होना ही है।
पतंगः पतंग उड़ रहा है।
पर्वत: पर्वत बहुत ऊँचा है।
पहियाः पहिया टूट चुका है।
पानी: पानी साफ है।
प्राण: उसके प्राण उड़ गये।
फर्ज हमारे प्रति उनका फर्ज बहुत ही ऊँचा है।
बचपनः सभी का बचपन बहुत सुंदर होता है।
बोड़ा: उसके सिर पर बोडर रखा है।
भोर: भोर हो चूका है।
मोती: मोती चमकता रहता है।
भोमः मोम पिधान रहा है।
रुमाल रुमाल फटने वाला है।
वृक्षः वृक्ष सुख चूका है।
शोक, उन्हें गाने का शौक है।
सींग: गाय के दो सींग होते हैं।
हार: यह हार बहुत महंगा है।
होस: उनके होश उड़ चुके हैं।

2. स्त्रीलिंग (Feminine Gender)

जिन संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का पता चलता है उसे स्वीलिंग कहते हैं। जैसे: हसिनी, लड़की, बकरी, माता, रानी, हूं सुई, गर्दन, लच्ता, बनावट, घोड़ी, कुतिया, बंदरिया, कुर्सी, पत्नी, नदी, शाखा, मुर्गी, गाय, बहन, यमुना, बुआ, लक्ष्मी, गंगा, लड़की, औरत, शेरनी, नारों, झोंपड़ी, लोमड़ी आदि।
अपवाद शब्दः पक्षी, फरवरी, एवरेस्ट, मोतिया, दिल्ली, स्त्रीत्य आदि शब्द पुल्लिंग होते हैं।
स्त्रीलिंग प्रत्यय
जब पुल्लिंग शब्दों को स्रीलिंग बनाया जाता है तब प्रत्ययों को शब्दों में जोड़ा जाता है जिन्हें स्त्रीलिंग प्रत्यय कहते है। जैसे:
ईः बड़ा-बड़ी, मला-भली आदि।
इनी: योगी योगिनी, कमल-कमलिनी आदि।
इनः धोबी-धोबिन, तेल-तेली आदि।
निः मोर-मोरनी, चोर-चोरनी आदि।
आनी: जेठ-जेठानी, देवर-देवरानी आदि।
आइन: ठाकुर-ठकुराइन, पंडित पण्डिताइन आदिः
इया: बेटा-बिटिया, लोटा-लुटिया आदि।

स्त्रीलिंग की पहचान

1. जिन संज्ञा शब्दों के पीछे रू, द, ण्ट, हट, आनी आदि आयें वे सभी स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- कड़वाहट, आहट बनावट शत्रुता, मूर्खता, मिठाई, छाया, प्यास, ईख, मूख, चोख राख, कौख, लाख, देखरेख, झंझट, आहट, बिकनाहट सजावट, इन्द्राणी, जेठानी, ठकुरानी राजस्थानी आदि।
2. अनुस्वारांत, ईकारांत, उकार्यंत, नकारांत, सकारांत आदि संज्ञाएँ आती है वे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, उदासी, रात, बात, छत, मीत, लू, बालू, दारू, सरसों, खड़ाऊं, प्यास, बास, सौस, नानी, बेटी, मामी, भाभी आदि।
3. भाषा, बौलियों तथा लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होती है। जैसे:- हिंदी, संस्कृत, देवनागरी, पहाड़ी, अंग्रेजी, पंजाबी गुरुमुखी, फ्रांसीसी, अरबी, फारसी, जर्मन, बंगाली, रुसी आदि।

4. नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, सयीं, कावेरी, कृष्ष्णा, व्यार, सतलुज, झेलम, ताप्ती, नर्मदा आदि।
5. तरीखो और तिथियों के नाम स्वीलिंग होते हैं। जैसे पहलों, दूसरी, प्रतिपदा, पूर्णिमा पृथ्वी, अमावस्या, एकादशी, चतुथीं, प्रथमा आदि।
6. नक्षत्रों के नाम स्वीलिंग होते हैं। जैसे:- अश्विनी, मरणी, रोहिणी, रेवती, मृगशिरा, चित्रा आदि
7. हमेशा स्त्रीलिंग रहने वाली संज्ञा होती है। जैसे:- मक्खी, कोयल, मछली, तितली, मैना आदि।
8. समूहवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे: भौड़, कमेटी, सेना, सभा, कक्षा आदि
9. प्राणीवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे धाय, संतान, सौतन आदि।
10. पुस्तकों के नाम स्वीलिग होते हैं। जैसे:- कुरान, रामायण, गौता रामचरितमानस, बाइबल, महाभारत आदि।
11. आहारों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- सब्जी, दाल, कचौरी, पूरी, रोटी, पकौड़ी आदि।
12. शरीर के अंगों के नाम स्वीलिंग होते हैं। जैसे:- आँख, नाक, जीभ, पलक, उंगली, ठोड़ी आदि
13. आभूषण और वस्त्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे साड़ी, सलवार, चुत्री, धोती, टोपी, पेंट, कमीज, पगड़ी, माला, चूड़ी बिंदी कंघी, नथ, अंगूठी आदि।
14. मशालों के नाम भी स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- दालचीनी, लौंग, हल्दी, मिर्च, धनिया, इलायची, अजवाइन, सॉफ, चाय आदि।
15. सति के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे- कुम्भ, मीन, तुला, सिंह, मेष, कर्क आदि।

स्त्रीलिंग के शब्द और वाक्य प्रयोग

आदत: मुझे शराब पीने की आदत है।
आप मेरी आप ठीक है।

आँख उनकी अखि बहुत छोटी-छोटी हैं।
आग: घर में आग लग गई।
इच्छा: मेरी इच्छा सोने की है।
इंट ईंट बिलकुल पक चुकी है।
ईष्या: दूसरों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए
उम्र: तुम्हारी उम्र लंबी है। ऊब: नीरस बातों से ऊब होती है।
कन: कय ख्ोदी जा चुकी है।
कमरः मेरी कमर में बहुत दर्द है।
कसमः मैंने उनकी कसम खायी है।
कलम: कलम टूट चुकी है।
खटिया उसकी तो खटिया खड़ी हो गई।
खोज: गुमशुदा व्यक्तियो की खोज अभी तक जारी है।
खबर उसकी मृत्यु की खबर मलत निकली थी।
गर्दनः मेरी गर्दन फंस गई है।
पूसः घूस बहुत ही बुरी चीज है।
घातः चोल सांप की घात में है।
चमकः उनके चेहरे की चमक गायब हो चुकी है।
विदः राम की चिंद बहुत महंगी पड़ी।
चाल: घोड़े की चाल अच्छी होती है।
चीलः चील आकाश में उड़ रही है।
छत: छत टूर चुकी है।
जांच: जांच पूरी नहीं हुई है।
जीन: जीभ कटी नहीं है।
जू: मेरे सिर में जूही रही है।
झंडाट: डांझट में कभी नहीं पड़ना चाहिए।
तांग: मरी तांग टूटने से बच गई है।
ठेस: उसे बहुत ठेस लगी है।
किताब: किताब बहुत पुराणी है।

नहर नहर का पानी बहुत गंदा है।
नब्ज: मैं उसकी नब्ज पहचानता हूँ।
प्रतिज्ञाः मेरी प्रतिज्ञा अटल है।
फटकार: मैंने उसमे फटकार लगाई।
बंदूकः यह सीता की बंदूक है।
वर्षर बर्फ गिर चुकी है।
बालू: बालू पौली है।
बूंद: पानी की बूंदे एक एक करके गिर रही हैं।
भीखः भीख कभी नहीं देनी चाहिए।
मौडः यहीं पर भीड़ लग रही थी।
भूः मुझे भूण लग रही है।
मूंछ: उनकी मूठे नुकीली नहीं है।
चात्राः यात्रा अच्छी हुई थी।
लासः लाश सह चुकी है।
लीकः यह लिंक किस तरह की है।
तुः लू चलने से उसे चक्कर आ गया।
शराब: शराब बहुत महंगी है।
विजयः युद्ध में उनकी विजय हुई।
सजा: उसे दो साल की सजा हुई है।
सडक: सड़क बहुत छोटी है।
सौर: सौदा हो चुकी है।

दोनों लिंग में प्रयुक्त होने वाले शब्दः द्विलिंगी शब्द

हिन्दी में कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो पुल्लिंग और स्त्रीलिंग दोनों लिंगों के लिए प्रयुक्त होते हैं। जैसे प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, चित्रकार, पत्रकार, गवर्नर लेक्चर, वकील, डॉक्टर, सेक्रेटरी, प्रोफेसर, शिशु दोस्त, बर्फ, मेहमान, मित्र, ग्राहक, प्रिंसिपल, मैनेजर, श्वास, मंत्री आदि।

उदाहरण के लिए:-

नरेंद्र मोदी हमारे प्रधानमंत्री‘ हैं।
इंद्रागांधी हमारी प्रधानमंत्री थीं।

लिंग परिवर्तन

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने अर्थात लिंग परिवर्तन के नियम इस प्रकार है-
नियम । पुल्लिंग शब्द के अंत में अ, आ वर्ण को जब “ई” कर दिया जाता है तो उनका लिंग “स्त्रीलिंग हो जाते हैं। “पुल्लिंग – स्त्रीलिंग’ शब्दों के उदाहरण इस प्रकार है:-
गूँगा = गूँगी
गधा = गधी
देव= देवी
नर = नारी
नाला = नाली
नियम 2. कुछ शब्दों के अंतिम वर्ण “अ, आ, वा’ की जगह पर ‘इया लगा दिया जाता है, तो उनका लिंग “स्त्रीलिंग’ हो जाता है। “पुल्लिंग – स्त्रीलिंग के उदाहरण इस प्रकार है
लोटा = लुटिया
बन्दर = बंदरिया
बुढा – बुढिया
बेटा = बिटिया
नियम 3. “आक प्रत्यय युक्त शब्दों में ‘इका” जोड़कर भी स्वौलिंग बनाए जाते हैं। पुल्लिंग शब्द इका स्त्रीलिंग शब्द के उदाहरण इस प्रकार हैं-
अध्यापक इका अध्यापिका
पत्र + इका – पत्रिका
चालक इका चालिका
सेठक + इका सेविका
लेखक इका लेखिका
गायक डका गायिका
पाठक इका पाठिका
संपादक इका – संपादिका
नियम 4. जब पुल्लिंग को स्त्रीलिंग बनाया जाता है तो कभी कभी नर या मादा लगाना पड़ता है। पुल्लिंग स्त्रीलिग के उदाहरण इस प्रकार हैं:-

तोता = मादा तोता
जिराफ मादा जिराफ
उल्लू – मादा उल्लू
मकड़ी नर मकड़ी
गिलहरी – नर गिलहरी
खरगोश – मादा खरगोश
खटमल मादा खटमल
कोयल नर कोयल
मेड़ नर मेड
मैना = नर मैना
मच्छर मादा मच्छर
मगरमच्छ मादा मगरमच्छ
चौल नर चील
मक्सी नर मल्ली
कछुआ = नर कछुआ
भालू मादा भालू
मेडिया मादा मेडिया
नियम 5. कुछ शब्द स्वतंत्र रूप से स्वी-पुरुष के जोड़े में होते हैं। कुछ जोड़ों के पुल्लिंग और स्वीलिंग बिलकुल अलग होते हैं। पुल्लिंग – स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं-
राजा रानी
भाई बहन
मर्द औरत
पुत्र कन्या
सम्राट सम्राज्ञी
वर-वधू
पुरुष – स्त्री
फूफा = बुआ
पिता माता
बैल गाय
नियम 6. कुछ शब्दों का स्वीलिंग न हो पाने की बजह से उनमें ‘आनी” प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है। पुल्लिंग आनी स्वीलिंग के उदाहरण इस प्रकार है:-
ठाकुर + आनी ठकुरानी
सेठ+आनी सेठानी
चौधरी+ आनी चौधरानी
देवर+ आनी देवरानी
नौकर +आनी नौकरानी
इंद्र + आनी – इन्द्राणी
जेठ +आनों जेठानी
मेहतर आनी +मेहतरानी पण्डित – ज्ञानी पंडितानी
नियम 7. कभी कभी पुल्लिंग के कुछ शब्दों में “इन” जोड़कर स्त्रीलिंग बनाया जाता है। “पुल्लिंग इन स्त्रीलिंग” के
उदाहरण इस प्रकार है:-

सीप+ इन सापिन
सुनार इन +सुनारिन नाती इन नातिन
दजी+ इन = दर्जिन
कुम्हार+ इन कुम्हारिन
लुहार + इन लुहारिन
माली + इन = मालिन
धोबी + इन = धोबिन
बाध + इन बाधिन
नियम 8. कभी कभी बहुत से शब्दों में “आइन‘ जोड़कर स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं। “पुल्लिंग आइन स्त्रीलिंग के उदाहरण इस प्रकार है:
चौधरी आइन चौधराइन
हलवाई + आइन – हलवाइन
गुरु आइन गुरुआइन
पंडित + आइन = पण्डिताइन
ठाकुर आइन ठकुराइन
बाबू आइन बबुआइन
नियम 9. जब पुल्लिंग शब्दों में ता की जगह पर ‘त्री’ लगा दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग बन जाते हैं। “पुल्लिंग ता स्त्रीलिंग जी के उदाहरण इस प्रकार है
नेता – नेत्री
दाता – दात्री
अभिनेता – अभनेत्री
स्चयिता- रचयित्री
विधाता –विधात्री
धाता – धात्री
नियम 10. जब पुल्लिंग के जाति और भाव बताने वाले शब्दों में “नी लगा दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते है। “पुल्लिंग नी स्वीलिंग के उदाहरण इस प्रकार हैं-

सियार+ नी सियारनी
हिन्दू + नी = हिन्दुनी
ऊंटनी ऊंटनी
शेर नी शेरनी
भील नो भीलनी
हंसनी – हंसनी
मोरनी मोरनी
चोर + नीं – चोरनी
हाथी + नी हथिनी
सिंह नी सिंहनी
नियम 11. पुल्लिंग शब्दों में जब ‘इनी” जोड़ दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग बन जाते हैं। पुल्लिंग शब्द इनी- स्वोलिंग के उदाहरण इस प्रकार है-
तपस्वी इनी – तपस्विनी
स्वामी इनी स्वामिनी
मनस्वी इनी – मनस्विनी
अभिमान इनी अभिमानिनी
दंड़ी इनी = दहिनी
संन्यासी इनी संन्यासिनों
सुहास इनी – सुहासिनी
नियम 12. संस्कृत के पुल्लिंग शब्दों मान और वान को जब “वती” और “मति” में बदल दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं। पुल्लिंग स्त्रीलिंग के उदाहरण इस प्रकार हैं-
बुद्धिमान – बुद्धिमती
पुत्रवान – पुत्रवती
श्रीमान श्रीमती
भाग्यवान भाग्यवती
• आयुष्मान आयुष्मती
भगवान भगवती
नियम 13. संस्कृत के अकारांत शब्दों में “” लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं। “अकारांत आ स्त्रीलिंग के
उदाहरण इस प्रकार है:-

तनुज आ तनुजा
पंचल + आ = चैचला
आत्मज + आ = आत्मजा
सुत+आ – सुता
प्रिय आ प्रिया
पूज्य आ पूज्या
श्याम + आ = श्यामा
मैस आमैसा
मेव + आ = मेढ़ा
मौसी जामौला
जीजी आजीजा

लिंग निर्णय करने के प्रकार

1. अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय
2. तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय
2. तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय
4. प्रत्ययों के आधार पर तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय
5.संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय
6.उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय
7. अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय

अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय

अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय को दो भागों में बीटा गया है-
1. अप्राणीवाचक पुल्लिंग हिंदी शब्द (निर्जीव पुल्लिंग शब्दा
2. अप्राणीवाचक स्त्रीलिंग हिंदी शब्द (निजीव स्त्रीलिंग शब्दा

अप्राणीवाचक पुल्लिंग हिंदी शब्द (निर्जीव पुल्लिंग शब्द)

शरीर के अंगों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे: कान, दांत, मुंह, ओठ, पीव, गाल, तालु, सिर, मस्तक, अंगूठा, मुक्का, नाखून, नथुना, हाथ आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
रत्नों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- मोती, पत्रा, हीरा, जवाहर मूंगा, नीलम, पुखराज, लालमणि आदि।
धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- तौबा, लोहा, चौदी, पीतल, सोना, कांसा, टीन, स्टील आदि।
अनाज के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- जी, गेंहूं, चावल, बाजरा, चना, मटर आदि।
पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- अशोक, तमाल, पीपल, बड़, देवदार, आम, शीशम, सागौन, कटहल, नीबू, सेब, बादाम, अखरोट आदि।
द्रव्यों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- पानी, घी, दूध, तेल, शरबत, हुत्र, सिरका, रायता, लस्सी आदि।
स्थान और जलों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे: देश, नगर, शहर, नभीमण्डल, वायुमंडल, पाताल, समुद्र सरोवर, पर्वत आदि।

अप्राणीवाचक स्त्रीलिंग हिंदी शब्द (निर्जीव स्त्रीलिंग शब्द)

नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- गंगा, जमुना, सरस्वती, ब्रह्मपुत्र, सतलुज गोदावरी, रायों, ढोलम, व्यास आदि शब्दों का लिंग खोलिंग है।
नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- मरणों, अस्थिनी, रोहिणी आदि।
दुकानदार की चीजें स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- लौंग, इलायची, मिर्च, दालचीनी, हल्दी, सुपारी, हींग आदि।
खाने पिने की चीजे स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- कचौड़ी, सीर, पूरी, दाल, पकौड़ी, रोटी, चपाती, तस्कारी खिचड़ी आदि।

तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय

तत्सम शब्दों के लिंग निर्णय को दो भागों में बीटा गया है।

1. तत्सम पुल्लिंग शब्द

2 तत्सम स्त्रीलिंग शब्द

तत्सम पुलिंग शब्द

अ, आ से शुरू होने वाले शब्द जैसे:- अध्याय, आश्चर्य, अंकन, अंकुश, अंजन, अंचल, अन्तर्धान, अन्तस्तल, अम्बुज, अंश, अकाल, अक्षर, अलंकार, अनुच्छेद अवमान, अनुमान, आकलन, आमंत्रण, आक्रमण, आभार आवास, अपराध आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
उ, ऊ से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- उरोज, उपहार, उत्तर, उद्भव, उपकरण आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
च से शुरू होने वाले शब्द जैसे:- बित्र, चन्द्र बन्दन आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
प से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- पत्र, पात्र, पोषण, पालन, प्रकार, प्रहार, प्रचार, प्रसार, पश्न, प्रहर, परिमाण, परिमार्जन, परिवर्तन, परिशोध, परिशीलन, प्राप्णदान, प्रान्त, पक्ष, पृष्ट, प्रवेश, प्रभाव आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
म से शुरू होने वाले शब्द, जैसे- मित्र, मलयज, माधुर्य, मास, मोद, मस्तक, मेघ, मर्म, मार्ग आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
ग से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- गोत्र, गमन, गगन, ग्रन्थ, गज, गण, ग्राम, गृह, आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
रा. स. से शुरू होने वाले शब्द, जैसे श्रवण, शोषण, सतीत्य, स्थाध्याय, सिख, सुख, संख, सरोवर, संस्करण, संशोधन, सोमवार, स्वदेश, सर्प, सागर साधन, सार, स्वर्ग, शासन, शिविर, स्वास्थ्य, समाज, श्रम, सन्देश, संघ, संकल्प आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
ल से शुरू होने वाले शब्द जैसे:- लालन, लाघव, लोभ, लीक आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
ज, क, न से शुरू होने वाले शब्द, जैसे जलज, कृत्य, कार्य, कर्म, क्रोध, नख, काष्ट, कष्ट, कल्याण, कवर, कायाकल्प, कलरा, काव्य, कास, नगर, नियम्, निमन्त्रण नियंत्रण, निबन्ध, नाटक, निगम, न्याय, निर्माण, न्याय आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
य, र, व, ध से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- वीर्य, बिहार, बचन, ग्रवन, रविवार, राजयोग, रूपक, राष्ट्र, धन, विधेयक, विनिमय, विनियोग, विभाग, विभाजन, विरोध, विवाद, वाणिज्य, वाद, विघटन, विसर्जन, विवाह, व्याख्यान, धर्म, विराम, विक्रम आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
द ब, छ, इ, ज से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- दमन, हास, बोध, दुख, तुषार, तुहिन, छत्र, क्षण, छन्द, तत्य, बहुमत, ज्ञापक, छात्रावास आदि।

तत्सम स्त्रीलिंग शब्द

द. म से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- दया, माया, महिमा, मण्डली, मृत्यु आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।
क. ल. क्ष से शुरु होने वाले शब्द, जैसे:- कृपा, लब्ता, क्षमा, कालिमा, लालिमा, काया, कला, क्षति, कृति, कटि, कैलि, लक्ष्मी, कुण्डली कुण्डलिनी, कौमुदी आदि।
श, स, श्र. र से शुरू होने वाले शब्द, जैसे शोभा, सभा, समवेदना, रचना, सुन्दरता, रक्षा, संहिता, सीमा, स्थापना, संस्था, सहायता, शिक्षा, समता, सम्पदा संविदा, सूचना, सेवा, सेना, सिद्धि, समिति, रीति, शक्ति, स्थित, शान्ति, सन्छि समिति, सम्पत्ति, सुसंगति, रुचि, शताब्दी, श्री, रच्नु, रेणु आदि।
प.यु, घ, अ, आ से शुरू होने वाले शब्द, जैसे प्रार्थना, वेदना, प्रस्तावना, घटना, अवस्था, प्रभुता, अभिलाषा, आशा, पूर्णिमा, अरुणिमा अनुज्ञा, आज्ञा, आराधना, आजीविका, घोषणा, परीक्षा, व्याख्या, विज्ञप्ति, अनुमति, अभियुक्ति, अभिव्यक्ति, विधि, पूति, विकृति, प्रतिकृति, प्रतिभूति, प्रतिलिपि, अनुभूति, परिस्थिति, विमति, वृत्ति, आवृत्ति, अधि, आयु वस्तु वायु आदि।
न. जग, ध से शुरू होने वाले शब्द, जैसे नम्रता, जहता, गरिमा, निराशा, गवेषणा, नगरपालिका, नागरिकता, जाति, निधि नियुक्ति, निवृत्ति, धृति, नदी, नारी, गोष्ठी धात्री आदि।
ह. य. ३. इ. च, छ से शुरू होने वाले शब्द, जैसे: ईक्ष्या, भाषा, चपला, इच्छा, उपासना, याचना, योग्यता, उपलब्ि युक्ति, हानि, छवि आदि।

तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय

तद्भव शब्दों के लिंग निर्णय को दो भागों में बीटा गया है।
तद्भव पुल्लिंग शब्द 2 तद्भय स्त्रीलिंग शब्द

तद्भव पुल्लिंग शब्द

उकारांत संज्ञाओं को छोड़कर शेष आकारान्त संज्ञाएं, जैसे:- कपड़ा, गजा, आटा, पैसा, चमक, पहिया, चमद्रा आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

जिन संज्ञाओं के अंत में ना, आव, पन, वा, पा होता है। जैसे:- आना, गाना, बहाय, चढ़ाव, खिचाए, बढ़ावा, बुढ़ापा आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

तद्भव स्त्रीलिंग शब्द

इकारांत संज्ञाएँ, जैसे:- नदी, सदी, चिट्टी, रोटी, जूती, आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
ऊनवाचक यकारांत संज्ञा, जैसे:- गुड़िया, बिबिया, पुडिया, खटिया, रिबिया आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
तकारांत संज्ञा, जैसे रात, बात, जात, लात, छत, खत, पत, भीत आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
उकारांत संज्ञा, जैसे:- बालू, आलू झाडू व्यालु, लू, दारू भादि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
अनुस्वारांत संज्ञा, जैसे:- सरसों, लढाऊँ, माँ, जूं आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
सकारांत संज्ञाएं, जैसे:- प्यास, मिठास, खटास, उदास, निदास, बीस, सांस आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
कृदंत नकारांत संज्ञा, जैसे:- रहन सहन, सूजन, जलन्, उलझान आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
कृदंत की आकारान्त संज्ञाएँ, जैसे:- लुट, मार, समझ, दौड़, रगड, चमक आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
जहाँ पर अंत में ट, बट, हट होता है। जैसे:- सजावट, घबराहट, चिकनाहट, आहट आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
जिन संज्ञा शब्दों के अंत में ख आता है। जैसे: ईस्ख, मूख, राख, कांख, कोख, साख आदि शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।

प्रत्ययों के आधार पर तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय

प्रत्ययों के आधार पर हिंदी तद्भव शब्दों का Ling निर्णय चार भागों में बीटा गया है:-
1. कदंत स्त्रीलिंग प्रत्यय
2. कृदंत पुल्लिंग प्रत्यय
तन्द्धित स्त्रीलिंग प्रत्यय
• तद्धित पुल्लिंग प्रत्यय

कृदंत स्त्रीलिंग प्रत्यय

जब संज्ञा शब्दों के अंत में अ, अंत, आई, आन, आचट, आस, आहट, ई, औती, आवनी, क, की, ती, नि आदि शब्द आतेहै। अर्थात जिन धातु शब्दों में हिंदी के कृदंत प्रत्यय लगे होते हैं वे स्त्रीलिंग होते हैं। इन स्त्रीलिंग कृदंत प्रत्ययों में अ, क और न प्रत्यय कहीं कहीं पर पुल्लिंग में भी आ जाते हैं।
जैसे- लूट, चमक, दैन, मिडंतु, लखावत, प्यास, घबराहट, हंसी, मनौती, छावनी, बैठक, फुटकी, बचत्, गिनती, करनी, सीवन आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

कृदंत पुल्लिंग कृदंत प्रत्यय

जब संज्ञा शब्दों के अंत में अक्कड, आ. आऊ, आक, आाकू, आप, आपा, आर, इयल, इद्या, ऊ, एररा, ऐया, ऐत. औता, औना, आंचल, क, कर न, वाला आदि शब्द आते हैं। अर्थात जिन धातु शब्दों में हिंदी कूदंत प्रत्यय लगे होते हैं वे पुल्लिंग होते हैं। क और न को उभयलिंग ही माना जाता है। इन दोनों प्रत्ययों को और स्त्रीलिंग प्रत्ययों को छोड़कर सभी पुल्लिंग होते हैं।
जैसे-मुलक्कड, मेरा, जीवाक, लड़ाकू, विलाप, बुढ़ापा फिराव, छलावा, प्रियल, मुखिया, लुटेरा, समड़ीता दान आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

तद्धित स्त्रीलिंग प्रत्यय

जब संज्ञा राब्दों के अंत में आई, आवट, आस, आहट, इन, एली, ऑडी, ओटी, औती, की, टी, डी, त, ती, नी. का, ल, ली आदि शब्द आते हैं। जिन धातु शब्दों में हिंदी तद्धित प्रत्यय लगते हैं वे स्त्रीलिंग होते हैं।
जैसे सिलाई, थकावट, खास, हथेली आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

तद्धित पुल्लिंग प्रत्यय

जब संज्ञा शब्दों के अंत में आ, आऊ, आका, आटा, आना, आर, इयल, आल, आड़ी, आरा, आलू, आसा, ईला, उआ, ऊ, एरा, एड़ी, ऐत, एला, ऐला, ओटा ओट औड़ा, ओला, कर, जा, टा, डा, ता. पना, पन, पा, ला, वन्त, वान, वाला, वी, वा सरा, सों, हर आदि आते हैं। जिन धातु शब्दों में हिंदी तद्धित प्रत्यय लगते हैं वे पुल्लिंग होते हैं।
जैसे:-पैताना, भिखारी, हत्यारा, मुँहासा, मछुआ, संपेरा, डकैत, अघेला, चमोटा, लंगोटा, हथौड़ा, चुपका, दुखड़ा, राथता, कालापन, बुढ़ापा, गाड़ीवान, टोपीवाला, छठा आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
संस्कृत के लिंग निर्णय को दो भागों में बीटा जाता है।

संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय

संस्कृत के लिंग निर्णय को दो भागों में बीटा जाता है।
1. संस्कृत पुल्लिंग शब्द
2. संस्कृत स्त्रीलिंग शब्द

संस्कृत पुल्लिंग शब्द

जिन संज्ञाओं के अंत में “त्र होता है। जैसे: चित्र, घरित्र, पत्र, पात्र, नेत्र, क्षेत्र, शरब आदि संस्कृत शब्दों का लिग पुल्लिंग है।
नान्त (न अंत) संज्ञाएं संस्कृत पुल्लिंग शब्दों में आती हैं। जैसे:- पालन, पोषण, चरण, हरन, गमन, नगन, वचन, दमन, दामन आदि।
जिन संज्ञाओं के अंत में “” होता है। जैसे: जलन, स्वेदन, पिंडच, सरीज, जहाज आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
जिन संज्ञाओं के अंत में ‘ता, त्य, व, व’ होता है। जैसे:- सतीत्य, बहुत्व, नृत्य, कृत्य, गौरव, माधुर्य आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “आस, वा, आर, आय” होता है। जैसे:- विस्तार, अध्याय, उपाध्याय, उपाय, समुदाय, विकार, संसार, उल्लास, विकास, हास आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
जिन संज्ञा शब्दों के अंत में ‘अ’ आते हैं। जैसे क्रोथ, कलम, कमल, मोह, पाक, त्याग, दोष, स्पर्श आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “त’ आता है। जैसे:- चरित, फलित, गणित, गीत, मत, स्वागत आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “ख” आता है। जैसे:- नहर, मुख, सुख, दुःख, लेस्र, मख, शर आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

संस्कृत स्त्रीलिंग शब्द

अकारांत संज्ञाएँ, जैसे:- दया माया, क्षमा लज्जा, शोमा आदि संस्कृत शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।

उकारांत संज्ञाएं, जैसे:- धातु आयु वस्तु वायु, रेनू रख्नु, जानू आदि संस्कृत शब्दों का लिग स्वौलिग है।
जिन संज्ञा सब्दों के अंत में “ति” और “नि आता है। जैसे- गति, रति, हानि, नीति, रीति, जीति, जाति, मति, ग्लानी, यौनी आदि संस्कृत शब्दों का Ling स्त्रीलिंग है।
जिन संज्ञा शब्दों के अंत में ता आता है। जैसे: त्रमता लघुता, सुन्दरता, प्रभुता, जड़ता, गीता आदि संस्कृत शब्दों का Ling स्वीलिंग है।
इकारांत संज्ञाएँ, जैसे- निधि, परिधि, विधि, राएि, अग्नि, छथि, केलि आदि संस्कृत शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।
जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “इमा‘ आता है। जैसे:- महिमा, गरिमा, कालिमा, लालिमा, रिधिमा आदि संस्कृत शब्दों का Ling  स्त्रीलिंग है।

उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय

उर्दू शब्दों के लिंग निर्णय को दो भागों में बीटा गया है।
1. पुल्लिंग उर्दू शब्द
2. स्त्रीलिंग उर्दू शब्द

पुल्लिंग उर्दू शब्द

जिन शब्दों के अंत में ‘आप‘ आता है, जैसे:- गुलाब, किताब, साहब आदि उर्दू शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।
जिन उर्दू शब्दों के अंत में “आर” और “आन” होता है वे पुल्लिंग होते हैं, जैसे:- इकरार, बाजार, अहसान, इंकार, मकान आदि।
अकारांत पुल्लिंग उर्दू शब्द, जैसे:- परदा, बश्मा, गुस्सा आदि।

स्त्रीलिंग उर्दू शब्द

ईकारांत संज्ञा, जैसे- गर्मी, सदी, गरीबी, अमीरी, बालाकी आदि उर्दू शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।
शकारांत संज्ञा, जैसे:- नालिए, कोशिश, लारा, तलाश आदि उर्दू शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।
नकारांत संज्ञा, जैसे-दौलत, कसरत, अदालत, इजाजत आदि उर्दू शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय

अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय दो भागों में बंटा होता है।
1. अंग्रेजी पुल्लिंग शब्द
2. अंग्रेजी स्त्रीलिंग शब्द

अंग्रेजी के पुल्लिंग शब्द

अंग्रेजी शब्दों में अकारांत संज्ञा पुल्लिंग होती है, जैसे: ऑर्डर, आपल, ऑपरेशन, इंजिन, इंजीनियर, इंजेक्शन, एडमिशन, एक्सप्रेस, एक्सरे, ओवरटाइम, क्लास, कमीशन कोट, कोर्ट, कैलेण्डर कॉलेज, कैरेम, कॉलर, कॉलबेल, काउण्टर, कारपोरेशन, कार्बन, कण्टर, केस, क्लिनिक, क्लिप, काई, क्रिकेट, गैस, गजट, ग्लास, येन, चॉकलेट, चार्टर, टॉर्च, टायर, ट्यूब, टाउनहाल, टेलिफोन, टाइम, टाइमटेबुल, टी-कप, टेलिग्राम, ट्रैक्टर, टेण्डर, टैक्स, टूथपाउडर, टिकट दिवीजन, डान्स, ड्राइंग रूम, नोट, नम्बर, नेकलेस, थर्मस, पार्क, पोस्ट, पोस्टर, पेन, पासपोर्ट, पेटीकोट, पाउडर, पेंशन, प्रोमोशन, प्रोविडेण्ट फण्ड, पेपर, प्रेस, प्लास्टर, प्लग, प्लेट, पार्सल, प्लैटफार्म फुटपाथ, फुटबॉल, फार्म, फ्रॉक, फार्म, फैन, फ्रेम, फुलपैण्ट, पलोर, फैशन, बोर्ड, बैडमिण्टन, बॉर्डर, बाथरूम्, बुशसर्ट, बॉक्स, चिल, बोनस्र, बजट, चौण्डू, बोल्डर ब्रश, ब्रेक, बैंक, बल्ब, बम, मैच, मेल, मीटर, मनिआर्डर रोड, रॉकेट, स्बर, रूल, राशन, रिवेट, रिकार्ड, रिबन, लैम्प, लेजर, लाइसेन्स, बाउचर, वाई, स्टोर, स्टेशनर, स्कूल, स्टोर, स्टेज, स्लीपर, स्टेल, स्विच, सिगनल, सैलून, हॉल, हॉस्पिटल, हेयर, हैण्डिल, लाइट, लेक्चर, लेटर आदि।

अंग्रेजी के स्त्रीलिंग शब्द

अंग्रेजी शब्दों में इंकारांत संज्ञा स्त्रीलिंग होती है। जैसे: एसेम्बली, कम्पनी, केतली, कॉपी, गैलरी, डायरी, डिधी, टाई, ट्रेनेडी, ट्रेजरी, म्युनिसिपैलिटी, युनिवर्सिटी आदि।

लिंग से अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नः FAQ

1. लिंग किसे कहते हैं?

संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे Ling कहते हैं। लिंग के दो भेद होते हैं- पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।

2. लिंग के कितने भेद है?

हिन्दी में Ling के दो भेद होते हैं- पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग, जबकि संस्कृत में लिंग तीन होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंगः और अंग्रेज़ी में चार लिग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, उभयलिंग तथा नपुंसक लिंग।

3. लिंग से क्या समझते है?

संज्ञा में लिंग, बचन और कारक के कारण रुपांतर होता है। संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे Ling कहते हैं। हिंदी में लिंग के आधार पर संज्ञा में जो रुपांतर होता है, वह या तो पुरुष जाति के रूप में होता है या स्त्री जाति के रूप में।

4. हिन्दी में लिंग निर्धारण या लिंग निर्णय कैसे होता है?

व्याकरणाचार्यों ने लिंग निर्णय के कुछ नियम यताये हैं लेकिन उन सभी में अपवाद है। लेकिन फिर भी लिंग निर्णय के कुछ नियम इस प्रकार है ।। अब प्राणीवाचक संज्ञा पुरुष जाति का बोध कराए तो ये पुल्लिंग होते हैं और जब स्त्रीलिंग का बोध कराए तो स्वीलिंग होती हैं।

जैसे:- कुत्ता, हाथी, शेर पुल्लिंग हैं और फुत्क्तिया, हथनी, शेरनी स्त्रीलिग है। (2) कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों लिंगों का बोध करती है तो वे नित्य पुल्लिंग में शामिल हो जाते हैं। जैसे:- खरगोश, खटमल, गैंडा, भालू, उल्लु आदि। (3) कुछ प्राणौवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों का बरोध करे तो वे नित्य स्त्रीलिंग में शामिल हो जाते हैं। जैसे:- कोमल, चील, तितली, छिपकली आदि।

5. हिन्दी में अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय कैसे होता है?

अंग्रेजी शब्दों में सभी अकारांत संज्ञा पुल्लिंग होती है,

जैसे- ऑर्डर, आयल, ऑपरेशन, इंजिन, इंजीनियर, इंजेक्शन एडमिशन, एक्सप्रेस, एक्सरे, ओवरटाइम, क्लास, कमीशन, फोट, कोर्ट, कैलेण्डर, कॉलेज, कैरेम, कॉलर, कॉलवेल, काउण्टर, कारपोरेशन, कार्बन आदि। जबकि सभी ईकारांत संज्ञा स्त्रीलिंग होती है, जैसे एसेम्बली, कम्पनी, केतली, कोपी, गैलरी, डायरी, डिग्री टाई, ट्रेजेडी, ट्रेजरी, म्युनिसिपेलिटी, युनिवर्सिटी आदि।
कुछ अन्य लिंग के उदाहरण:

अभिमानी-अभिमानिनी
आत्मज-आत्मजा
ऊंट ऊंटनी
कबूतर-कबूतरी
कहार-कहारिन
काला-काली
कोठा-कोठी
गधा गधी
अनुज-अनुजा
अहीर-अहीरनी
आयुष्मान-आयुष्मती
ऊचा-ऊंची

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