पर्यायवाची शब्द

Paryayvachi Shabd: समानार्थी शब्दों का अन्वेषण

पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं?

ऐसे शब्द जिनके अर्थ में समानता होती है, उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं। Paryayvachi Shabd को प्रतिशब्द या समानार्थी शब्द भी कहा जाता है। हिन्दी भाषा में तत्सम पर्यायवाची शब्दों की अधिकता होती है, जबकि तद्भव शब्दों का अभाव है। ये शब्द संस्कृत से हिन्दी में आए हैं।

Hindi के Paryayvachi Shabd

पर्यायवाची का अर्थ: समान अर्थ देने वाला अर्थात समानार्थी होता है। हिन्दी भाषा में एक शब्द के समान अर्थ वाले कई शब्द हमें मिल जाते हैं। अतः पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करते हुए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
उदाहरण के लिए सौ के पर्यायवाची शब्द सैकड़ा, सदी, शताब्दी, शताक आदि हैं। सैकड़ा ‘सौ वस्तुओं का समूहा होता है। और ‘सी वर्षों के समूह को सदी कहा जाता है। सदी को शताब्दी और लती भी कहा जाता है। जबकि शतक का आशय सौ अंकों के समूह से होता है।
पर्यायवाची शब्द की परिभाषा: ऐसे शब्द जो समान अर्थ के कारण किसी दूसरे शब्द का स्थान ले लेते हैं उन्हें पर्यायवाची शब्द कहते हैं।

More than 10 Paryayvachi Shabd in Hindi

पर्यायवाची शब्द लिखिए, पर्यायवाची शब्दों की सूची:

इन्द्र– सुरेश, अमरपति, वज्रधर, वज्री, शचीश, वासव, वृषा, सुरेन्द्र, देवेन्द्र, सुरपति, शक्र, पुरंदर, देवराज, महेन्द्र, मधवा, शचीपति, मेघवाहन, पुरुहूत, यासव।इंद्र का पुत्र– जयंत, उपेन्द्र, ऐंद्रि।

इन्द्राणि– इन्द्रवधू, मधवानी, शची, शतावरी, पोलोमी।

इच्छा – अभिलाषा, अभिप्राय, चाह, कामना, ईप्सा, स्पृहा, ईहा, वांछा, लिप्सा, लालसा, मनोरथ, आकांक्षा, अभीष्ट।

इंद्रधनुष– इन्द्रायुध, शक्रधनु, ऋजुरोहित।

इंद्रपुरी– अमरावती, देवपुरी, इंद्रलोक, देवलोक।

इंसान– मनुष्य, आदमी, मानव, मानुष।

इंसाफ– न्याय, फैसला, अद्ल।

इनकार– अस्वीकृति, निषेध, अनंगीकरण, नकार, खंडन, प्रत्याख्यान, निवर्तन, प्रत्याख्या, अनंगीकार, अस्वीकार।

इच्छुक– अभिलाषी, आतुर, चाहने वाला, आकांक्षी।

उत्कृष्ट– उत्तम, उन्नत, श्रेष्ठ, अच्छा, बढ़िया, उम्दा।

उत्कोच– घूस, रिश्वत।

उच्छृंखल– उद्दंड, अक्खड़, आवारा, अंडबंड, निरकुंश, मनमर्जी, स्वेच्छाचारी।

उजला– उज्ज्वल, श्वेत, सफ़ेद, धवल।

उजाड– जंगल, बियावान, वन।

उत्थान– उत्कर्ष, प्रगति, उत्क्रमण, आरोह, आरोहण, ऊर्ध्वगमन, उद्गमन, उपरिगमन, चढ़ाव, उठाव, उभार, उन्नयन।

उदार– दरियादिल, सरल, सीधा, विनीत, शिष्ट, उदारचित्त, उदारचेता, सहृदय, विशाल, हृदय, सज्जन, महामना, सदाशय, महाशय, दाता, उदारशील, दानशील, दानी।

उद्धार– मुक्ति, छुटकारा, निस्तार, त्राण, परित्राण, विमुक्ति, बचाव, मोक्षण, रिहाई।

उपाय- युक्ति, साधन, तरकीब, तदबीर, यत्न, चेष्टा, कोशिश, तरीका, उपचार, विधि, जुगत, ढंग, पद्धति, प्रयत्न।

उद्यान- बगीचा, बाग, वाटिका, उपवन।

ऊँचा- तुंग, उच्च, बुलंद, उर्ध्व, उत्ताल, उन्नत, ऊपर, शीर्षस्थ, उच्च कोटि का, बढ़िया, अच्छा, चोटी का, गगनस्पर्शी।

ऊँघ– तंद्रा, अर्द्ध-निद्रा, झपकी, ऊँघाई।

ऊधम– उत्पात, उपद्रव, दंगा, फ़साद, हुल्लड़, हंगामा, होहल्ला, धमाचौकड़ी।

ऊसर– अनुपजाऊ, बंजर, अनुर्वर, वंध्या, भूमि।

ऊधम– उपद्रव, उत्पात, धूम, हुल्लड़, हुड़दंग, धमाचौकड़ी।

उषाकाल– प्रातः काल, सवेरा, तड़का, उदयकाल, सुबह, अमृतबेला, सूर्योदय।

ऊल-जलूल– अव्यवस्थित, बेढंगा, बेतुका, बेमेल, अक्रमिक, अविचारित, अस्तव्यस्त।

ऊष्मा– तपन, गर्मी, ताप, जलन।

ऋणी– कर्जदार, देनदार।

ऋतु– रुत, मौसम, मासिक धर्म, रज:स्राव।

ऋण– कर्ज, कर्जा, उधार, उधारी।

ऋषभ– वृष, वृषभ, बैल, पुंगव, बलीवर्द, गोनाथ।

ऋष्यकेतु– कामदेव, मकरकेतु, मकरध्वज, मदन, मनोज, मन्मथ।

एकदंत– गणेश, गजानन, विनायक, लंबोदर, विघ्नेश, वक्रतुंड।

एषणा– इच्छा, आकांक्षा, कामना, अभिलाषा, हसरत।

एकतंत्र– राजतंत्र, एकछत्र, तानाशाही, अधिनायकतंत्र।

एकता– मेल, मेलजोल, मेलमिलाप, संगठन, बराबरी, सामंजस्य, समन्वय, एकरूपता, एकसूत्रता, एकत्व, संश्रय, सद्भाव, सुमति।

एकरूप– समरूप, तुल्यरूप, अभिन्न, अनुरूप, समानता, सादृश्य, अभेद।

एहसान– कृपा, अनुग्रह, उपकार।

खोजने वाला– अनुसंधानकर्त्ता, अन्वेषणकर्त्ता, तलाश करने वाला।

पानी– जल, वारि, नीर, तोय, सलिल, अंबु, सर।

हवा– पवन, वायु, समीर, अनिल, वात, मरुत्, पवमान, बयार, प्रकंपन, समी

जंगल – वन, कानन, बीहड़, विटप, विपिन।

असुर– राक्षस, दैत्य, दानव, निशाचर, दनुज, यातुधान, निशिचर, रजनीचर।

अश्व– घोड़ा, हय, तुरंग, वाजी, घोटक, सैंधव, तुरंग।

आँख– नेत्र, दृग, नयन, लोचन, चक्षु, अक्षि, अंबक, दृष्टि, विलोचन।

 

इंद्र– सुरेश, देवेंद्र, देवराज, पुरंदर, सुरपति, मघवा, वासव, महेंद्र।

ईश्वर – प्रभु, परमेश्वर, भगवान, परमात्मा।

गरमी– ग्रीष्म, ताप, निदाघ, ऊष्मा।

गृह– घर, निकेतन, भवन, आलय,निवास, गेह, सदन, आगार, आयतन, आवास, निलय, धाम।

चंद्र– चाँद, चंद्रमा, विधु, शशि, राकेश, हिमांशु, सुधांशु, सुधाकर, सुधाधर, सारंग, निशाकर, निशापति, रजनीपति,मृगांक, कलानिधि।

पवन – वायु, समीर, हवा, अनिल।

पत्नी– भार्या, दारा, अर्धांगनी, वामा, गृहिणी, बहू, वधू, कलत्र, प्राणप्रिया।

दोस्त– बन्धु, मित्र, साथी, यार, सखा, हितैषी, अंतरंग, साखी, जीवन-साथी, मीत, सहायक।

बिजली – चपला, चंचला, दामिनी, सौदामनी, विधुत्, तड़ित, बीजुरी, क्षणप्रभा।

राजा– नृप, नृपति, भूपति, नरपति, भूप, महीप, महीपति, नरेश, राव, सम्राट्।

रजनी– रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी।

सर्प– साँप, अहि, भुजंग, विषधर, व्याल, फणी, उरग, पन्नग, नाग।

 

सागर – समुद्र, उदधि, जलधि, वारिधि, पारावार, सिंधु, नीरनिधि, नदीश, पयोधि, अर्णव, पयोनिधि, रत्नाकर, अब्धि, वारीश, जलधाम, नीरधि।

सिंह– शेर, वनराज, शार्दूल, मृगराज, व्याघ्र, पंचमुख, मृगेंद्र, केशरी, केहरी, केशी, महावीर।

सूर्य– रवि, दिनकर, सूरज, भास्कर, मार्तंड, मरीची, प्रभाकर, सविता, पतंग, दिवाकर, हंस, आदित्य, भानु, अंशुमाली।
स्त्री– ललना, नारी, कामिनी, रमणी, महिला, वनिता, कांता।

शिक्षक– गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।

हाथी– कुंजर, गज, द्विप, करी, हस्ती।

सिर– शीश, मुंड, माथा।

आनंद– मोदी, प्रमोद, हर्ष, आमोद, सुख, प्रसन्नता, आह्लाद, उल्लास।

आश्रम– मठ, विहार, कुटी, स्तर, अखाड़ा, संघ

कपड़ा – वस्त्र, पट, वसन, अंबर, चीर , परिधान।

कमल– सरोज, जलज, अब्ज, पंकज, अरविंद, पद्म, कंज, शतदल, अंबुज, सरसिज, नलिन, तामरस।

किरण– मरीचि, मयूख, अंशु, कर, रश्मि, प्रभा, अर्चि।

कुबेर– किन्नरेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज।

चोर– तस्कर, दस्यु, रजनीचर, मोषक, कुंभिल, खनक, साहसिक।

यमुना– सूर्यसुता, सूर्यतनया, कालिंदी, अर्कजा, कृष्णा।

तालाब – सर, सरोवर, तड़ाग, हृद, पुष्कर, जलाशय, पद्माकर।

दास– अनुचर, चाकर, सेवक, नौकर, भृत्य, किंकर, परिचारक।

दु:ख– पीड़ा, व्यथा, कष्ट, संकट, शोक, क्लेश, वेदना, यातना, यंत्रणा, खेद।

देवता – सुर, अमर, देव, निर्जर, विबुध, त्रिदश, आदित्य, गीर्वाण।

द्रव्य– धन, वित्त, संपदा, विभूति, दौलत, संपत्ति।

नौका– नाव, तरिणी, जलयान, जलपात्र, तरी, बेड़ा, डोंगी, पतंग।

पति– भर्ता, वल्लभ, स्वामी, आर्यपुत्र।

पक्षी– विहंग, विहग, खग, पखेरू, परिंदा, चिड़िया, शकुंत, अंडज, पतंग, द्विज।

पंडित– सुधी, विद्वान, कोविद, बुध, धीर, मनीषी, प्राज्ञ, विचक्षण।

पुष्प – फूल, सुमन, कुसुम, प्रसून।

बाण- तीर, शर, विशिख, आशुग, शिलीमुख, इषु, नाराच।

ब्रह्मा– आत्मभू, स्वयंभू, चतुरानन, पितामह, हिरण्यगर्भ, लोकेश, विधि, विधाता।

वृक्ष– तरु, द्रुम, पादप, विटप, अगम, पेड़, गाछ।

मछली- मत्स्य, झख, मीन, जलजीवन, सफरी, झष, जलीय जीव।

महादेव- शंभु, ईश, पशुपति, शिव, महेश्वर, शंकर, चंद्रशेखर, भव, भूतेश, गिरीश, हर, त्रिलोचन।

मेघ– घन, जलधर, वारिद, बादल, नीरद, वारिधर, पयोद, अंबुद, पयोधर।

विष्णु- गरूड़ध्वज, अच्युत, जनार्दन, चक्रपाणि, विश्वंभर, मुकुंद, नारायण, हृषीकेश, दामोदर, केशव, माधव, गोविंद, लक्ष्मीपति, विभु, विश्वरूप।

समूह– समुदाय, वृंद, गण, संघ, पुंज, दल, झुंड, मंडली, टोली, जत्था।

सरस्वती– ब्राह्मी, भारती, भाषा, वाक्, गिरा, शारदा, वीणापाणि, वागीशा।

सोना – सुवर्ण, स्वर्ण, कंचन, हाटक, कनक, हिरण्य, हेम, जातरूप।

सुंदर– रुचिर, चारु, रम्य, सुहावना, मनोहर, रमणीक, चित्ताकर्षक, ललित।

अतिथि– मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहुना।

अहंकारी– गर्वित, अकडू, मगरूर, अकड़बाज, गर्वीला, आत्माभिमानी, ठस्सेबाज, घमंडी।

अश्व– हय, तुरंग, वाजि, घोडा, घोटक। 

अग्नि – आग, ज्वाला, दहन, धनंजय, वैश्वानर, रोहिताश्व, वायुसखा, विभावसु, हुताशन, धूमकेतु, अनल, पावक, वहनि, कृशानु, वह्नि, शिखी।

इंद्र का वज्र– कुलिश, वज्र, पवि, अशनि, भिदुर, भेदी शतकोटि।

इंद्र का हाथी– अभ्रमातंग, गजेन्द्र, ऐरावत।

इसे भी पढ़े –

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *