हिंदी सम्मेलन (Hindi Sammelan)
विश्व हिन्दी सम्मेलन हिन्दी भाषा का सबसे बड़ा अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व भर से हिन्दी विद्वान, साहित्यकार, पत्रकार, भाषा विज्ञानी, विषय विशेषज्ञ तथा हिन्दी प्रेमी जुटते हैं। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने, समय-समय पर हिन्दी की विकास यात्रा का आकलन करने, लेखक व पाठक दोनों के स्तर पर हिन्दी साहित्य के प्रति सरोकारों को और दृढ़ करने, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहन देने तथा हिन्दी के प्रति प्रवासी भारतीयों के भावुकतापूर्ण व महत्त्वपूर्ण रिश्तों को और अधिक गहराई व मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से 10 जनवरी 1975 में विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शृंखला आरम्भ की गयी।
इस बारे में तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गान्धी ने पहल की थी। पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सहयोग से नागपुर, महाराष्ट्र में सम्पन्न हुआ जिसमें प्रसिद्ध समाजसेवी एवं स्वतन्त्रता सेनानी विनोबा भावे ने अपना विशेष सन्देश भेजा।
प्रारम्भ में इसका आयोजन हर चौथे वर्ष में किया जाता था लेकिन अब यह अन्तराल घटाकर तीन वर्ष कर दिया गया है। अब तक 12 विश्व हिन्दी सम्मेलन हो चुके हैं।
मुख्यतः मारीशस, नई दिल्ली, त्रिनिडाड व टोबेगो, लन्दन, सूरीनाम न्यूयार्क और जोहांसबर्ग में। दसवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन २०१५ में भोपाल में आयोजित हुआ। २०१८ में इसका आयोजन मॉरीशस में हुआ है। 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन 15-17 फरवरी 2023 में फिजी में हुआ
पहला सम्मेलन
- अवधि :10-14जनवरी 1975
- स्थान :नागपुर(महाराष्ट्र),भारत
- उद्घाटन द्वारा : इंदिरा गांधी ,प्रधान मंत्री ,भारत
- प्रतिभागी देश :30
- प्रतिनिधियों की संख्या :122
- सुवाक्य : वसुधैव कुटुम्बकम्
दूसरा सम्मेलन
- अवधि :28-30 अगस्त 1976
- स्थान :पोर्ट लुइस, मॉरीशस,
- उद्घाटन द्वारा :
- प्रतिभागी देश :17
- प्रतिनिधियों की संख्या :181
तीसरा सम्मेलन
- अवधि :28-30 अक्टूबर 1983
- स्थान :नई दिल्ली ,भारत
- उद्घाटन द्वारा :
- प्रतिभागी देश :30
- प्रतिनिधियों की संख्या :260
चौथा सम्मेलन
- अवधि :02-04 दिसंबर 1993
- स्थान : , पोर्ट लुई, मॉरिशस
- उद्घाटन द्वारा : श्री म्युक्तेश्चर चुनी
- प्रतिभागी देश :10
- प्रतिनिधियों की संख्या :203
पांचवाँ सम्मेलन
- अवधि :04-08 अप्रैल 1996
- स्थान :पोर्ट ऑफ़ स्पेन ,त्रिनिदाद और टुबैगो
- उद्घाटन द्वारा :
- प्रतिभागी देश :10
- प्रतिनिधियों की संख्या :201
- विषय : प्रवासी भारतीय और हिंदी
छठा सम्मेलन
- अवधि :14-18 सितम्बर 1999
- स्थान :लंदन ,यू के
- उद्घाटन द्वारा :
- प्रतिभागी देश :21
- प्रतिनिधियों की संख्या :700
सातवां हिंदी सम्मेलन
- अवधि :06-09 जून 2003
- स्थान : पारामारिबो, सूरीनाम
- उद्घाटन द्वारा :
- प्रतिभागी देश:16
- प्रतिनिधियों की संख्या :500
- विषय : विश्व हिंदी : नई शताब्दी की चुनौतियाँ
आठवां सम्मेलन
- अवधि :13-16 जुलाई 2007
- स्थान :न्यू यॉर्क ,यू एस ए
- उद्घाटन द्वारा :
- प्रतिभागी देश:20
- प्रतिनिधियों की संख्या :800
- विषय : विश्व मंच पर हिंदी
नवां सम्मेलन
- अवधि :22-24 सितम्बर 2012
- स्थान : जोहानसबर्ग ,दक्षिणी अफ्रीका
- उद्घाटन द्वारा :
- प्रतिभागी देश :30
- प्रतिनिधियों की संख्या :200
दसवां सम्मलेन
- अवधि :10-12 सितम्बर 2015
- स्थान :भोपाल, भारत
- उद्घाटन द्वारा :नरेंद्र मोदी, प्रधान मंत्री, भारत
- प्रतिभागी देश:50
- प्रतिनिधियों की संख्या :2000
- विषय : हिंदी जगत : विस्तार एवं संभावनाऍं
ग्यारहवां सम्मलेन
- अवधि :18-20 अगस्त 2018
- स्थान :पोर्ट लुई, मॉरीशस
- यह सम्मेलन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित रहा
- केंद्रीय विषय- वैश्विक हिंदी और भारतीय संस्कृति
- बारहवाँ सम्मेलन
- 15-17 फरवरी 2023
- नाड़ी (फिजी)
- भारत का प्रतिनिधित्व – विदेश मंत्री एस. जयशंकर
- सम्मेलन का विषय- हिन्दी पारम्परिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक।
विश्व हिन्दी सम्मेलनों में पारित प्रस्ताव
प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन
- संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया जाए।
- वर्धा में विश्व हिन्दी विद्यापीठ की स्थापना हो।
- विश्व हिन्दी सम्मेलनों को स्थायित्व प्रदान करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
द्वितीय विश्व हिन्दी सम्मेलन
- मॉरीशस में एक विश्व हिन्दी केंद्र की स्थापना की जाए जो सारे विश्व में हिन्दी की गतिविधियों का समन्वय कर सके।
- एक अंतरराष्ट्रीय हिन्दी पत्रिका का प्रकाशन किया जाए जो भाषा के माध्यम से ऐसे समुचित वातावरण का निर्माण कर सके जिसमें मानव विश्व का नागरिक बना रहे और आध्यात्म की महान शक्ति एक नए समन्वित सामंजस्य का रूप धारण कर सके।
- हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र् संघ में एक आधिकारिक भाषा के रूप में स्थान मिले। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाया जाए।
तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन
- अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी के प्रचार-प्रसार की संभावनाओं का पता लगा कर इसके लिए गहन प्रयास किए जाएं।
- हिन्दी के विश्वव्यापी स्वरूप को विकसित करने के लिए विश्व हिन्दी विद्यापीठ स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप दिया जाए।
- विगत दो सम्मेलनों में पारित संकल्पों की संपुष्टि करते हुए यह निर्णय लिया गया कि अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिन्दी के विकास और उन्नयन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्थायी समिति का गठन किया जाए। इस समिति में देश-विदेश के लगभग 25 व्यक्ति सदस्य हों।
विश्व हिन्दी सम्मेलन शृंखलाएँ
क्रम | तिथि | नगर | देश |
---|---|---|---|
१ | १०-१४ जनवरी 1975 | नागपुर | |
२ | २८-३० अगस्त 1976 | पोर्ट लुई | साँचा:Country data मारीशस |
३ | २८-३० अक्टूबर 1983 | नई दिल्ली | |
४ | २-४ दिसम्बर 1993 | पोर्ट लुई | साँचा:Country data मारीशस |
५ | ४-८ अप्रैल 1996 | त्रिनिडाड-टोबेगो | साँचा:Country data त्रिनिदाद और टोबैगो |
६ | १४-१८ सितम्बर 1999 | लंदन | साँचा:Country data यूनाइटेड किंगडम |
७ | ५-९ जून 2003 | पारामरिबो | साँचा:Country data सूरीनाम |
८ | १३-१५ जुलाई 2007 | न्यूयार्क | साँचा:Country data संयुक्त राज्य अमेरिका |
९ | २२-२४ सितम्बर 2012 | जोहांसबर्ग | साँचा:Country data दक्षिण अफ्रीका |
१० | १०-१२ सितम्बर 2015 | भोपाल | |
११ | १८-२० अगस्त 2018 | पोर्ट लुई | साँचा:Country data मॉरिशस |
12 | 15-17 फरवरी 2023 | नाड़ी |
साँचा:Country data फ़िजी |