Skip to content
गुलाम वंश (कुतुबुद्दीन ऐबक)
- दिल्ली सल्तनत का पहला शासक कुतुबुद्दीन ऐबक था ऐबक का अर्थ होता है- चंद्रमुखी
- 1206 ई0 में कुतुबुद्दीन ऐबक के द्वारा गुलामवंश की स्थापना हुई
- कुतुबुद्दीन ऐबक का शासन काल सिर्फ चार वर्ष तक चला
- कुतुबुद्दीन ऐबक मुहम्मद गौरी का गुलाम था
- कुतुबुद्दीन ऐबक ने मुहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद स्वयं को लाहौर में एक स्वत्रंत शासक घोषित किया तथा उसने अपनी राजधानी “लाहौर” में बनायी
- कुतुबुद्दीन ऐबक का राज्याभिषेक 24 जून 1206 ई0 में लाहौर में हुआ
- कुतुबुद्दीन ऐबक ने बाद में दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया तथा दिल्ली सल्तनत की स्थापना की
- कुतुबुद्दीन ऐबक ने सिंहासनारुढ होते समय ‘मलिक’ एवं ‘सिपहसालार’ की उपाधियाँ धारण की
- कुतुबुद्दीन ऐबक को कुरान खाँ कहा जाता था क्योंकि वह कुरान का सुरीला पाठ करता था
- ऐबक को अपनी उदारता व दानी प्रवृत्ति के कारण ‘लाखबख्श’ (लाखों का दानी) कहा गया
- फरिश्ता के अनुसार कुतुबुद्दीन ऐबक के समय किसी भी दानशील व्यक्ति को ऐबक की उपाधि दी जाती थी
- कुतुबुद्दीन ने दिल्ली में ‘कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद’ तथा अजमेर में ‘अढाई दिन का झोंपडा’ निर्मित करवाया
- ऐबक ने दिल्ली में स्थित चौहान कालीन ‘किला-ए-रायपिथौर’ नामक दुर्ग के निकट एक शहर का निर्माण कराया जिसे दिल्ली के सात शहरों में पहला शहर कहा जाता है
- कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली के प्रसिध्द् चिश्ती संत “शेख कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी” की याद में कुतुबमीनार का निर्माण कराया
- ऐबक के दरबार में हसन निजामी और फखरुद्दीन आदि विद्वानों का निवास था हसन निजामी की रचना “ताज-उल-मासिर” है
- कुतुबुद्दीन ने इल्तुतमिश को 1197 ई0 के अन्हिलवाड के युध्द के दौरान खरीदा
- 1210 ई0 में लाहौर में चौगाना(पोलो) खेलते समय घोडे से गिरने के कारण कुतुबुद्दीन की मृत्यु हो गयी
- ऐबक को लाहौर में दफनाया गया तथा कुतुबुद्दीन ऐबक का मकबरा भी लाहौर में स्थित है
- कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु के बाद उसके पुत्र ‘आरामशाह’ को शासक घोषित किया गया
- आरामशाह को बंदी बनाकर इल्तुतमिश ने इसकी हत्या करा दी और स्वयं शासक बन गया
इसे भी पढ़े –
इल्तुत्मिश का इतिहास