सीमावर्ती राजवंशों का इतिहास

सीमावर्ती राजवंशों का इतिहास

पाल वंश (Pal Dynasty)

  • खलीमपुर ताम्र-पत्र अभिलेख से ज्ञात होता है कि 750 ई० में बंगाल की जनता ने अराजकता से त्रस्त होकर स्वयं गोपाल को अपना राजा चुना। 
  • गोपाल (750-80 ई०) पाल वंश का प्रथम शासक था। 
  • इस वंश की राजधानी मुंगेर थी। 
  • गोपाल बौद्ध धर्म को मानता था, उसने ओदंतपुरी विश्वविद्यालय की स्थापना की।
  • धर्मपाल, देवपाल, महिपाल एवं नयपाल आदि इस वंश के अन्य प्रमुख शासक थे। 
  • पाल वंश में सबसे महान शासक धर्मपाल था, उसने विक्रमशिला विश्वविद्यालय स्थापित किया। 
  • वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था। ओदन्तपुरी के प्रसिद्ध बौद्धमठ का निर्माण देवपाल ने कराया।
  • देवपाल ने जावा के शैलेन्द्र वंशीय शासक बालपुत्र देव को नालंदा में एक बौद्ध-विहार बनाने के लिए पाँच गाँव दान में दिये। 
  • बंगाल में पाल शासकों ने लगभग 400 वर्षों तक राज किया। 
  • संध्याकर नंदी इस काल के प्रमुख विद्वान थे, उन्होंने प्रसिद्ध काव्यग्रंथ रामचरित् की रचना की। 

सेन वंश (Sen Dynasty)

  • सेन वंश का संस्थापक सामंतसेन था। 
  • सेनवंशीय राज्य का उदय पाल वंश के पतनावशेषों पर हुआ। 
  • सेनवंशीय राज्य की राजधानी नादिया (लखनौती) थी। 
  • इस वंश में विजयसेन, बल्लाल सेन एवं लक्ष्मण सेन आदि प्रमुख शासक हुए। 
  • इस वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक विजयसेन था, जो शैव धर्म का अनुयायी था। 
  • दानसागर एवं अदभुसागर की रचना सेन शासक बल्लालसेन ने की थी। 
  • लक्ष्मणसेन की राज्यसभा जयदेव (गीत गोविंद के रचयिता), द्योयी (पवन दूत के लेखक), हलायुद्ध (ब्राह्मण सर्वस्व के लेखक) आदि विभूतियों से सुशोभित होती थी। 
  • विजयसेन ने देवपाड़ा में प्रद्युम्नेश्वर मंदिर का निर्माण कराया। । 
  • सेनवंश भारतीय इतिहास में पहला वंश है जिसने अपने अभिलेख हिन्दी भाषा में उत्कीर्ण करवाये।
  • लक्ष्मण सेन इस वंश का अंतिम एवं बंगाल का अंतिम हिन्दू शासक था। 

कश्मीर के राजवंश (Dynasties of Kashmir)

  • कश्मीर पर क्रमानुसार शासन करने वाले वंश थे-कार्कोट वंश, उत्पल वंश एवं लोहार वंश।
  • कश्मीर में कार्कोट वंश की स्थापना ‘7वीं शताब्दी में दुर्लभवर्द्धन ने की। 
  • इस वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक ललितादित्य मुक्तापीड था। 
  • ललितादित्य ने कश्मीर के प्रसिद्ध मार्तंड मंदिर का निर्माण कराया। 
  • कार्कोट वंश के पश्चात अवन्ति वर्मन ने उत्पल वंश की स्थापना की। 
  • उसने अवन्तिपुर नामक नगर की स्थापना की। 
  • कश्मीर में उत्पल वंश के बाद लोहार वंशा की स्थापना संग्रामराज ने की।
  • लोहार वंश का शासक हर्ष एक विद्वान कवि एवं कई भाषाओं का जाता था। 
  • प्रसिद्ध कवि कल्हण उसी के दरबार में रहता था। 
  • लोहार वंश का अंतिम शासक जयसिंह (1128 ई० 1155 ई०) था। 
  • कल्हण की राजतरंगिणी में आरंभ से जयसिंह के काल तक का विवरण उल्लिखित है। 

वर्मन वंश (Varman Dynasty)

  • चौथी शताब्दी के मध्य में कामरूप (असम) में वर्मन वंश की स्थापना हुई। 
  • इस राज्य की राजधानी प्राग्ज्योतिषपुर थी। 
  • इस वंश को प्रतिष्ठित करने वाला शासक भास्कर वर्मन था। 
  • वह हर्षवर्द्धन का समकालीन था एवं दोनों में मित्रता थी। 
  • कालांतर में कामरूप के राज्य को पाल-साम्राज्य में मिला लिया गया।

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