शाहजहाँ- ताज महल का निर्माता

शाहजहाँ- ताज महल का निर्माता

            शाहजहाँ- ताज महल Shahjahan

शाहजहाँ का जन्म 5 जनवरी 1592 को लाहौर में हुआ था, इसके बचपन का नाम खुर्रम था ,शाहजहाँ का खुर्रम नाम अकबर ने रखा था खुर्रम का अर्थ होता है आनंददायक , शाहजहाँ की माता का नाम जोधाबाई था जो राजा उदय सिंह की पुत्री थी | अहमदनगर को जीतने के बाद खुर्रम को जहांगीर ने शाहजहाँ की उपाधि प्रदान की थी

अहमदनगर तथा मेवाड की सफलता

  • बादशाह बनने से पहले शाहजहाँ ने अहमदनगर तथा मेवाड पर सफलता प्राप्त की

शाहजहाँ का विवाह 

  • 1610 ई. में शाहजहाँ का विवाह सफवी वंश की राजकुमारी मिर्जा हुसैन सफवी की पुत्री से हुआ
  • 1612 ई. में शाहजहाँ का दूसरा विवाह आसफ खां की पुत्री अर्जुमंद बानोबेगम से हुआ जो भविष्य में मुमताज महल कहलाने लगी
  • खुर्रम का तीसरा विवाह शहनवाज खां की पुत्री के साथ 1617 ई. में हुआ

शाहजहाँ का राज्याभिषेक

  • 24-25 फरवरी 1628 को शाहजहाँ “अबुल मुजफ्फर शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन-ए-सानी की उपाधि लेकर गद्दी पर बैठा उसका राज्याभिषेक आगरा में संपन्न हुआ

शाहजहाँ द्वारा दी गई उपाधियाँ

  • गद्दी पर बैठने के उपलक्ष्य में शाहजहाँ ने आसफ खां को ‘चाचा’ की उपाधि, जबकि महावत खां को खानेखाना की उपाधि प्रदान की

प्रमुख आक्रमण

  • शाहजहाँ के गद्दी पर बैठने तक पुर्तगालियों को नमक पर एकाधिकार प्राप्त था
  • शाहजहाँ ने कासिम खां के नेतृत्व में हुगली पर आक्रमण कर हुगली से पुर्तगालियों को बाहर किया क्योंकि, वे अपने व्यापारिक अधिकार का दुरूपयोग करने के साथ ही वहाँ के लोगों को जबरन ईसाई बना रहे थे
  • शाहजहाँ ने दक्कन राज्य अहमद नगर को जीतकर पूरी तरह मुगल साम्राज्य में मिला लिया

शाहजहाँ की मृत्यु

  • शाहजहाँ पहला मुगल शासक था, जो अपने जीवन में गद्दी से वंचित कर औरंगजेब द्वारा कैदी बना लिया गया कैद में आठ वर्ष रहने के बाद उसकी मृत्यु हो गई

गोलाकुण्ड संधि 

  • गोलाकुण्ड दक्षिण का प्रमुख राज्य था गोलाकुण्ड के शासक अब्दुल्ला कुतुबशाह ने डरकर मुगलों से संधि कर ली अत: पहले चार खलीफाओं के नाम के अतिरिक्त शाहजहाँ के नाम को गोलाकुण्ड के सिक्कों पर अंकित कराकर शाहजहाँ के नाम पर खुतबा पढा गया
  • इस संधि के बाद शाहजहाँ ने अपने पुत्र औरंगजेब को पहली बार दक्षिण का सूबेदार बनाया और औरंगाबाद को मुगलों की दक्षिणी सूबे की राजधानी बनाया
  • मीर जुमाल फारसी जो हीरे व पत्थरों का व्यापारी था वह अपनी योग्यता के बल पर गोलाकुण्ड का प्रधानमंत्री बना आगे चलकर मीर जुमला ने मुगलों का संरक्षण स्वीकार कर लिया
  • बीजापुर को औरंगजेब ने मीर जुमला के सहयोग से संधि करने पर बाध्य किया

मुमताज महल की मृत्यु 

  • 1633 ई. में शागजहाँ की प्रिय बेगम आर्जुमंद बानो बेगम (मुमताज महल) की प्रसव पीडा के चलते बुराहनपुर में मृत्यु हो गई मुमताज महल के कब्र पर मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया

शाहजहाँ द्वारा बनवाई गई इमारतें

  • शाहजहाँ ने तख्ते-ताउस, ताजमहल, दिल्ली का लाल किला तथा दिल्ली की जामा मस्जिद का निर्माण कराया
 

शाहजहाँ के काल के प्रसिध्द इतिहासकार

  • शाहजहाँ के काल में अब्दुल हमीद लाहौरी तथा सुजान राय महत्वपूर्ण इतिहासकार थे
  • शाहजहाँ का काल मध्यकालीन इतिहास में स्वर्ण युग का काल माना जाता है
  • अब्दुल हमीद लाहौरी शाहजहाँ के राजकीय इतिहासकार थे जिन्होने पादशाहनामा लिखा जिससे शाहजहाँ कालीन इतिहास की जानकारी मिलती है

शाहजहांनामा की रचना

  • अमीन कजवानी ने शाहजहांनामा की रचना की

नहर का जीर्णोध्दार

  • शाहजहाँ ने फिरोज तुगलक द्वारा बनवाये गये नहर-ए-साहिब नामक नहर का जीर्णोध्दार कराया व उसका नाम नहर-ए-शाह रखा

शाहजहाँ के दरबार के गायक

  • शाहजहाँ संगीत का शौकीन था उसके दरबार में सुख सेन,लाल सेन जैसे गायकों का निवास था

शाहजहाँ की संतान

  • शाहजहाँ के तीन पुत्र( औरंगजेब, दाराशिकोह, शुजा) व दो पुत्रीयाँ (जहांआरा, रोशनआर) थे
  • दराशिकोह सबसे बडा पुत्र था जिसकी औरंगजेब ने हत्या करवा दी
 

अन्य महत्वपूर्ण बातें – 

  • एलफिंस्ट्न पहला इतिहासकार था जिसने शाहजहाँ के काल को मुगल काल का स्वर्ण युग कहा है
  • संसार का प्रसिध्द कोहिनूर हीरा शाहजहाँ के पास था
  • शाहजहाँ ने नूरजहाँ को पेंशन देकर राजनीति से अलग कर दिया नूरजहाँ का अंतिम समय लाहौर में बीता

ताज महल 

  • शाहजहाँ द्वारा निर्मित करवाये गये भवनों में उसकी पत्नी मुमताज बेगम की समाधि पर निर्मित ताजमहल सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है
  • निर्माण वर्ष-1631-53 ई० (20 वर्षों से अधिक)।
  • निर्माण में व्यय-9 करोड़ रुपये व्यय हुए।.
  •  मुख्य योजनाकार-उस्ताद अहमद लाहौरी। |
  • कला-शैली-मुख्यरूप से फारसी शैली। |
  • परंतु कुछ अंश में हिन्दू साज-सज्जा एवं शिल्प कला का मिश्रण। 
  • स्थान-यमुना तट (आगरा)। 

शाहजहाँ कालीन स्थापत्य

  • कला-कौशल के क्षेत्र में शाहजहाँ का शासन-काल उल्लेखनीय माना जाता है। शाहजहाँ  के काल में भारतीय स्थापत्य कला (Indian Fine Art) अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचती है। शाहजहाँ के काल को अगर स्वर्णयुग (Golden Age) कहकर पुकारा जाता है तो इसमें उसके द्वारा निर्मित भवनों का सर्वाधिक महत्व है

स्थापत्य संरचना

  • दीवान-ए-आम – आगरा 
  • दीवान-ए-खास – आगरा
  • खास महल, शीश महल – आगरा
  • मोती मस्जिद, मुस्समन बुर्ज – आगरा
  • लाल किला – दिल्ली
  • मोती महल, हीरा महल – दिल्ली
  • रंगमहल – दिल्ली
  • दीवान-ए-आम – दिल्ली
  • दीवान-ए-खास – दिल्ली
  • 40 खंभों का दीवान-ए-आम – लाहौर 
  • मुस्ममन बुर्ज – लाहौर
  • शीशमहल, ख्वाबगाह – लाहौर
  • नवलखा भवन – लाहौर
  • जामा मस्जिद – दिल्ली 
  • ताज महल – आगरा 

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