गुलाब ने रामु की ध्यान आकर्षित कर लिया। रामु ने उसे पास जाकर देखा और अपनी खुशी से झूम उठा। वह गुलाब के साथ बातें करने लगा, जैसे कि दो अच्छे दोस्त होते हैं।
रामु और गुलाब की अनोखी दोस्ती बढ़ती गई। रोज़ाना वे साथ वक़्त बिताते और एक-दूसरे की बातें सुनते थे। रामु ने गुलाब को अपना सबसे अच्छा दोस्त मान लिया।
धीरे-धीरे, गुलाब की पत्तियाँ सुखने लगीं। रामु को देखकर गुलाब थोड़ा दुखी हो गयी। उसने रामु से कहा, “मेरे प्यारे दोस्त, मुझे जल्द ही इस दुनिया से अलविदा कहना पड़ेगा।”
रामु ने गुलाब को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन वह अपनी प्राकृतिक क्रियाओं में बदल चुकी थी। अंत में, गुलाब ने कहा, “मेरे प्यारे दोस्त, मेरे अलविदा के समय आ गया है। तुम्हें धन्यवाद देना चाहती हूँ कि तुमने मेरी अंतिम समय में मेरे साथ होकर मुझे खुशियां दीं।”
रामु ने गुलाब को विदा किया, लेकिन उसकी यादें हमेशा उसके दिल में रहीं। वह जान गया कि दोस्ती का मतलब होता है साथी के साथ हर पल होना, चाहे वह कितनी भी अस्थिर क्यों न हो।