भारत का संघीय विधानमंडल

भारत का संघीय विधानमंडल

भारत का संघीय विधानमंडल (Federal Legislature of India)

भारतीय संविधान के तहत संघीय विधानमंडल को संसद की संज्ञा प्रदान की गई है और यह संसद द्विसदनात्मक सिद्धांत के आधार पर संगठित की गई है |

भारतीय संसद का गठन (Constitution of Indian Parliament)

 
  • संविधान के अनुच्छेद 72 के अनुसार भारतीय संसद के तीन अंग हैं – राष्ट्रपति, राज्यसभा एवं लोकसभा अर्थात भारतीय संसद राष्ट्रपति और दोनों सदनों से मिलकर बनती है |
  • राज्यसभा उच्च सदन कहलाता है जिसमें राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं |
  • लोकसभा निम्न सदन कहलाता है उसमें प्रत्यक्ष रुप से जनता द्वारा निर्वाचित लोगों का प्रतिनिधित्व होता है |
  • यद्यपि राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है और न हीं वह संसद में बैठता है लेकिन फिर भी राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है
  • क्योंकि संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कोई विधेयक तब – तक विधि नहीं बनता है, जब तक राष्ट्रपति उसे अपनी स्वीकृति नहीं देता है |
  • साथ ही साथ राष्ट्रपति संसद के कुछ चुनिंदा कार्य भी करता है; जैसे सत्रावसान, लोकसभा का विघटन, अध्यादेश जारी करना आदि |
  • संसदीय गठन के मामले में भारतीय संविधान अमेरिका के स्थान पर बिट्रेन पद्धति पर आधारित है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति विधानमंडल का महत्वपूर्ण अंग नहीं होता है

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