आकृति पूर्ण करना (Figure Formation)
इस प्रकार के प्रश्नों में एक आकृति को चार भागों में विभक्त किया गया है जिसका एक भाग लुप्त है जिसको नीचे दिए गए चार विकल्पों में पहचानना है।
इस प्रकार के प्रश्नों को हल करने के लिए प्रश्न आकृति यदि चार भागों में विभक्त नहीं हो, तो उसको चार भागों में विभक्त कर लेना चाहिए। फिर चारों भागों को चार अलग-अलग भाग मानते हुए सम्बन्धात्मक अथवा श्रेणी क्रम के नियमों के आधार पर लुप्त भाग का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। इसके लिए निम्न बिन्दु अति सहायक होते है:-
(i) तीनों आकृतियों (भागों) में समान आकृति हो, तो चौथी आकृति भी उनके समान ही होगी।
(ii) तीनों आकृतियाँ किसी एक आकृति का क्रमशः 90°-90° डिग्री घूर्णित रूप है, तो चौथी आकृति भी तीसरी आकृति का 90° घूर्णित रूप होगी।
(iii) यदि ऊपर की आकृतियाँ परस्पर दर्पण प्रतिबिम्ब हो, तो नीचे की आकृतियाँ भी परस्पर दर्पण प्रतिबिम्ब होती है।
(iv) यदि बाँयी आकृतियाँ परस्पर जल प्रतिबिम्ब हो, तो दायी आकृतियाँ भी परस्पर जल प्रतिबिम्ब होगी।
(v) विपरीत कोनों की आकृतियाँ परस्पर 180° घुर्णित रुप हो सकती है।
नोटः यदि उपरोक्त की सहायता से उत्तर प्राप्त नही किया जा सकता तो प्रयन आकृक्ति की मुख्य लाइनों को पूरा कर लुप्त भाग ज्ञात कर सकते है।
इस आकृति में मुख्य बिन्दु स्टार, अधूरा वृत्त, विकिरण हैं। बाकी विकल्पों में विकिरण रेखा नहीं दर्शायी गई है। दोनों विकिरण केवल विकल्प (b) में हैं। इसलिए विकल्प (b) उत्तर है।
यहाँ प्रश्न आकृति को चार भागों में विभाजित कर प्रत्येक भाग को देखने पर ज्ञात होता है कि । आकृति क्रमशः 90°-90° डिग्री दक्षिणावृत घुर्णित होकर II और III आकृति बनती है। अतः III आकृति का 90° दक्षिणावृत घुर्णित रूप ही IV आकृति होगी, जो विकल्प (b) में है।
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