ग्रंथ

मध्यकालीन भारत में धार्मिक आंदोलन

मध्यकालीन भारत में धार्मिक आंदोलन

भक्ति आंदोलन (Bhakti Movment) भक्ति आंदोलन का विकास वास्तविक रूप से 7वीं तथा 12वीं शताब्दी में हुआ।  शंकराचार्य ने एक नया धार्मिक आंदोलन चलाया जिसका धार्मिक अंश वेदांत तथा साधन का अंश स्मार्त कहलाता है। शंकराचार्य ने अद्वैतवाद का उपदेश दिया तथा ज्ञान को मोक्ष प्राप्ति का सफल मार्ग बतलाया। शंकराचार्य के अनुसार जीव ब्रह्म […]

मध्यकालीन भारत में धार्मिक आंदोलन Read More »

वैदिक काल का इतिहास | सम्पूर्ण जानकारी

वैदिक सभ्यता का काल याकोबी एवं तिलक ने ग्रहादि सम्बन्धी उद्धरणों के आधार पर भारत में आर्यों का आगमन 4000 ई० पू० निर्धारित किया है। मैक्समूलर का अनुमान है कि ऋग्वेद काल 1200 ई० पू० से 1000 ई० पू० तक है।  मान्यतिथि– भारत में आर्यों का आगमन 1500 ई० पू० के लगभग हुआ।  आर्यों का मूल स्थान आर्य किस प्रदेश के मूल निवासी थे, यह भारतीय इतिहास का एक विवादास्पद प्रश्न है। इस सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों द्वारा दिए गए मत संक्षेप में निम्नलिखित हैं। यूरोप 5 जातीय विशेषताओं के आधार पर पेनका, हर्ट आदि विद्वानों ने जर्मनी को आर्यों का आदि देश स्वीकार किया है।  गाइल्स ने आर्यों का आदि देश हंगरी अथवा डेन्यूब घाटी को माना है।  मेयर, पीक, गार्डन चाइल्ड, पिगट, नेहरिंग, बैण्डेस्टीन ने दक्षिणी रूस को आर्यों का मूल निवास स्थान माना है। यह मत सर्वाधिक मान्य है। आर्य भारोपीय भाषा वर्ग की अनेक भाषाओं में से एक संस्कृत बोलते थे। भाषा वैज्ञानिकों के अनुसार भारोपीय वर्ग की विभिन्न भाषाओं का प्रयोग करने वाले लोगों का सम्बन्ध शीतोष्ण जलवायु वाले ऐसे क्षेत्रों से था जो घास से आच्छादित विशाल मैदान थे। यह निष्कर्ष इस मत पर आधारित है

वैदिक काल का इतिहास | सम्पूर्ण जानकारी Read More »