शासन

संसद एवं राज्य विधानमंडल की तुलना

संसद एवं राज्य विधानमंडल की तुलना

संसद एवं राज्य विधानमंडल की स्थिति धन विधेयक के संबंध में एक समान है अर्थात विधेयक के संबंध में उच्च सदन केवल अपनी सिफारिशें दे सकता है जिन्हें स्वीकार करना न करना निम्न सदन पर निर्भर कर सकता है | धन विधेयक भिन्न अन्य सामान्य विधेयक संसद अथवा राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन में […]

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राज्य विधानमंडल के विशेषाधिकार

अनुच्छेद 194 के अंतर्गत राज्य विधानमंडल के विशेषाधिकार राज्य विधानमंडल के सदनों, इसके सदस्यों एवं इसकी समितियों को मिलने वाले विशेष अधिकारों, उन्मुक्तियों और छूटों का योग है| ये अधिकार इन कार्यवाहियों की स्वतंत्रता और प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है | संविधान में राज्य विधानमंडल के विशेष अधिकारों और उन व्यक्तियों तक

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भारत का प्रधानमंत्री | नियुक्ति | योग्यताएं | शक्तियां | विवाद

सैद्धांतिक रूप से समस्त कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है जबकि यथार्थ में कार्यपालिका की वास्तविक सत्ता प्रधानमंत्री सहित मंत्रिपरिषद में निहित होती है | संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति को उसकी शक्तियों के प्रयोग करने में सहयोग एवं परामर्श देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान प्रधानमंत्री होगा | परंतु 44 संशोधन अधिनियम

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मंत्री परिषद एवं मंत्रीमंडल के संरचना, कार्य एवं अंतर

भारतीय संविधान में केवल मंत्रिपरिषद का उल्लेख है मंत्रिमंडल का नहीं मंत्रिमंडल तो संसदीय प्रणाली की परंपराओं की उपज है मंत्रिमंडल में केवल कैबिनेट मंत्री ही सम्मिलित होते हैं जबकि मंत्रिपरिषद में सभी प्रकार के मंत्री | मंत्री परिषद देश की वास्तविक कार्यपालिका होती है जिसको कार्यकारी वैधानिक वित्तीय आदि शक्तियां प्राप्त हैं | 44वें संशोधन अधिनियम

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केंद्र शासित प्रदेश

केंद्र शासित प्रदेश क्या होता है? और भारत में केंद्र शासित प्रदेश क्यों हैं ? भारतीय संविधान में प्रारूप के अनुसार भारत को राज्यों का संघ कहा जाता है,वर्तमान समय में भारत में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं |राज्य का शासन उस राज्य की जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री के द्वारा किया

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स्वतंत्र प्रांतीय राज्य

स्वतंत्र प्रांतीय राज्य Independent Provincial States बंगाल  ग्याशुद्दीन तुगलक ने बंगाल को तीन भागों लखनौती (उत्तर बंगाल), सोनारगाँव (पूर्वी बंगाल) तथा सतगाँव (दक्षिण बंगाल) में विभाजित कर दिया। परंतु, शम्सुद्दीन इलियास शाह ( हाजी इलियास) ने 1350 ई० में बंगाल को एकीकृत कर स्वयं को वहाँ का स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया।  बंगाल के प्रमुख

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बहलोल लोदी

बहलोल लोदी Bahlol Lodi दिल्ली सल्तनत के अंतर्गत पहला अफगान वंश बहलोल लोदी ने स्थापित किया लोदी शासक अफगान जाति के थे जिन्हे पठान भी कहा जाता था प्रथम अफगान राज्य की स्थापना (मध्यकालीन भारत में) लोदीयों ने ही की थी लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था इसका शासन काल 1451-1489 तक रहा दिल्ली की गद्दी पर बैठने

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महाजनपद काल की सम्पूर्ण जानकारी

महाजनपद काल Mahajanpad Kaal ई० पू० छठी शताब्दी में भारतीय राजनीति में एक नया परिवर्तन दृष्टिगत होता है। वह है-अनेक शक्तिशाली राज्यों का विकास। अधिशेष उत्पादन, नियमित कर व्यवस्था ने राज्य संस्था को मजबूत बनाने में योगदान दिया। सामरिक रूप से शक्तिशाली तत्वों को इस अधिशेष एवं लौह तकनीक पर आधारित उच्च श्रेणी के हथियारों से जन से जनपद एवं साम्राज्य बनने में काफी योगदान मिला।  सोलह महाजनपद – बुद्ध के समय में हमें सोलह महाजनपदों की सूची प्राप्त होती है।  महाजनपद – राजधानी | 1. अंग  चम्पा 2. गांधार  तक्षशिला 3. कंबोज  हाटक 4. अस्सक या अश्मक  पोतन या पोटली 5. वत्स  कौशाम्बी 6. अवंती  उज्जैयिनी, महिष्मती

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