संस्कृति

हिंदू महासभा की स्थापना

हिंदू महासभा की स्थापना

अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक राजनीतिक दल है। जिसकी स्थापना 9 अप्रैल, 1915 ई० को हुई। इसकी स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने हरिद्वार (प्रयाग) के कुंभ मेले में की। इस संस्था में बी०एस०मुंजे एवं लाला लाजपतराय जैसे राष्ट्रवादी नेता थे। हिन्दू महासभा ने अखंड भारत का नारा दिया। 1930-32 ई० तक यह संगठन कट्टर संकीर्णता से […]

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नूरुददीन मोहम्मद जहांगीर का इतिहास

जहाँगीर का जीवन परिचय Nooruddeen Biography नूरुद्दीन मोहम्मद जहांगीर का जन्म 30 अगस्त 1559 ई. को हुआ थाजहांगीर के बचपन का नाम सलीम था जहाँगीर की माता मरियम-उज-जमानी थी सलीम को सर्वप्रथम बैरम खां के पुत्र अब्दुर्रहीम खानेखाना के संरक्षण में रखा गया था जो सलीम का शिक्षक था जहांगीर का विवाह सलीम का पहला

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मध्यकालीन भारत में धार्मिक आंदोलन

भक्ति आंदोलन (Bhakti Movment) भक्ति आंदोलन का विकास वास्तविक रूप से 7वीं तथा 12वीं शताब्दी में हुआ।  शंकराचार्य ने एक नया धार्मिक आंदोलन चलाया जिसका धार्मिक अंश वेदांत तथा साधन का अंश स्मार्त कहलाता है। शंकराचार्य ने अद्वैतवाद का उपदेश दिया तथा ज्ञान को मोक्ष प्राप्ति का सफल मार्ग बतलाया। शंकराचार्य के अनुसार जीव ब्रह्म

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बहलोल लोदी

बहलोल लोदी Bahlol Lodi दिल्ली सल्तनत के अंतर्गत पहला अफगान वंश बहलोल लोदी ने स्थापित किया लोदी शासक अफगान जाति के थे जिन्हे पठान भी कहा जाता था प्रथम अफगान राज्य की स्थापना (मध्यकालीन भारत में) लोदीयों ने ही की थी लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था इसका शासन काल 1451-1489 तक रहा दिल्ली की गद्दी पर बैठने

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फिरोज़ शाह तुगलक

फिरोज़ शाह तुगलक Firoz Shah Tuglaq 1. फिरोजशाह तुगलक का जन्म 1309 ई0 में हुआ इसके पिता का नाम रज्जब था व इसकी माता अबोहर के राजपूत भट्टी शासकराजा रणमल की पुत्री थी 2. मोहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु के बाद फिरोजशाह तुगलक 1351 ई0 में गद्दी पर बैठा 3. एलफिंसटन के अनुसार, फिरोजशाह सल्तनत युग का अकबर

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महाजनपद काल की सम्पूर्ण जानकारी

महाजनपद काल Mahajanpad Kaal ई० पू० छठी शताब्दी में भारतीय राजनीति में एक नया परिवर्तन दृष्टिगत होता है। वह है-अनेक शक्तिशाली राज्यों का विकास। अधिशेष उत्पादन, नियमित कर व्यवस्था ने राज्य संस्था को मजबूत बनाने में योगदान दिया। सामरिक रूप से शक्तिशाली तत्वों को इस अधिशेष एवं लौह तकनीक पर आधारित उच्च श्रेणी के हथियारों से जन से जनपद एवं साम्राज्य बनने में काफी योगदान मिला।  सोलह महाजनपद – बुद्ध के समय में हमें सोलह महाजनपदों की सूची प्राप्त होती है।  महाजनपद – राजधानी | 1. अंग  चम्पा 2. गांधार  तक्षशिला 3. कंबोज  हाटक 4. अस्सक या अश्मक  पोतन या पोटली 5. वत्स  कौशाम्बी 6. अवंती  उज्जैयिनी, महिष्मती

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वैदिक काल का इतिहास | सम्पूर्ण जानकारी

वैदिक सभ्यता का काल याकोबी एवं तिलक ने ग्रहादि सम्बन्धी उद्धरणों के आधार पर भारत में आर्यों का आगमन 4000 ई० पू० निर्धारित किया है। मैक्समूलर का अनुमान है कि ऋग्वेद काल 1200 ई० पू० से 1000 ई० पू० तक है।  मान्यतिथि– भारत में आर्यों का आगमन 1500 ई० पू० के लगभग हुआ।  आर्यों का मूल स्थान आर्य किस प्रदेश के मूल निवासी थे, यह भारतीय इतिहास का एक विवादास्पद प्रश्न है। इस सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों द्वारा दिए गए मत संक्षेप में निम्नलिखित हैं। यूरोप 5 जातीय विशेषताओं के आधार पर पेनका, हर्ट आदि विद्वानों ने जर्मनी को आर्यों का आदि देश स्वीकार किया है।  गाइल्स ने आर्यों का आदि देश हंगरी अथवा डेन्यूब घाटी को माना है।  मेयर, पीक, गार्डन चाइल्ड, पिगट, नेहरिंग, बैण्डेस्टीन ने दक्षिणी रूस को आर्यों का मूल निवास स्थान माना है। यह मत सर्वाधिक मान्य है। आर्य भारोपीय भाषा वर्ग की अनेक भाषाओं में से एक संस्कृत बोलते थे। भाषा वैज्ञानिकों के अनुसार भारोपीय वर्ग की विभिन्न भाषाओं का प्रयोग करने वाले लोगों का सम्बन्ध शीतोष्ण जलवायु वाले ऐसे क्षेत्रों से था जो घास से आच्छादित विशाल मैदान थे। यह निष्कर्ष इस मत पर आधारित है

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प्राचीन काल के प्रमुख राजवंश संस्थापक एवं राजधानी

राजवंश संस्थापक राजधानी हर्यक वंश बिंबिसार राजगृह, पाटलिपुत्र शिशुनागवंश शिशुनाग पाटिलपुत्र नंद वंश महापद्मनंद पाटिलपुत्र मौर्य वंश चंद्रगुप्त मौर्य पाटिलपुत्र शुंग वंश पुष्यमित्र शुंग पाटिलपुत्र कण्व वंश वसुदेव पाटिलपुत्र सातवाहन वंश सिमुक प्रतिष्ठान इक्ष्वाकु वंश श्री शांतमूल नागार्जुनीकोण्ड कुषाण वंश कडफिसस प्रथम पुरुषपुर (पेशावर), मथुरा गुप्त वंश श्रीगुप्त पाटिलपुत्र हूण वंश तोरमाण शाकल (सियालकोट) पुण्य

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