उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ

उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या का 0.6% जनसैख्या अनुसूचित जनजाति की हैं उत्तर प्रदेश की प्रमुख अनुसूचित जनजातियाँ बुक्सा, थारू, राजी, जौनसारी, खरवार, महिगीर, गोंड, ओझा, धुरिया, नायक, पथारी, राजगोंड, सहरिया, पहरिया, बैगा, पांखा, अगरिया, पटारी, चेरो, भुइया आदि है।

* थारू जनजाति

  • थारू जनजाति उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति है।
  • थारू जनजाति के लोग उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के तराई भाग में निवास करते है
  • थारु जनजाति के लोग किरात वंश से सम्बंधित है
  • थारुओ द्वारा बजहर नामक त्यौहार मनाया जाता है दीपावली को ये शोक पर्व के रूप में मनाते है, थारू जनजाति द्वारा होली के
  • मौके पर खिचड़ी नृत्य किया जाता है
  • घारू जनजाती के लोगो में बदला विवाह प्रथा तथा तीन टिकठी विवाह प्रथा प्रचलित है, थारुओ में दोनों पक्षो से विवाह तय हो जाने को पक्की पोड़ी कहा जाता है
  • उत्तर प्रदेश में 2 अक्टूबर 1980 को थारू विकास परियोजना का प्रारंभ किया गया

* जौनसारी जनजाति

  • जौनसारी समुदाय के मुख्य त्यौहार बिस्सू (बैसाखी), पंचाई (दशहरा), दियाई (दिवाली), नुणाई, अठोई आदि है ये दीपावली को एक माह बाद मनाते है
  • हारुल, रासों, घुमसू, झेला, धीई, तांदी, मरोज, पौणाई आदि इनके प्रमुख्य नृत्य है

* बुक्सा या भोक्सा जनजाति

  • उत्तर प्रदेश में बुक्स जनजाति बिजनौर जिले में पाई जाती है।
  • बुक्सा जनजाति की पंचायत के सर्वोच्य व्यक्ति को तखत कहा जाता है
  • उत्तर प्रदेश में बुक्सा जनजाति विकास परियोजना 1983-84 में प्रारंभ की गयी

* खरवार जनजाति

  • उत्तर प्रदेश में खरवार जनजाति के लोग मुख्यतः सोनभद्र जिले में निवास करते है
  • सूरजवंशी, पत्बन्धी, दौलतबंधी, खेरी, मौगति, आर्मिया इस जनजाति की उपजातियां है
  • बघउस, वनसंती, दुल्हादेव, घमसान, गोरड्या आदि इनके प्रमुख देवता है
  • खरवार जनजाति का प्रमुख नृत्य करमा है

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