नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) का गठन भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया था। एनएसजी का मुख्य फोकस आतंकवाद से निपटना है, जबकि एसपीजी का कार्य प्रधानमंत्री और अन्य उच्च श्रेणी के वीआईपी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) का गठन भारत की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया था। एनएसजी का मुख्य फोकस आतंकवाद से निपटना है, जबकि एसपीजी का कार्य प्रधानमंत्री और अन्य उच्च श्रेणी के वीआईपी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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एनएसजी कमांडो सीधे भर्ती नहीं किए जाते, बल्कि उन्हें भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों से चुना जाता है। वहीं, एसपीजी की भर्ती भारतीय पुलिस सेवा और केंद्रीय सशस्त्र बलों से की जाती है।

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एनएसजी कमांडो की ट्रेनिंग सबसे कठिन मानी जाती है, जिसमें फिजिकल और मेंटल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन्हें क्लोज़ क्वार्टर बैटल, स्नाइपर ट्रेनिंग, और आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स के लिए ट्रेंड किया जाता है।

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एसपीजी कमांडोज को फिजिकल फिटनेस, हथियारों की हैंडलिंग, और सुरक्षा प्रोटोकॉल्स की एक्सटेंसिव ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें वीआईपी सुरक्षा, वाहन एस्कॉर्ट, और क्राउड मैनेजमेंट की तकनीकों में भी प्रशिक्षित किया जाता है।

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जहां एनएसजी का मुख्य कार्य आतंकवाद से लड़ना है, वहीं एसपीजी का मुख्य काम प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा करना होता है। दोनों फोर्सेज की भूमिकाएं भिन्न हैं, लेकिन उनके कार्य की गंभीरता समान है।

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एनएसजी और एसपीजी दोनों ही अपनी ट्रेनिंग, कौशल, और ऑपरेशन क्षमता में उत्कृष्ट हैं। एक आतंकवाद से लड़ने में विशेषज्ञ है, जबकि दूसरा देश के सबसे महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा में निपुण है।

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