Surya Namskar ki Vidh

सूर्य नमस्कार सरल विधि -Surya Namskar ki Vidh

1. सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले एक योगा मैट बिछा लें। अगर आपके पास योगा मैट नहीं हो तो आप मोटी दरी या चादर ले सकते हैं। अब उस पर दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हों। नेत्र बंद करें। ध्यान ‘आज्ञा चक्र’ पर केंद्रित करके ‘सूर्य भगवान’ का आह्वान ‘ॐ मित्राय नमः’ मंत्र के द्वारा करें।

ॐ मित्राय नमः
Step 1 ॐ मित्राय नमः

2. श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाते हुए ऊपर की ओर तानें तथा भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं। ध्यान को गर्दन के पीछे ‘विशुद्धि चक्र’ पर केन्द्रित करें।

Step 2 ॐ रवये नमः

3. तीसरी स्थिति में श्वास को धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकाएं। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें। माथा घुटनों का स्पर्श करता हुआ ध्यान नाभि के पीछे ‘मणिपूरक चक्र’ पर केन्द्रित करते हुए कुछ क्षण इसी स्थिति में रुकें। कमर एवं रीढ़ के दोष वाले साधक न करें।

Step 3 ॐ सूर्याय नमः

4. इसी स्थिति में श्वास को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। छाती को खींचकर आगे की ओर तानें। गर्दन को अधिक पीछे की ओर झुकाएं। टांग तनी हुई सीधी पीछे की ओर खिंचाव और पैर का पंजा खड़ा हुआ। इस स्थिति में कुछ समय रुकें। ध्यान को ‘स्वाधिष्ठान’ अथवा ‘विशुद्धि चक्र’ पर ले जाएं। मुखाकृति सामान्य रखें।

Steps 4 ॐ भानवे नमः

5. श्वास को धीरे-धीरे बाहर निष्कासित करते हुए दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं। दोनों पैरों की एड़ियां परस्पर मिली हुई हों। पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें और एड़ियों को पृथ्वी पर मिलाने का प्रयास करें। नितंबो को अधिक से अधिक ऊपर उठाएं। गर्दन को नीचे झुकाकर ठोड़ी को कण्ठकूप में लगाएं। ध्यान ‘सहस्रार चक्र’ पर केन्द्रित करने का अभ्यास करें।

Steps 5 ॐ खगाय नमः

6. श्वास भरते हुए शरीर को पृथ्वी के समानांतर, सीधा साष्टांग दंडवत करें और पहले घुटने, छाती और माथा पृथ्वी पर लगा दें। नितंबों को थोड़ा ऊपर उठा दें। श्वास छोड़ दें। ध्यान को ‘अनाहत चक्र‘ पर टिका दें। श्वास की गति सामान्य करें।

Steps 6 ॐ पूष्णे नमः

7. इस स्थिति में धीरे-धीरे श्वास को भरते हुए छाती को आगे की ओर खींचते हुए हाथों को सीधे कर दें। गर्दन को पीछे की ओर ले जाएं। घुटने पृथ्वी का स्पर्श करते हुए तथा पैरों के पंजे खड़े रहें। मूलाधार को खींचकर वहीं ध्यान को टिका दें।

Steps 7 ॐ हिरण्यगर्भाय नमः

8. पुनः यह क्रिया पांचवीं स्थिति के समान ही करें।

Steps 8 ॐ मरीचये नमः

9. तत्पश्चात यह क्रिया चौथी स्थिति के समान करें।10. फिर यह क्रिया तीसरी स्थिति के समान अपनाएं।

Steps 9 ॐ आदित्याय नमः
Steps 10 ॐ सवित्रे नमः

11. पुनः यह क्रिया दूसरी स्थिति के समान करें।

Steps 11 ॐ अर्काय नमः

12. सूर्य नमस्कार को पूर्ण चक्र में 12 स्थितियों को क्रम से दोहराया जाता है, यानी बारहवीं क्रिया पहली स्थिति की भांति होगी तथा सूर्य नमस्कार की क्रिया पूर्ण हो जाएगी।

Steps 12 ॐ भास्कराय नमः

इसे भी पढ़े – Gurukul Yatra

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *